विज्ञापन
Story ProgressBack

हरदा हादसे के पीड़ितों पर खर्च हों जमा 20 लाख रुपए, बने सख्त नीति... NGT ने अपने आदेश में क्या कहा?

जस्टिस शिवकुमार सिंह और एक्सपर्ट मेम्बर डॉ. अफरोज अहमद ने स्पष्ट किया कि समारोह या उत्सव के नाम पर प्रतिबंधित और खतरनाक पटाखों की अनुमति नहीं दी जा सकती है. किसी के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ नहीं किया जा सकता है.

Read Time: 3 min
हरदा हादसे के पीड़ितों पर खर्च हों जमा 20 लाख रुपए, बने सख्त नीति... NGT ने अपने आदेश में क्या कहा?

Harda Factory Blast : खतरनाक पटाखों से हुए हरदा के हादसे के मद्देनजर शासन को सख्त नीति बनाकर स्टेन्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर तय करने चाहिए ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों. इन उद्योगों और आवासीय क्षेत्रों के बीच 500 से 1000 मीटर का बफर जोन होना चाहिए. एन.जी.टी. के पास पूर्व में जमा किए गए 20 लाख रुपए को हरदा हादसे के पीड़ितों पर खर्च किया जाए. इस बाबत पर्यावरण, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, रेवेन्यू और शहरी विकास के प्रमुख सचिवों की कमेटी खर्च की जिम्मेदारी लेगी. इन पर 3 हफ्ते के भीतर एक्शन प्लान बनाकर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए. यह आदेश जस्टिस शिव कुमार सिंह और एक्सपर्ट मेम्बर डॉ. अफरोज अहमद ने डॉ. पी.जी. नाजपांडे और रजत भार्गव की नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में दायर अवमानना याचिका पर जारी किया है.

याचिकाकर्ताओं के एडवोकेट प्रभात यादव ने दलिल दी कि सुप्रीम कोर्ट ने खतरनाक पटाखों पर अंडरटेकिंग और टेस्टिंग के आदेश दिए थे. अगर इन आदेशों का पालन किया जाता तो आज हरदा का हादसा नहीं होता.
प्रभात यादव ने कोर्ट को बताया कि पटाखों में खतरनाक रासायनिक तत्व होते हैं. उनका विक्रय सेल और संग्रहण के आदेश का पूर्णता परिपालन मध्य प्रदेश में नहीं किया गया. इसके परिणामस्वरूप हरदा जैसी घटना हुई.
रेजिडेंशियल इलाकों की दूरी कम से कम 500 मीटर से 1000 मीटर तक होनी चाहिए और वहां सीसीटीवी कैमरों का इंस्टॉलेशन होना चाहिए और किसी भी प्रकार के प्रतिबंधित पटाखों का विक्रय और संग्रहण नहीं होना चाहिए. तीन हफ्ते के अंदर वर्तमान स्टेटस रिपोर्ट एनजीटी में प्रस्तुत करें. अब इस मामले की अगली सुनवाई एनजीटी में 6 मार्च 2024 को हरदा वाले प्रकरण के साथी रखी है.

यह भी पढ़ें : UPSC, SSC, NEET, JEE जैसे एग्जाम में पेपर लीक को रोकने के लिए सार्वजनिक परीक्षा विधेयक राज्यसभा में पारित

एनजीटी ने व्यक्त की चिंता

याचिकाकर्ता सामाजिक कार्यकर्ता पी जी नाजपांडे ने एनडीटीवी को बताया कि मेरी याचिका पर माननीय एनजीटी ने बहुत अच्छे आदेश देते हुए कहा था कि जो खतरनाक पटाखे हैं उन पर आप अंडरटेकिंग लीजिए और टेस्टिंग के बाद ही उनके इस्तेमाल का आदेश दीजिए लेकिन इस आदेश का पालन सरकार ने नहीं किया जिसके कारण इतना बड़ा हादसा हो गया. स्वयं एनजीटी ने बहुत चिंता और नाराजगी व्यक्त की है.

यह भी पढ़ें : MP में जनजातीय बहुल रतलाम-झाबुआ सीट से लोकसभा चुनाव का बिगुल फूंकेंगे PM मोदी, इन जातियों को साधने का है प्लान

6 मार्च को होगी सुनवाई

एन. जी. टी. के जस्टिस शिवकुमार सिंह और एक्सपर्ट मेम्बर डॉ. अफरोज अहमद ने इस दलील पर सहमति जताते हुए यह याचिका हरदा के हादसे पर सुमोटो याचिका के साथ जोड़ी. एन. जी. टी. ने अपने आदेश में हरदा सरीखे हादसों पर पूर्ण नियंत्रण करने हेतु 26 कदमों का विस्तृत विवरण दिया है और उन्हें पालन करने के सख्त निर्देश दिए हैं. मामले की अगली सुनवाई 6 मार्च को तय की. जस्टिस शिवकुमार सिंह और एक्सपर्ट मेम्बर डॉ. अफरोज अहमद ने स्पष्ट किया कि समारोह या उत्सव के नाम पर प्रतिबंधित और खतरनाक पटाखों की अनुमति नहीं दी जा सकती है. किसी के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ नहीं किया जा सकता है.

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
NDTV Madhya Pradesh Chhattisgarh
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Close