The Public Examinations (Prevention of Unfair Means) Bill, 2024: राज्यसभा (Rajya Sabha) में यूपीएससी (UPSC), एसएससी (SSC) जैस भर्ती परीक्षाओं (Recruitment Examinations) और नीट (NEET), जेईई (JEE) और सीयूईटी (CUET) जैसी प्रवेश परीक्षाओं (Entrance Exams) में पेपर लीक (Paper Leak), कर्तव्य की उपेक्षा के साथ-साथ संगठित होकर गलत तरीके अपनाने पर अंकुश लगाने के लिए 'सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2024' पारित किया गया है. इस बारे में केन्द्रीय मंत्री डॉ जितेन्द्र सिंह (Union Minister Dr Jitendra Singh) का कहना है कि सार्वजनिक परीक्षा विधेयक, जो संभवतः भारत की संसद के इतिहास में अपनी तरह का पहला विधेयक है, भारत के युवाओं को समर्पित है. उन्होंने कहा कि यह विधेयक अधिक पारदर्शिता और समयबद्ध चयन प्रक्रिया (Selection Process) सुनिश्चित करेगा और समान अवसर प्रदान करेगा साथ ही सरकार राज्यों को यह विधेयक अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगी.
I thank Hon'ble members of #RajyaSabha for passing “Public Examinations(Prevention of Unfair Means)Bill,2024”which seeks to provide level playing field for youth of this country & save the deserving from ordeal of being wronged by sinful malpractitioners. https://t.co/GsYDk5oIrp
— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) February 9, 2024
लोकसभा में पहले ही हो चुका है पारित, जल्द ही बन जाएगा कानून
सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2024 का उद्देश्य यूपीएससी, एसएससी आदि भर्ती परीक्षाओं और नीट, जेईई और सीयूईटी जैसी प्रवेश परीक्षाओं में पेपर लीक, कर्तव्य की उपेक्षा के साथ-साथ संगठित होकर गलत तरीके अपनाने पर अंकुश लगाना है. लोकसभा इस विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है. अब इसे राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा और अनुमति मिलने के बाद यह कानून बन जाएगा.
भारत के युवाओं को समर्पित है यह विधेयक : केंद्रीय मंत्री
विधेयक के बारे में जानकारी देते हुए केन्द्रीय राज्य मंत्री डीओपीटी प्रभारी डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि सार्वजनिक परीक्षा विधेयक, जो संभवतः भारत की संसद के इतिहास में अपनी तरह का पहला विधेयक है, भारत के युवाओं को समर्पित है. विस्तृत चर्चा के बाद लोकसभा 6 फरवरी 2024 को इस विधेयक को पारित कर चुकी है. देश के युवाओं का इनसे संबंध है, जो देश की आबादी का 70 प्रतिशत हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के विकसित भारत के निर्माण में अगले दो दशकों में राष्ट्र निर्माण के लिए उनका योगदान अनिवार्य है.
डॉ जितेन्द्र सिंह
डॉ जितेंद्र सिंह ने आगे कहा कि पीएम मोदी ने 2014 में एक राजपत्रित अधिकारी द्वारा दस्तावेजों के सत्यापन के नियम को खत्म करके और स्व-सत्यापन की शुरुआत करके एक बड़ी पहल की और कहा कि हमें अपने युवाओं पर भरोसा है. बाद में, पक्षपात और भाई-भतीजावाद पर अंकुश लगाने के लिए सरकारी भर्ती और उच्च शिक्षा में साक्षात्कार समाप्त कर दिए गए.
यह भी पढ़ें : 11 फरवरी को मध्य प्रदेश के दौरे पर रहेंगे PM मोदी, ₹7500 करोड़ रुपये की इन परियोजनाओं की देंगे सौगात