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UPSC, SSC, NEET, JEE जैसे एग्जाम में पेपर लीक को रोकने के लिए सार्वजनिक परीक्षा विधेयक राज्यसभा में पारित

Public Exams Bill News: विधेयक के बारे में जानकारी देते हुए केन्‍द्रीय राज्य मंत्री डीओपीटी प्रभारी डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने कहा कि सार्वजनिक परीक्षा विधेयक, जो संभवतः भारत की संसद के इतिहास में अपनी तरह का पहला विधेयक है, भारत के युवाओं को समर्पित है. विस्‍तृत चर्चा के बाद लोकसभा 6 फरवरी 2024 को इस विधेयक को पारित कर चुकी है.

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UPSC, SSC, NEET, JEE जैसे एग्जाम में पेपर लीक को रोकने के लिए सार्वजनिक परीक्षा विधेयक राज्यसभा में पारित

The Public Examinations (Prevention of Unfair Means) Bill, 2024: राज्यसभा (Rajya Sabha) में यूपीएससी (UPSC), एसएससी (SSC) जैस भर्ती परीक्षाओं (Recruitment Examinations) और नीट (NEET), जेईई (JEE) और सीयूईटी (CUET) जैसी प्रवेश परीक्षाओं (Entrance Exams) में पेपर लीक (Paper Leak), कर्तव्‍य की उपेक्षा के साथ-साथ संगठित होकर गलत तरीके अपनाने पर अंकुश लगाने के लिए 'सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2024' पारित किया गया है. इस बारे में केन्‍द्रीय मंत्री डॉ जितेन्‍द्र सिंह (Union Minister Dr Jitendra Singh) का कहना है कि सार्वजनिक परीक्षा विधेयक, जो संभवतः भारत की संसद के इतिहास में अपनी तरह का पहला विधेयक है, भारत के युवाओं को समर्पित है. उन्होंने कहा कि यह विधेयक अधिक पारदर्शिता और समयबद्ध चयन प्रक्रिया (Selection Process) सुनिश्चित करेगा और समान अवसर प्रदान करेगा साथ ही सरकार राज्यों को यह विधेयक अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगी.

लोकसभा में पहले ही हो चुका है पारित, जल्द ही बन जाएगा कानून

सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2024 का उद्देश्य यूपीएससी, एसएससी आदि भर्ती परीक्षाओं और नीट, जेईई और सीयूईटी जैसी प्रवेश परीक्षाओं में पेपर लीक, कर्तव्‍य की उपेक्षा के साथ-साथ संगठित होकर गलत तरीके अपनाने पर अंकुश लगाना है. लोकसभा इस विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है. अब इसे राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा और अनुमति मिलने के बाद यह कानून बन जाएगा.

 भारत के युवाओं को समर्पित है यह विधेयक : केंद्रीय मंत्री

विधेयक के बारे में जानकारी देते हुए केन्‍द्रीय राज्य मंत्री डीओपीटी प्रभारी डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने कहा कि सार्वजनिक परीक्षा विधेयक, जो संभवतः भारत की संसद के इतिहास में अपनी तरह का पहला विधेयक है, भारत के युवाओं को समर्पित है. विस्‍तृत चर्चा के बाद लोकसभा 6 फरवरी 2024 को इस विधेयक को पारित कर चुकी है. देश के युवाओं का इनसे संबंध है, जो देश की आबादी का 70 प्रतिशत हैं. प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के विकसित भारत के निर्माण में अगले दो दशकों में राष्ट्र निर्माण के लिए उनका योगदान अनिवार्य है.

"अनुचित साधन निवारण विधेयक, 2024" में संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, रेलवे, बैंकिंग भर्ती परीक्षाएं और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा आयोजित सभी कंप्यूटर-आधारित परीक्षाएं शामिल होंगी.
यूपीएससी, एसएससी और अन्य भर्ती एजेंसियों द्वारा ऑनलाइन परीक्षा शुरू करके पारदर्शिता और निष्पक्षता भी सुनिश्चित की गई है और पूरी चयन प्रक्रिया को एक-दो साल से घटाकर 6-7 महीने कर दिया गया है. पीएम मोदी (PM Modi) की कल्‍पना और दिशा के साथ, रोज़गार मेलों की प्रक्रिया शुरू की गई ताकि रिक्तियों को बड़े पैमाने पर (50,000 से 60,000) तक भरा जा सके. यहां तक कि एक लाख नियुक्ति पत्र एक साथ जारी किए जा रहे हैं. नई नियुक्तियों की योग्यता का स्तर ऊपर उठ गया है.

डॉ जितेन्‍द्र सिंह

केन्‍द्रीय राज्य मंत्री और डीओपीटी प्रभारी

डॉ जितेंद्र सिंह ने आगे कहा कि पीएम मोदी ने 2014 में एक राजपत्रित अधिकारी द्वारा दस्तावेजों के सत्यापन के नियम को खत्म करके और स्व-सत्यापन की शुरुआत करके एक बड़ी पहल की और कहा कि हमें अपने युवाओं पर भरोसा है. बाद में, पक्षपात और भाई-भतीजावाद पर अंकुश लगाने के लिए सरकारी भर्ती और उच्च शिक्षा में साक्षात्कार समाप्त कर दिए गए.

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