Harda Fircracker Factory Blast Case: बहुचर्चित हरदा पटाखा फैक्टरी ब्लास्ट केस में मृतकों व घायलों के मुआवजे को लेकर अजीबोगरीब मामला सामने आया है. फिलहाल, फैक्टरी ब्लास्ट में मारे गए मृतकों के लिए मुआवजे की घोषणा कर दी गई, लेकिन 50 से अधिक घायलों की सुध नहीं ली गई है. मामले पर सोमवार को जबलपुर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई और कोर्ट ने मृतकों को 15-15 लाख मुआवजा देने का निर्देश दिया है, लेकिन घायलों का मुआवजा टल गया.
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हादसे को 10 माह गुजरे, लेकिन पीड़ितो को नहीं मिला मुआवजा
गौरतलब है हरदा फैक्टरी ब्लास्ट हादसे को करीब 10 माह गुजर चुके हैं, लेकिन अभी तक मृतकों और घायलो को मुआवजा नहीं दिया गया है. मुआवजे को लेकर जब पीड़ितों ने आवाज उठाया तो फैक्टरी मालिक हाईकोर्ट पहुंच गए और घायलो के मुआवजे की राशि के वितरण को लेकर सवाल उठाए.
कोर्ट ने घायलों के मुआवजे का मुद्दा एनजीटी में उठाने की दी छूट
जबलपुर हाईकोर्ट में प्रशासनिक न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सर्राफ की युगलपीठ ने फैक्टरी मालिक सोमेश अग्रवाल व राजेश अग्रवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए फैक्टरी मालिकों को यह छूट प्रदान की है कि वे घायलों, संपत्ति नुकसान व अन्य मदों के लिए तय मुआवजे को लेकर एनजीटी में आपत्ति उठा सकते हैं.
हरदा ब्लास्ट मृतकों को 15-15 लाख रुपए मुआवजा देने का निर्देश
हरदा फैक्टरी मालिकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने अभी केवल मृत्यु के मामलों में ही मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं, लेकिन घायलों की सुध नहीं ली. हाई कोर्ट की युगलपीठ ने घायलों व संपत्ति नुकसान पीड़ितों के मुआवजे के मुद्दे को एनजीटी में उठाने की छूट दी है और एनजीटी को उनके मुआवजे को लेकर अंतिम आदेश जारी करने के कहा है.
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फैक्टरी मालिकों की संपत्ति की नीलामी कर मुआवजे की राशि जुटाएं
रिपोर्ट के मुताबिक हरदा पटाखा फैक्टरी ब्लास्ट के बाद एनजीटी ने घटना के दिन ही आदेश पारित किया था कि हादसे में मृतकों, घायलों और संपति का नुकसान झेलने वालों को मुआवजा वितरित किया जाए. एनजीटी ने प्रशासन को आदेश दिया था कि फैक्टरी मालिकों की संपत्ति की नीलामी कर मुआवजे की राशि जुटाएं.
एनजीटी के आदेश को फैक्टरी मालिकों ने हाई कोर्ट में चुनौती दी
एनजीटी के आदेश को फैक्टरी मालिक सोमेश अग्रवाल व राजेश अग्रवाल ने हाई कोर्ट में चुनौती दी. याचिकाकर्ताओं की ओर से दलील दी गई कि घटना के दिन एनजीटी ने आदेश दे दिया, जबकि घटना के दिन घायलों और संपत्ति नुकसान का आकलन भी नहीं हुआ था. उन्होंने दलील में यह भी कहा कि कई लोग गलत तरीके से मुआवजा का दावा कर रहे हैं.
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