
Prime Minister Narendra Modi in Madhya Pradesh: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) 11 फरवरी को मध्य प्रदेश के दौरे (Prime Minister Narendra Modi to visit Madhya Pradesh) पर रहेंगे. इस दौरान पीएम मोदी (PM Modi) लगभग 7500 करोड़ रुपये की कई विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे. इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को मध्य प्रदेश में जनजातीय बहुल रतलाम-झाबुआ सीट (Tribal dominated Ratlam-Jhabua seat) से लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) का बिगुल भी फूंकेंगे. आदिवासी बहुल सीटों पर बड़ा स्कोर बनाने के नजरिये से PM मोदी की ये रैली काफी अहम है.
इन जातियों को साधेंगे PM मोदी
झाबुआ की रैली से भील और भिलाला जनजातियों (Bhil and Bhilala Tribes) के बीच पैठ बनाने की कोशिश ना सिर्फ पश्चिमी मध्यप्रदेश बल्कि राजस्थान और गुजरात के 10-12 जिलों की राजनीति को प्रभावित करेगी. झाबुआ से प्रधानमंत्री लगभग 7 हजार 500 करोड़ रुपये की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी करेंगे. पीएम मोदी पश्चिम मध्य प्रदेश के भील-जनजाति बहुल झाबुआ जिले में गोपालपुरा हवाई पट्टी के पास एक विशाल जनजातीय रैली को संबोधित करेंगे. इस मौके पर कम से कम 1 लाख लोगों के लिए व्यापक व्यवस्था की जा रही है.
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इन सीटों पर हैं नजरें
रतलाम-झाबुआ लोकसभा सीट के आठ विधानसभा क्षेत्रों में से तीन झाबुआ में हैं. ये वो सीट हैं जो 72 सालों में 14 बार कांग्रेस ने जीती हैं.
2019 के लोकसभा चुनावों में, कांतिलाल भूरिया (जो 2014 में दिलीप सिंह भूरिया से 1.08 लाख वोटों से अपनी सीट हार गए थे, लेकिन 2015 के उपचुनाव में उन्होंने यह सीट छीन ली) पहली बार बीजेपी विधायक बने गुमान सिंह डामोर से 90,000 से अधिक वोटों से हार गए थे. जबकि 2018 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने इस निर्वाचन क्षेत्र के आठ विधानसभा क्षेत्रों में से सिर्फ तीन में जीत हासिल की थी.
2023 के विधानसभा चुनाव में कैसा रहा पार्टियों का प्रदर्शन?
2023 के विधानसभा चुनावों में यहां भारतीय जनता पार्टी ने बेहतर प्रदर्शन किया, 8 विधानसभा क्षेत्रों में से 4 में जीत हासिल की और एक में कुछ सौ वोटों से हार गई. रतलाम-झाबुआ एसटी सीट और गुना मध्य प्रदेश में कांग्रेस के दो गढ़ थे, जिन्हें 2019 के लोकसभा चुनावों में मोदी लहर पर सवार होकर बीजेपी ने जीत लिया था, जबकि उस समय मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी.
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