
Cabinet Decisions: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज छह वर्ष की अवधि के लिए "प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना" को स्वीकृति दे दी. यह योजना 2025-26 से 100 ज़िलों में लागू होगी. नीति आयोग के आकांक्षी ज़िला कार्यक्रम से प्रेरित प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना, कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों पर केंद्रित पहली विशिष्ट योजना है. योजना के प्रभावी नियोजन, कार्यान्वयन और निगरानी के लिए जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर समितियाँ गठित की जाएंगी. प्रत्येक धान-धान्य जिले में योजना की प्रगति की निगरानी 117 प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों (KPI) के आधार पर की जाएगी.
कैबिनेट ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को मंज़ूरी दी
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) July 16, 2025
इस योजना का उद्देश्य 100 चयनित ज़िलों में 11 मंत्रालयों की 36 योजनाओं का अभिसरण सुनिश्चित करना है, जिनमें से प्रत्येक राज्य से कम से कम एक योजना उन ज़िलों से संबंधित है जो तीन प्रमुख कृषि मानकों में अन्य ज़िलों से पीछे… pic.twitter.com/BIEZxsxYMC
क्या है इस योजना का उद्देश्य? Prime Minister Dhan-Dhaanya Krishi Yojana
इस योजना का उद्देश्य कृषि उत्पादकता में बढ़ोत्तरी, फसल विविधीकरण और संधारणीय कृषि पद्धतियों को अपनाना, कटाई के बाद पंचायत और प्रखंड स्तर पर भंडारण क्षमता में वृद्धि, सिंचाई सुविधा में सुधार और दीर्घकालिक एवं अल्पकालिक ऋण उपलब्धता सुगम बनाना है. यह 2025-26 के केंद्रीय बजट में "प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना" के अंतर्गत 100 ज़िले विकसित किये जाने की घोषणा के अनुरूप है. योजना का क्रियान्वयन 11 विभागों की 36 मौजूदा योजनाओं, राज्यों की अन्य योजनाओं और निजी क्षेत्र की स्थानीय भागीदारी में किया जाएगा.
योजना के प्रभावी नियोजन, क्रियान्वयन और निगरानी के लिए जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर समितियां गठित की जाएंगी. जिला धन धान्य समिति द्वारा जिला कृषि एवं संबद्ध गतिविधि योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा. समिति में प्रगतिशील किसान भी सदस्य होंगे. जिले की योजनाएं फसल विविधीकरण, जल एवं मृदा स्वास्थ्य संरक्षण, कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता तथा प्राकृतिक एवं जैविक खेती को विस्तार देने जैसे राष्ट्रीय लक्ष्यों के अनुरूप होंगी. प्रत्येक धन धान्य जिले में योजना में प्रगति की निगरानी मासिक आधार पर डैशबोर्ड के माध्यम से 117 प्रमुख कार्य निष्पादन संकेतकों के अनुसार की जाएगी. नीति आयोग भी जिला योजनाओं की समीक्षा और मार्गदर्शन करेगा. इसके अलावा, प्रत्येक जिले में नियुक्त केंद्रीय नोडल अधिकारी भी नियमित आधार पर योजना की समीक्षा करेंगे.
इन सौ जिलों में लक्षित परिणामों में सुधार के साथ देश के प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों के मुकाबले समग्र औसत में वृद्धि होगी. योजना के परिणामस्वरूप उत्पादकता में बढ़ोत्तरी होगी, कृषि और संबद्ध क्षेत्र में मूल्यवर्धन (उत्पाद और सेवा में उन्नयन) होगा और स्थानीय आजीविका सृजित होगी. इस प्रकार इस योजना से घरेलू उत्पादन में वृद्धि तथा आत्मनिर्भरता (आत्मनिर्भर भारत) हासिल होगी. इन सौ जिलों के संकेतकों में उत्तरोत्तर सुधार के साथ ही राष्ट्रीय संकेतकों में भी स्वतः ही वृद्धि होगी.
🔸#Cabinet ने एनटीपीसी रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड और इसके अन्य संयुक्त उद्यमों/सहायक कंपनियों में नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित करने के लिए निवेश हेतु एनटीपीसी लिमिटेड को ज्यादा अधिकार सौंपने को मंजूरी दी
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🔸अक्षय ऊर्जा के तीव्र विकास के उद्देश्य से एनएलसी इंडिया लिमिटेड… pic.twitter.com/8MWzbLTm6M
ये निर्णय भी हुए
कैबिनेट ने ने एनटीपीसी रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड और इसके अन्य संयुक्त उद्यमों/सहायक कंपनियों में नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित करने के लिए निवेश हेतु एनटीपीसी लिमिटेड को ज्यादा अधिकार सौंपने को मंजूरी दी. वहीं केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अक्षय ऊर्जा के तीव्र विकास के उद्देश्य से एनएलसीआईएल के लिए निवेश की रियायत को मंजूरी दी. ISS से ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की वापसी पर मंत्रिमंडल का संकल्प हुआ. अक्षय ऊर्जा के तीव्र विकास के उद्देश्य से एनएलसी इंडिया लिमिटेड (एनएलसीआईएल) के लिए निवेश की रियायत को मंजूरी दी.
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