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SC का ओबीसी आरक्षण से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई से इनकार, उचित बेंच गठित करने के दिए निर्देश

पूर्व में मप्र सरकार ने ट्रांसफर याचिकाएं दायर की थीं, जिसे शीर्ष कोर्ट ने निरस्त करते हुए हाईकोर्ट में लंबित मामलों की जल्द सुनवाई के निर्देश दिए थे.

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SC का ओबीसी आरक्षण से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई से इनकार, उचित बेंच गठित करने के दिए निर्देश
सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को ओबीसी आरक्षण से जुड़ी 10 याचिकाओं की सुनवाई होनी थी

सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को ओबीसी आरक्षण से जुड़ी 10 याचिकाओं की सुनवाई होनी थी. इस दौरान जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जवल भूयान की खंडपीठ ने सुनवाई से इनकार कर दिया. शीर्ष कोर्ट ने याचिकाओं की सुनवाई के लिए उचित बेंच गठित करने के निर्देश दिए है. बता दें कि मध्यप्रदेश सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर याचिकाएं दाखिल की गई हैं.

बता दें कि सॉलिसीटर जनरल ऑफ इण्डिया तुषार मेहता ने मध्य प्रदेश सरकार की ओर से अदालत को बताया कि उक्त प्रकरणों की सुनवाई रोस्टर के अनुसार यह खंडपीठ नहीं कर सकती क्योंकि पूर्व में जिस खंडपीठ ने ट्रांसफर याचिका निराकृत की है, उसी बेंच के समक्ष इन मामलों की सुनवाई होनी चाहिए. इस पर डबलबेंच ने सुनवाई से इनकार कर दिया.

मप्र सरकार ने ट्रांसफर याचिकाएं दायर की थीं

बता दें कि पूर्व में मप्र सरकार ने ट्रांसफर याचिकाएं दायर की थीं, जिसे शीर्ष कोर्ट ने निरस्त करते हुए हाईकोर्ट में लंबित मामलों की जल्द सुनवाई के निर्देश दिए थे. अदालत में लंबित याचिकाओं के चलते पीएससी 2019 के अलावा कई प्रतियोगी परीक्षाओं में ओबीसी व सामान्य वर्ग के पद होल्ड किए गए हैं.

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पिछड़ा वर्ग के 13 प्रतिशत पदों को होल्ड पर रखने के निर्देश

ओबीसी के विशेष अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने बताया कि हाल ही में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा महाधिवक्ता कार्यालय के विधिक अभिमत के आधार पर प्रदेश के समस्त 54 विभागों को निर्देशित कर आगामी समस्त भर्तियों में 87 प्रतिशत पदों पर ही नियुक्ति करने के आदेश दिए हैं.  पिछड़ा वर्ग के 13 प्रतिशत पदों को होल्ड पर रखने के निर्देश जारी किए गए हैं. ठाकुर ने बताया कि मप्र उच्च न्यायालय ने जब सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार मामलों को शीघ्र निराकरण करने हेतु डे-टू-डे आधार पर अगस्त 2023 में सुनवाई किए जाने का आदेश दिया था. 5 दिन नियमित सुनवाई भी की गई लेकिन महाअधिवक्ता की ओर से हाईकोर्ट में बताया गया कि सरकार ने शीर्ष कोर्ट में ट्रांसफर याचिकाएं दाखिल की हैं.

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