
MP Congress Dispute: करीब साढ़े पांच साल पहले मध्य प्रदेश में अचानक कांग्रेस की सरकार गिर गई थी...अब इसी का जिन्न एक बार फिर बाहर आया है. दरअसल कुछ दिनों से एक पॉडकास्ट और एक सोशल मीडिया पोस्ट ने उस 'राजनीतिक कांड' की कहानी को फिर से जिंदा कर दिया है. ये पॉडकास्ट पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का था..जिसमें उन्होंने नई बातें सामने रखीं तो फिर तब के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी सोशल मीडिया पर अपनी चुप्पी तोड़ी तो नई सियासी चर्चा को बल मिल गया. इन सबके बीच कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने भी चुटकी ले ली. कुल मिलाकर पूरा मामला अब प्रदेश की सियासी गलियों में खासी चर्चा बटोर रहा है.
दिग्विजय सिंह ने कैसे की शुरुआत?
बात शुरू से शुरू करते हैं. सबसे पहले बात दिग्विजय सिंह की जो फिलहाल इसके सूत्रधार माने जा रहे हैं. उन्होंने एक पॉडकास्ट में कहा- एक शख्सियत हैं,अच्छे उद्योगपति हैं,अच्छे परिवार से, उनके दोनों से अच्छे संबंध हैं. मैं उनके पास गया और कहा कि इन दोनों की लड़ाई में सरकार हमारी गिर जाएगी. आप जरा संभालिए, क्योंकि आपके दोनों के साथ संबंध हैं. उन्होंने कहा ठीक है.
ये तय हुआ था कि ग्वालियर चंबल संभाग में जैसा हम दोनों कहेंगे वैसा वो कर देंगे. हम दोनों ने दूसरे दिन अपनी विश लिस्ट जॉइंटली बनाकर दे दी. मैंने भी दस्तखत किए, उन्होंने भी दस्तखत किए. उस विश लिस्ट का पालन नहीं हुआ.
कमलनाथ ने बताया- क्यों गिरी उनकी सरकार?
बहरहाल दिग्विजय सिंह का बयान वायरल हो गया जिसके बाद कमलनाथ ने भी अपनी चुप्पी तोड़ी. उन्होंने ट्वीट किया- मध्य प्रदेश में 2020 में मेरे नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिरने को लेकर हाल ही में कुछ बयानबाजी की गई है. मैं सिर्फ़ इतना कहना चाहता हूँ कि पुरानी बातें उखाड़ने से कोई फ़ायदा नहीं। लेकिन यह सच है कि व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के अलावा श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को यह लगता था कि सरकार श्री दिग्विजय सिंह चला रहे हैं. इसी नाराज़गी में उन्होंने कांग्रेस के विधायकों को तोड़ा और हमारी सरकार गिरायी. इन सबके बीच पत्रकारों ने ज्योतिरादित्य सिंधिया से भी मसले पर प्रतिक्रिया मांगी तो उन्होंने कहा- ये अतीत की बात है और मैं इस पर बात नहीं करूंगा.
विश्वास सारंग का तंज– "सच सामने आ गया"
जब कांग्रेस में इतना सबकुछ हो रहा था तो प्रदेश की सत्ता में बैठी बीजेपी ने भी इस पर चुटकी ले ली. कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने कहा- मुझे लगता है कि आज एक्स पर उन्होंने पोस्ट की है तो इसे सार्वजनिक करना चाहिए...यह बात सही है कि गुटों में बंटी हुई कांग्रेस में कुछ अच्छा नहीं चल रहा है.
कांग्रेस की वादाखिलाफी का नतीजा उन्होंने भुगता था. विश्वास सारंग के इस बयान के बाद प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी मामले को खत्म करने की कोशिश की. उन्होंने कहा- 45 साल का प्रेम है, दोनों छोटे-बड़े भाई हैं, अब पुरानी बातों पर चर्चा करने का औचित्य नहीं है, दोनों की अपनी केमेस्ट्री है, हमें अब भविष्य देखना है, हमारी सरकार कैसे बने यह देखना है.
बता दें कि दिसंबर 2018 में पूर्व केंद्रीय मंत्री और तब के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के नेतृत्व में, 15 साल बाद कांग्रेस मध्यप्रदेश की सत्ता में लौटी थी। सात विधायकों ...चार निर्दलीय, दो बसपा और एक सपा के समर्थन से बनी सरकार 15 महीने चली, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया के वफ़ादार 22 कांग्रेस विधायकों के पार्टी और विधानसभा से इस्तीफ़ा देकर बीजेपी में शामिल हो जाने के बाद सरकार गिर गई.सवाल यही है कि 2020 में कमलनाथ सरकार किस वजह से गिरी? भीतरघात से या फिर वजह कुछ और ही है?
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