Chhattisgarh School Reality Check News: छत्तीसगढ़ सरकार (Chhattisgarh Government) राज्य में सरकारी स्कूलों (Chhattisgarh Government School) में बेहतर व क्वॉलिटी शिक्षा (Better and quality Education) का दावा करती है. कुछ मॉडल स्कूलों (Model School) का प्रचार-प्रसार कर खूब वाहवाही भी लूटती है. हालात और बेहतर करने के सपने भी दिखाए जाते हैं, लेकिन NDTV की पड़ताल में सरकारी स्कूलों की जमीनी हकीकत कुछ और ही निकलकर सामने आयी है. यहां सरकारी दावों की पोल खुलकर सामने आयी है. कहीं शराब के नशे में टीचर स्कूल जा रहे हैं तो कहीं भंडारे की वजह से टीचर को लंबी छुट्टी पर भेज दिया गया है.
पहले इस ग्राफिक्स से समझिए सरकारी स्कूल की 'राम भरोसे' वाली स्थिति
यहां नशे में रहते हैं टीचर
रायगढ़ जिले के सरकारी स्कूल में कुछ कोर्स ही नहीं हैं. प्रधान अध्यापक जी पता नहीं नशे में बच्चों को कौन सा सबक पढ़ाते हैं. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय (CM Vishnu Deo Sai) के जिले जशपुर के पत्थलगांव में रजत तिर्की सर पर आरोप हैं कि वे हर दिन शराब पीकर स्कूल आते हैं. आरोप यह भी हैं कि टीचर न केवल नशे में आते हैं बल्कि बच्चों को अपशब्द कहते हैं और उनके साथ मारपीट भी करते हैं. इसकी जांच भी चल रही है.
भंडारा के लिए यहां 67 दिनों की दे दी छुट्टी
महासमुंद जिले के बिजेपुर सरकारी स्कूल में 33 बच्चे पढ़ते हैं. स्कूल फिलहाल तो राम भरोसे है. क्योंकि 2 शिक्षक हैं, उसमें भी हेडमास्टर विश्वामित्र बेहरा 23 जनवरी से 29 मार्च 2024 तक छुट्टी पर हैं. बीजेपी विधायक (BJP MLA) की अनुशंसा पर उनकी निजी संस्था नीलांचल सेवा समिति द्वारा अयोध्या (Ayodhya) में भंडारा कराया जा रहा है, जिसके लिये 67 दिनों की छुट्टी पर बेहरा सर को भेज दिया गया है. ऐसे में पहली से लेकर पांचवीं कक्षा तक एक ही शिक्षिका पढ़ा रही हैं.
सुषमा प्रधान
यहां बच्चे पेड़ के नीचे पढ़ते हैं
सारंगढ़ जिले का चंदलडीह रामनामियों का बसेरा है. पूरे शरीर पर राम हैं. जब NDTV की टीम यहां पहुंची तो यह पाया कि यहां बच्चे पेड़ के नीचे पढ़ते हैं. पेड़ के नीचे क्लास लगी हुई है, बच्चे जमीन पर टाट बिछा कर पढ़ाई कर रहे हैं. स्कूल के भवन की दीवारे जर्जर हैं, प्लास्टर गिर रहे हैं.
हर बार की तरह सरकारी भरोसा और विपक्ष का हमला
विपक्ष की ओर से कांग्रेस विधायक व पूर्व मंत्री उमेश पटेल ने कहा- मैं कहता हूं कि यह बहुत शर्मनाक बात है, कई स्कूल ऐसे हैं, जहां सिंगल टीचर हैं. वहीं सत्ताधारी पार्टी और सरकार के मंत्री जिनके भरोसे ये विभाग उनका (बृजमोहन अग्रवाल, स्कूल शिक्षा मंत्री, छत्तीसगढ़) कहना है कि धीरे-धीरे स्थिति नियंत्रित करेंगे, पचास हज़ार स्कूल, तीन लाख टीचर हैं, आने वाले पांच साल में पच्चीस हज़ार स्कूल में अंग्रेज़ी की पढ़ाई की व्यवस्था करेंगे.
बृजमोहन अग्रवाल
मंत्री जी के सुनहरे सपने, लुभावने वादों और दावे एक तरफ हैं, लेकिन स्कूली शिक्षा विभाग की मनमर्जी, भर्राशाही और अनदेखी की जमीनी हकीकत की तस्वीरें आपके सामने हैं. सरकार किसी की भी हो, जिम्मेदार कोई भी हो, लेकिन पिछले कई सालों से छत्तीसगढ़ में, खासकर अंदरूनी इलाके के स्कूल राम भरोसे हैं.
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