
Chhattisgarh News in Hindi: छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department) द्वारा जारी युक्तियुक्तकरण (Rationalisation) निर्देशों के प्रावधानों के तहत राज्य में व्यापक युक्तियुक्तकरण की कार्रवाई की गई है. इस प्रक्रिया के अंतर्गत एक ही परिसर में संचालित 10,372 शालाओं और ग्रामीण क्षेत्रों में एक किलोमीटर से कम दूरी पर और शहरी क्षेत्रों में 500 मीटर से कम दूरी पर संचालित 166 शालाओं को मिलाकर कुल 10,538 शालाओं का युक्तियुक्तकरण किया गया है. इस बड़े कदम के फलस्वरूप, 16,165 शिक्षकों एवं प्राचार्यों का समायोजन किया गया है. अब प्रदेश का कोई भी विद्यालय शिक्षक-विहीन नहीं है.
क्या है प्रदेश का खास युक्तियुक्तकरण?
बता दें कि पहले जहां 5,936 विद्यालय एकल-शिक्षकीय थे, वहीं युक्तियुक्तकरण के बाद केवल 1,207 प्राथमिक स्कूली शिक्षकों की अनुपलब्धता के कारण एकल-शिक्षकीय रह गई हैं. स्कूल शिक्षा विभाग ने अतिशेष शिक्षकों का चिन्हांकन विषयवार किया है. अगर किसी संस्था में किसी एक विषय का शिक्षक अतिशेष पाया गया, लेकिन उसी संस्था में सेटअप के आधार पर किसी अन्य विषय का पद रिक्त था, तो ऐसे अतिशेष शिक्षक का युक्तियुक्तकरण करते हुए आवश्यकता के आधार पर रिक्त विषय के पद पर उस विषय के शिक्षक की पदस्थापना की गई है.
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क्या है युक्तियुक्तकरण के निर्देश?
युक्तियुक्तकरण निर्देशों के अंतर्गत, शालाओं में पदस्थापना तिथि के आधार पर अतिशेष शिक्षकों का चिन्हांकन किया गया है. इस दौरान विषय, विकलांगता और परिवीक्षा अवधि जैसे कारकों का भी विशेष ध्यान रखा गया. इसके अलावा, अतिशेष शिक्षकों की गणना उनकी सेवा पुस्तिका में दर्ज मूल विषय के आधार पर की गई है. जिन शिक्षकों ने युक्तियुक्तकरण के पश्चात कार्यमुक्त होकर नवीन पदस्थापना स्थल में कार्यभार ग्रहण कर लिया है, उनके वेतन आहरण की कार्यवाही पूर्व पदस्थ संस्था से प्राप्त अंतिम वेतन प्रमाणपत्र के आधार पर की जा रही है.
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