MP High Court News: सरकार की ओर से दायर एक मामले की रिव्यू पिटीशन पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट बुधवार को बुरी तरह नाराज हो गया. हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की सिंगल बेंच ने मनमाने तरीके से रिव्यू पिटीशन लगाने पर नाराजगी जताई. इतना ही नहीं कोर्ट ने जोरदार फटकार लगाते हुए मामले के ओआईसी पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी ठोक दिया.
इसके साथ ही अदालत ने यह राशि व्यक्तिगत रूप से वसूलने की व्यवस्था दी. अदालत ने साफ किया कि अदालतों में लंबित मामलों की अत्यधिक संख्या से वाकिफ होने के बावजूद इस तरह का रवैया सर्वथा अनुचित है. ऐसी निरर्थक याचिकाएं कोर्ट की कीमती समय बर्बाद करती हैं. साथ ही वित्तीय बोझ भी बढ़ता है.
महाधिवक्ता कार्यालय को की ताकीद
अदालत ने महाधिवक्ता कार्यालय को भी इस संबंध में समुचित गंभीरता बरतने की ताकीद की. हाई कोर्ट ने कहा कि रिव्यू पिटीशन दायर करने से पूर्व यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि इसका ठोस आधार मौजूद है या नहीं. इस तरह व्यक्तिगत दुर्भावना के चलते मुकदमेबाजी का सहारा लेना ठीक नहीं. इस सिलसिले में एजी ऑफिस वरिष्ठ कानूनी अधिकारियों की एक कमेटी गठित कर सकता है.
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यह था मामला
बता दें कि उस रिव्यू पिटीशन प्रमुख सचिव, आयुक्त उच्च शिक्षा और डॉ. एसके विजय, प्राचार्य महारानी लक्ष्मी बाई कॉलेज, भोपाल की ओर से दायर की गई थी. मामला उच्च शिक्षा विभाग में पदस्थ लैब अटेंडेंट के एरियर भुगतान से संबंधित था. पूर्व में इस मामले में दायर याचिका की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने 90 दिन के भीतर अभ्यावेदन निराकरण करने के निर्देश दिए थे. लेकिन, ऐसा न करते हुए रिव्यू पिटीशन दायर कर दी गई.
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