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This Article is From Jan 25, 2024

MP Nursing College Scam: हाईकोर्ट ने 61 हजार छात्रों को दी बड़ी राहत, रुके हुए रिजल्ट जारी होने का रास्ता साफ

MP High Court: जस्टिस विशाल मिश्रा और फिर जस्टिस शील नागू ने नर्सिंग कॉलेज घोटाले मामले की सुनवाई से पहले खुद को अलग कर लिया था. इसके बाद बुधवार को जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस अचल कुमार पालीवाल की डबल बेंच में मामले से जुड़ी 50 याचिकाओं की सुनवाई हुई. 

MP Nursing College Scam: हाईकोर्ट ने 61 हजार छात्रों को दी बड़ी राहत, रुके हुए रिजल्ट जारी होने का रास्ता साफ

MP News  : मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 61 हजार नर्सिंग स्टूडेंट्स को बड़ी राहत दी है. स्पेशल बेंच के सामने बुधवार को नर्सिंग कॉलेज घोटाले मामले पर सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने कहा कि डिप्लोमा कोर्स की परीक्षाओं और रिजल्ट पर कोई रोक नहीं लगाई गई है, इसलिए उसका रिजल्ट जारी करने के लिए सरकार अपने स्तर पर निर्णय ले सकती है. दरअसल, ये पिटीशन उन छात्रों  की ओर से दायर की गई थी, जिनका एग्जाम होने के बाद भी रिजल्ट अटका हुआ है.

50 याचिकाओं की सुनवाई हुई

बता दें कि मंगलवार को इस मामले की सुनवाई से पहले जस्टिस विशाल मिश्रा और फिर जस्टिस शील नागू ने खुद को अलग कर लिया था. इसके बाद बुधवार को जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस अचल कुमार पालीवाल की डबल बेंच में मामले से जुड़ी 50 याचिकाओं की सुनवाई हुई. राज्य शासन की ओर से महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने आवेदन पेश कर जीएनएम  (General Nursing and Midwifery) की परीक्षाओं के रिजल्ट जारी करने की अनुमति मांगी. इस पर कोर्ट ने  कहा कि  कोर्ट ने डिप्लोमा कोर्स की परीक्षाओं और रिजल्ट पर कोई रोक नहीं लगाई है, इसलिए उसका रिजल्ट जारी करने के लिए सरकार अपने स्तर पर निर्णय ले सकती है.

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सीबीआई जांच लंबित होने का दिया गया हवाला

वहीं, दूसरी ओर याचिकाकर्ताओं की ओर से बताया गया कि सीबीआई ने जो रिपोर्ट पेश की है, वह मध्य प्रदेश के सिर्फ 308 कॉलेज के संबंध में है, जबकि अब भी 396 नर्सिंग कॉलेज ऐसे हैं, जिनकी जांच सीबीआई ने नहीं की है. फैकल्टी डुप्लीकेसी और फैकल्टी फर्जीवाड़े के मामले में भी CBI ने कार्रवाई नहीं की है, जिस पर अदालत की ओर से सीबीआई की रिपोर्ट को पढ़ने के बाद ही कोई निर्देश देने की बात कही गई. इधर, राज्य शासन की ओर से महाधिवक्ता ने अदालत को यह प्रस्ताव दिया है कि राज्य शासन सीबीआई की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की अनुशंसा के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित करने के लिए तैयार है. इस मामले में अब निर्णय आगामी सुनवाई के बाद ही होने की संभावना है.  

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