विज्ञापन

MP Foundation Day 2025: देश के 36 राज्यों में क्यों सबसे अलग है मध्य प्रदेश, जानिए वो 10 खास बातें

MP Foundation Day 2025: कामसूत्र का ज्ञान (Khajuraho Temples), हीरों की खान (Panna Diamond Mines), दो ज्योतिर्लिंग और हजारों साल पुरानी ऐतिहासिक मानव बस्तियां ( Bhimbetka Rock Shelters) हैं, जो बाताती हैं कि आज के मध्य प्रदेश का इतिहास (Madhya Pradesh History) कितना पुराना है. मध्य प्रदेश स्थापना दिवस (MP Foundation Day )के मौके पर हम आपको प्रदेश (MPFoundation Day) के कुछ ऐसे ऐतिहासिक स्थानों के बारे में बताएंगे जो आपको देश में कहीं और देखने को नहीं मिलेंगे.

MP Foundation Day 2025: देश के 36 राज्यों में क्यों सबसे अलग है मध्य प्रदेश, जानिए वो 10 खास बातें

Madhya Pradesh Foundation Day: एक नवंबर को मध्य प्रदेश अपना 70वां स्थापना दिवस मनाएगा. इसे लेकर सरकार की ओर से राजधानी भोपाल में बड़ा आयोजन किया जाएगा, जिसकी तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. मध्य प्रदेश को देश का दिल कहा जाता है, एक तरह से देखा जाए तो सच में ऐसा है भी. क्यों मध्य प्रदेश के पास ऐसा बहुत कुछ है जो आपको देश में कहीं और देखने को नहीं मिलेगा. 

यहां कामसूत्र का ज्ञान, हीरों की खान, दो ज्योतिर्लिंग और हजारों साल पुरानी ऐतिहासिक मानव बस्तियां हैं, जो बाताती हैं कि आज के मध्य प्रदेश का इतिहास कितना पुराना है. मध्य प्रदेश स्थापना दिवस के मौके पर हम आपको प्रदेश के कुछ ऐसे ऐतिहासिक स्थानों के बारे में बताएंगे जो आपको देश में कहीं और देखने को नहीं मिलेंगे. आइए, अब इनके बारे में जानते हैं.      

Latest and Breaking News on NDTV

मध्य प्रदेश में दो ज्योतिर्लिंग

एमपी देश का ऐसा इकलौता राज्य हैं जहां दो ज्योतिर्लिंग हैं. पहला प्रदेश के उज्जैन जिले में है, जिसे महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के नाम से जाना जाता है. यहां भगवान शिव का दक्षिणमुखी शिवलिंग है, जो इसे बाकी ज्योतिर्लिंगों से खास बनाता है. साथ ही यहां रोजना सुबह बाबा महाकाल की भस्म आरती की जाती है जो देश-दुनिया में मशहूर है. तरह की आरती कहीं और नहीं होती है. 

दूसरा ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग खंडवा जिले में है. इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यह नर्मदा नदी के बीच स्थित ‘मंदता द्वीप' पर बना है, जो ऊपर से देखने पर ‘ॐ' (ओंकार) के आकार का दिखाई देता है. इसी वजह से इसे ओंकारेश्वर कहा जाता है. मान्यता है कि यहां भगवान शिव ने ब्रह्मा और विष्णु को अपने अनंत स्वरूप का दर्शन दिए थे. बता दें कि ओंकारेश्वर में वास्तव में दो प्रमुख मंदिर हैं, एक “ओंकारेश्वर” और दूसरा “ममलेश्वर” (जिसे अमलेश्वर भी कहा जाता है), इन दोनों को मिलाकर एक ही ज्योतिर्लिंग माना जाता है.

प्रदेश में नौ टाइगर रिजर्व 

मध्य प्रदेश देश का इकलौता ऐसा राज्य है जहां सबसे ज्यादा नौ टाइगर रिजर्व हैं. इनकी अपनी अपनी खासियत भी है. जानिए, कौन से हैं नौ टाइगर रिजर्व...।   
      
1. कान्हा टाइगर रिजर्व (मंडला और बालाघाट)

1955 में राष्ट्रीय उद्यान और 1973 में टाइगर रिजर्व घोषित कान्हा मध्य भारत का सबसे प्रसिद्ध अभयारण्य है. लगभग 940 वर्ग किमी में फैला यह पार्क बाघ, तेंदुए, चार सींग वाले मृग और 1,000 से अधिक वनस्पतियों की प्रजातियों का घर है. यहां हॉलन और बंजार अभयारण्य शामिल हैं.

ये भी पढ़ें- Chhattisgarh Rajyotsava 2025: छत्तीसगढ़ नहीं उगाता सबसे ज्यादा चावल, फिर भी क्यों कहलाता ‘धान का कटोरा'?

2. पेंच टाइगर रिजर्व (सिवनी)

मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में फैला पेंच टाइगर रिजर्व 1992 में स्थापित हुआ. 411 वर्ग किमी कोर और 768 वर्ग किमी बफर क्षेत्र के साथ यह रॉयल बंगाल टाइगर, तेंदुए, ढोले और लकड़बग्घों का निवास है. यह उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वनों से घिरा है.

Tiger reserves in MP

Tiger reserves in MP

3. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (उमरिया)

1968 में स्थापित बांधवगढ़ भारत में सबसे अधिक घनत्व वाले रॉयल बंगाल टाइगर क्षेत्र के रूप में प्रसिद्ध है. 448 वर्ग किमी में फैले इस रिजर्व में ताला, मगधी और खितौली क्षेत्र प्रमुख हैं. यहां बाघों के अलावा भालू, तेंदुए और अनेक पक्षी प्रजातियां पाई जाती हैं.

4. सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (नर्मदापुरम)

सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला के नाम पर रखा यह टाइगर रिजर्व 524 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला है. 1981 में स्थापित, यहां बाघ, तेंदुआ, भालू, सांभर, काला हिरण और ढोल जैसी प्रजातियां मिलती हैं.

5. पन्ना टाइगर रिजर्व (पन्ना)

झरनों और पठारी जंगलों से घिरा पन्ना टाइगर रिजर्व बाघ, तेंदुए और मगरमच्छों का घर है. केन नदी इसकी जीवनरेखा है. 2009 में बाघ पुनर्वास कार्यक्रम ने यहां की बाघ आबादी को फिर से जीवित किया. प्रसिद्ध बाघिन टी-141 यहीं की है.

6. संजय-दुबरी टाइगर रिजर्व (सीधी-सिंगरौली)

2008 में गठित यह रिजर्व संजय राष्ट्रीय उद्यान और दुबरी अभयारण्य से मिलकर बना है. 812 वर्ग किमी कोर और 861 वर्ग किमी बफर क्षेत्र में साल, बांस और सागौन के वन हैं. बाघ, तेंदुआ, भालू और लकड़बग्घा यहां मिलते हैं. यह पक्षी प्रेमियों के लिए भी स्वर्ग है — हॉर्नबिल और ईगल जैसी दुर्लभ प्रजातियां यहां दिखती हैं.

7. वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व (दमोह-सागर)

2023 में घोषित यह नया रिजर्व नौरादेही और दुर्गावती अभयारण्यों में फैला है. लगभग 2,300 वर्ग किमी क्षेत्र में यह मध्य भारत का बड़ा टाइगर रिजर्व है. यहां बंगाल टाइगर, तेंदुए, ढोले, चिंकारा और मगरमच्छ पाए जाते हैं.

8. रातापानी टाइगर रिजर्व (रायसेन-सीहोर)

रातापानी विंध्य पर्वत श्रृंखला में स्थित है और फिलहाल टाइगर रिजर्व का दर्जा मिलने की प्रक्रिया में है. 823 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले इस अभयारण्य में बाघ, तेंदुए, सुस्त भालू और हिरण प्रजातियां मिलती हैं.

9. माधव टाइगर रिजर्व (शिवपुरी)

पूर्व में माधव राष्ट्रीय उद्यान कहलाने वाला यह क्षेत्र 2022 में टाइगर रिजर्व बना. 354 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले इस पार्क में टाइगर, चिंकारा, सांभर और मगरमच्छ पाए जाते हैं. साख्य सागर और माधव झीलें प्रवासी पक्षियों को आकर्षित करती हैं. जॉर्ज कैसल और सिंधिया छतरियाँ इसके ऐतिहासिक आकर्षण हैं.

ये भी पढ़ें- MP Foundation Day: मध्य प्रदेश स्थापना की रोचक बातें, भोपाल को राजधानी बनाने की वजह चौंकाने वाली

देश की ऐसी इकलौती नदी जिसकी परिक्रमा होती है

मध्य प्रदेश में स्थित नर्मदा नदी देश की सबसे अनोखी और पूजनीय नदियों में से एक है. इसे प्रदेश की जीवनरेखा माना जाता है, यह देश की कुछ गिनी-चुनी नदियों में से है जो पश्चिम दिशा में बहती हैं. नर्मदा का उद्गम अमरकंटक से होता है और यह लगभग 1312 किलोमीटर की यात्रा कर अरब सागर में मिलती है. यह देश की इसकी सबसे खास बात यह है कि यह देश की एकमात्र ऐसी नदी है जिसकी पूरी परिक्रमा की जाती है, जिसे नर्मदा परिक्रमा कहा जाता है. यह परिक्रमा करीब तीन साल में पूरी होती है. मान्यता है कि मां गंगा हर साल नर्मदा में स्नान करने आती है, इसी कारण इसे 'गंगा से भी पवित्र' माना जाता है. 

Khajuraho temples Kamasutra

Khajuraho temples Kamasutra

खजराहो में कामसूत्र का मिलता है ज्ञान

खजुराहो (Khajuraho) को उसकी अनोखी और विश्वप्रसिद्ध कामसूत्र की मूर्तियों के लिए जाना जाता है. यह मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित है और यहां के मंदिरों को विश्व धरोहर स्थल (UNESCO World Heritage Site) का दर्जा मिला हुआ है. खजुराहो के मंदिरों का निर्माण 10वीं से 12वीं शताब्दी के बीच चंदेल वंश के राजाओं ने कराया था. यहां की पत्थर की नक्काशी में मानव जीवन के हर पहलू- संगीत, नृत्य, पूजा, प्रेम, युद्ध और विशेष रूप से काम (कामसूत्र आधारित मुद्राओं) को बारीकी से दर्शाया गया है. यहां लगभग 85 मंदिर बनाए गए थे, जिनमें से अब 20 से 25 मंदिर बचे हैं. खजुराहो की कामसूत्र मूर्तियां सिर्फ कामुकता का प्रतीक नहीं हैं, ये जीवन और अध्यात्म के संतुलन का संदेश देती हैं. इन मूर्तियों में यह दिखाया गया है कि जीवन में भोग और योग दोनों का समान महत्व है. 

देश का टाइगर स्टेट है एमपी 

मध्य प्रदेश को देश में टाइगर स्टेट का दर्जा मिला हुआ है. 2022 की गणना के अनुसार यहां 785 टाइगर हैं. लेकिन, 2026 में होने वाले टाइगर सेंसेस में बाघों की संख्या 1000 से अधिक हो सकती है.प्रदेश में बाघों की गणना फिर शुरू हो गई है. इससे जल्द साफ हो जाएगा कि प्रदेश में कितने बाघ हैं.        

भीमबेटका- सबसे पुरानी मानव बस्तियां

भीमबेटका की गुफाएं मध्य प्रदेश के भोपाल जिले में स्थित हैं और इन्हें भारत की सबसे पुरानी मानव बस्तियों में गिना जाता है. यह जगह विन्ध्य पर्वत श्रृंखला की पहाड़ियों पर स्थित है और यहां करीब 500 से अधिक गुफाएं हैं जिनमें पुरापाषाण (Old Stone Age) काल के मनुष्यों के जीवन के निशान मिलते हैं. यहां की चट्टानों पर बनी चित्रकला दुनिया की सबसे पुरानी शैल चित्रों में शामिल है — इनमें शिकार, नृत्य, युद्ध और दैनिक जीवन के दृश्य अंकित हैं. यूनेस्को ने 2003 में भीमबेटका को विश्व धरोहर स्थल (World Heritage Site) घोषित किया था. माना जाता है कि यहां लगभग 30,000 साल पहले इंसान रहते थे, इसलिए भीमबेटका को मानव सभ्यता की 'पहली पाठशाला' भी कहा जाता है.

 Panna diamond mines

Panna diamond mines

पन्ना में हीरे की खदानें 

मध्य प्रदेश भारत में हीरे की सबसे बड़ी खदानों वाला राज्य है. प्रदेश का पन्ना जिला हीरे के लिए प्रसिद्ध है. यहां की मझगांव, हिनौता, पिपरिया और गोहनी खदानें अपने हीरे अपनी चमक, पारदर्शिता और गुणवत्ता के लिए मशहूर हैं.यहां खनन का कार्य राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (NMDC) और स्थानीय पट्टाधारकों द्वारा किया जाता है. पन्ना के हीरे प्राचीन काल से ही प्रसिद्ध रहे हैं, कहा जाता है कि मुगल शासकों और ब्रिटिश राजाओं के मुकुटों में भी यहीं के हीरे जड़े जाते थे. 

जबलपुर में भौगोलिक केंद्र बिंदु

मध्य प्रदेश का भौगोलिक केंद्र बिंदु (Geographical Center Point) सिहोरा तहसील के पास करोंदी गांव जबलपुर में स्थित है. यह स्थान पूरे भारत के भौगोलिक केंद्र के बहुत करीब है. यहां एक स्तंभ (पिलर) बनाया गया है जो इस केंद्र बिंदु को दर्शाता है. करोंदी गांव नर्मदा नदी के उत्तर में स्थित है और चारों दिशाओं से लगभग समान दूरी पर है. भौगोलिक रूप से यह स्थान मध्य प्रदेश की पहचान को और खास बना देता है, क्योंकि यह देश के 'दिल' यानी मध्य में स्थित है.

Sanchi Stupa UNESCO site

Sanchi Stupa UNESCO site

सांची स्तूप- सबसे प्राचीन बौद्ध स्मारक

मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित सांची स्तूप को देश का सबसे प्राचीन बौद्ध स्मारक माना जाता है. इसकी स्थापना मौर्य सम्राट अशोक ने तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में कराई थी, जब वे बौद्ध धर्म अपना चुके थे. यह विशाल अर्धगोलाकार स्तूप भगवान गौतम बुद्ध के अवशेषों को संरक्षित करने के लिए बनाया गया था. सांची स्तूप यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है और भारत में बौद्ध कला, स्थापत्य और शांति के प्रतीक के रूप में प्रसिद्ध है. जिसे देखने के लिए दुनियाभर से लोग आते हैं.

माहेश्वरी और चंदेरी साड़ियां देश-दुनिया में फेमस 

मध्य प्रदेश की माहेश्वरी और चंदेरी साड़ियां देश-विदेश में अपनी खूबसूरती, बुनाई और पारंपरिक शिल्प के लिए जानी जाती हैं, लेकिन दोनों की अपनी अलग पहचान और खासियत है. खरगोन के महेश्वर नगर में बुनकरों द्वारा बनाई जाने वाली माहेश्वरी साड़ियां कॉटन और सिल्क के मिश्रण से बनती हैं. इनकी बुनाई रानी अहिल्याबाई होल्कर के आदेश पर शुरू हुई थी. अशोक नगर की चंदेरी साड़ी शुद्ध रेशम और जरी के काम के लिए मशहूर हैं. इन पर पारंपरिक बूटी, मोर, कमल और बेल-बूटे के डिजाइन बनाए जाते हैं. इन्हें 'गोल्डन शाइन साड़ी' भी कहा जाता है.  

ये भी पढ़ें...

Womens World Cup Final: चोकर्स का दाग, दक्षिण अफ्रीका पर भारत की जीत कितनी आसान? क्या कहते हैं समीकरण

IND vs AUS Semi Final: टीम इंडिया की जीत पर गदगद हुए सीएम साय, बताई असली खिलाड़ी की पहचान

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close