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IAS के नाम से अधिकारियों से मांगा जा रहा पैसा, कलेक्टर भाव्या और प्रियंक का मामला क्या? 

मध्य प्रदेश में cyber fraud के नए मामले सामने आए हैं, जहां ठगों ने IAS officers के नाम और तस्वीर का इस्तेमाल कर WhatsApp के जरिए ठगी का प्रयास किया. Khargone Collector IAS Bhavya Mittal और Dhar Collector IAS Priyank Mishra के नाम से भेजे गए इन मैसेज में विदेशी नंबरों का इस्तेमाल हुआ. हैरानी की बात यह है कि digital scam करने वाले अब IAS अधिकारियों को भी नहीं छोड़ रहे हैं.

IAS के नाम से अधिकारियों से मांगा जा रहा पैसा, कलेक्टर भाव्या और प्रियंक का मामला क्या? 

मध्य प्रदेश के IAS अधिकारी और उनके अधीनस्थ अफसर इन दिनों ठगों के निशाने पर हैं. जिला कलेक्टरों के नाम से मैसेज कर अधिकारियों से पैसा माना जा रहा है. मैसेज आने वाले नंबर पर संबंधित कलेक्टर की फोटो भी लगी रहती है. पिछले एक हफ्ते में मध्य प्रदेश में ऐसे दो बड़े मामले सामने आए हैं. पहला खरगोन कलेक्टर IAS भाव्या मित्तल और दूसरा धार कलेक्टर IAS प्रियंक मिश्र से जुड़ा है. इन मामलों से साफ है कि साइबर अपराधियों को हौसले अब इतने बुलंद हो गए हैं कि अब वे सीधे जिला प्रशासन को निशाना बनाने का प्रयास कर रहे हैं. 

सबसे पहले जानिए, कलेक्टर  प्रियंक मिश्र का मामला 

दरअसल, धार जिले के डही क्षेत्र की ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (बीएमओ) को एक अज्ञात नंबर +84916423486 से व्हाट्सऐप मैसेज आया. यह मैसेज कलेक्टर प्रियंक मिश्रा के नाम से था और डीपी पर उनकी तस्वीर भी लगी थी, शुरुआत में कुछ देर के लिए बीएमओ ने इस पर भरोसा भी किया, लेकिन मैसेज की भाषा पर पड़कर उन्हें कुछ शक हुआ. उन्हें लगा कि  यह कोई साइबर ठग है जो कलेक्टर बनकर धोखाधड़ी की कोशिश कर रहा है.

इसके बाद उन्होंने इसकी सूचना कुक्षी एसडीएम विशाल धाकड़ को दी. इस दौरान जांच में सामने आया कि उक्त नंबर विदेशी नेटवर्क से संचालित हो रहा था. एसडीएम ने बीएमओ को नंबर ब्लॉक करने के निर्देश दिए और जिले के सभी अधिकारियों को सतर्क रहने की सलाह दी. साथ ही लोगों से भी अपील कर सावधान रहने को कहा. इस तरह से बीएमओ ठगी का शिकार होने से बच गईं. 

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कलेक्टर भाव्या मित्तल के नाम से मांगे पैसे 

इसी तरह के मैसेज हाल ही में खरगोन जिला कलेक्टर IAS भाव्या मित्तल के नाम से कई अधिकारियों को WhatsApp    पर भेजे गए थे. इन मैसेज में सभी अधिकारियों से पैसे की मांग की गई थी. मैसेज में एक बैंक अकाउंट का नंबर देते हुए लिखा था- 'मैं मीटिंग में हूं, मुझे तुरंत भुगतान करना है. कृपया जल्द ही इस खाते में पैसे जमा करें. 

कलेक्टर भाव्या मित्तल ने बताया कि कई अधिकारियों ने उन्हें कॉल कर कहा कि उनके नाम से एक वॉट्सएप संदेश आया है, जिसमें पैसों की मांग की जा रही है. जानकारी मिलने के बाद उन्होंने तत्काल इसकी जानकारी खरगोन पुलिस अधीक्षक रवींद्र वर्मा को दी. इस दौरान जांच में आया कि उक्त नंबर वियतनाम का था. मामले की शिकायत राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर दर्ज कर जांच की जा रही है.  

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