PM Modi at Chhattisgarh Rajyotsav 2025: छत्तीसगढ़ स्थापना के रजत जयंती वर्ष के कार्यक्रम में 1 नवंबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नया रायपुर पहुंचे. नया रायपुर में छत्तीसगढ़ राज्योत्सव के उद्घाटन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री की एक झलक पाने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचे. इस दौरान लोगों ने छत्तीसगढ़ स्थापना की 25वीं वर्षगांठ पर राज्य और केंद्र सरकार की कई योजनाओं की तारीफ की, तो कुछ मामलों में सरकार को उचित कदम उठाने के सुझाव भी दिए.
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सोने के भाव ₹75,000 प्रति 10 ग्राम करने की मांग
छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले से आई बिहान समूह की कार्यकर्ता टिकेश्वरी साहू ने सोने और चांदी की लगातार बढ़ती कीमतों पर चिंता जताई. टिकेश्वरी ने कहा, “क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं इस कार्यक्रम में पहुंचे हैं, इसलिए मेरी मांग है कि सोने और चांदी के बढ़ते दामों पर अंकुश लगाया जाए और सोने की कीमत ₹75,000 प्रति 10 ग्राम के आसपास की जाए.”उनका कहना था कि शादी-ब्याह के मौसम में सोने-चांदी के बढ़ते दामों के कारण बेटियों को पर्याप्त आभूषण नहीं दिया जा पा रहा है.

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रसोई गैस के दाम घटाने की अपील
महासमुंद से ही आई सरोज अग्रवाल ने रसोई गैस सिलेंडर के दाम घटाने की मांग की. उन्होंने कहा, “रसोई गैस सिलेंडर की कीमत ₹950 प्रति सिलेंडर है, जिसे कम किया जाना चाहिए, क्योंकि इसके अधिक होने का सीधा असर किचन पर पड़ता है.” सरोज का कहना था कि रसोई गैस के दाम अधिकतम ₹550 से ₹600 तक ही होने चाहिए. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इस पर विचार कर उचित निर्णय लेना चाहिए.
राशन और तेल की कीमतों पर चिंता
राज्योत्सव कार्यक्रम में पहुंची प्रेमलता साहू ने राशन में चावल, दाल और तेल के दामों में लगातार हो रही वृद्धि पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि सरकार को कम से कम आवश्यक राशन सामग्रियों के दामों पर नियंत्रण रखना चाहिए. प्रेमलता ने कहा, “खाने के तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं. पहले 15 लीटर तेल ₹1000 में मिल जाता था, अब वही ₹2200 तक पहुंच गया है. दाल की कीमतें भी लगातार बढ़ रही हैं, जिसका सीधा असर गृहणियों पर पड़ रहा है.”
मानदेय बढ़ाने की मांग
बिहान समूह की इन महिलाओं ने राज्य सरकार से उनके काम के एवज में मानदेय बढ़ाने की मांग भी की. टिकेश्वरी ने कहा, “बिहान समूह की महिलाएं हर सरकारी कार्यक्रम में सक्रिय रहती हैं. सरकार का कोई भी विभाग हो, काम हमसे ही करवाया जाता है. यहां तक कि जब मितानिन या जमीनी स्तर की स्वास्थ्य कार्यकर्ता हड़ताल पर जाती हैं, तो भी बिहान समूह की महिलाएं आगे आकर लोगों को राहत पहुंचाती हैं.” उन्होंने कहा, “इसके बावजूद हमें मानदेय के रूप में मात्र ₹8,500 प्रति माह मिलता है, जबकि हमारी मांग है कि हमें जिले में कलेक्टर दर के आधार पर भुगतान किया जाए, जो न्यूनतम ₹15,000 होना चाहिए.”
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महतारी वंदन योजना
कार्यक्रम स्थल पर MP CG NDTV से बात करते हुए महिलाओं की समूह में शामिल ज्योति वर्मा ने कहा की सरकार कई काम बेहतर कर रही है. महतारी वंदन योजना के तहत हम महिलाओं को जो ₹1000 प्रतिमाह दिया जा रहा है उसका हमें काफी लाभ मिल रहा है. लेकिन सरकार को सामाजिक बुराई की तरफ फैल चुके शराब के नशे के कारोबार पर रोक लगाने की जरूरत है.
ज्योति की बातों का समर्थन करते हुए लक्ष्मी जांगिड़ कहती हैं. गांव में जगह-जगह शराब बिक रही है. घर के युवा और अन्य पुरुष जितना पैसा कमाते हैं, उसका बड़ा हिस्सा शराब खोरी में खत्म कर देते हैं. शराब के नशे में वह हम महिलाओं से दुर्व्यवहार भी करते हैं और कुछ लोग तो गांव की बच्चियों के साथ गलत हरकत भी करते हैं. ग्रामीण इलाकों में शराब का अवैध कारोबार भी खूब चल रहा है.
सरकार को तत्काल शराबबंदी पर विचार करना चाहिए
समूह में ही शामिल हेमा साहू कहती हैं घर के छोटे बच्चे भी शराब पीने लगे हैं. जब हम उनको मना करते हैं तो वह कहते हैं कि पापा, दादा, या बड़े पापा, बड़े भैया को आप लोग नहीं माना करते हमें क्यों मना कर रहे हो. पहले उनको मना करो फिर हम शराब छोड़ेंगे. सरकार को शराब से जितने भी पैसे की कमाई हो उसे पर ध्यान न देते हुए समाज को बौद्धिक रूप से भी विकसित करने पर ध्यान देना चाहिए. शराब आज ग्रामीण इलाकों में खासकर बड़ी बुराई बन चुका है. सरकार को तत्काल शराबबंदी पर विचार करना चाहिए.
बिजली बिल का करंट!
महिलाओं के समूह में शामिल कुमुदिनी वर्मा और रुक्मणी ने पिछले एक से दो महीने में एकाएक बढ़े बिजली के दामों पर चिंता जाहिर की. कुमुदिनी का कहना है कि 2 महीने पहले तक उनके घर का बिजली बिल अधिकतम ₹500 प्रति माह आता था जो अब बढ़ाकर ढाई हजार रुपए तक हो गया है.
सरकार कहती है कि बिजली बिल मुफ्त करने की दिशा में काम कर रहे हैं. गरीब और मध्यम वर्गी परिवार के लोग लाखों रुपए का सोलर प्लांट कैसे लगवाएंगे. सरकार को पहले की तरह बिजली बिल हाफ योजना को फिर से शुरू करना चाहिए. क्योंकि बिजली बिल के अचानक बढ़े बिल ने हम मध्यमवर्गीय परिवार के लोगों के घर का बजट बिगाड़ दिया है.