MP Elections 2023: भाजपा ने इंदौर-3 विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक आकाश विजयवर्गीय की जगह विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष राकेश शुक्ला गोलू को चुनाव लड़ा रही है, जबकि कांग्रेस ने दीपक जोशी पिंटू को मैदान में उतारा है. भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) के विधायक बेटे आकाश विजयवर्गीय (Akash Vijayvargiya) का टिकट कटने के बाद इंदौर-3 विधानसभा क्षेत्र के चुनावी समीकरण बदल गए हैं और अब दोनों पार्टी की ओर से नये चेहरे मैदान में हैं.
चुनावी मैदान में वंशवाद की छाया बरकरार
हालांकि इस सीट पर वंशवाद की चुनावी राजनीति की छाया बरकरार है, क्योंकि दोनों नये उम्मीदवार भी शहर के पुराने नेताओं के परिवार से ताल्लुक रखते हैं. दरअसल, भाजपा इस क्षेत्र के मौजूदा विधायक आकाश विजयवर्गीय की जगह इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) के उपाध्यक्ष राकेश शुक्ला गोलू (Rakesh Shukla Golu) को चुनाव लड़ा रही है, जबकि कांग्रेस ने दीपक जोशी पिंटू (Deepak Joshi Pintu) को मैदान में उतारा है.
बीजेपी-कांग्रेस ने मैदान में उतारे नए चेहरे
राकेश शुक्ला गोलू भाजपा के दिवंगत नेता विष्णुप्रसाद शुक्ला के भतीजे और इंदौर-1 के कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला के चचेरे भाई हैं. वहीं दीपक जोशी पिंटू कांग्रेस के दिवंगत नेता महेश जोशी के बेटे हैं. महेश जोशी को कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह अपना राजनीतिक गुरु बताते हैं.
राज्य की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर के पारंपरिक बाजारों को समेटने वाले इंदौर-3 क्षेत्र से खुद महेश जोशी और उनके भतीजे अश्विन जोशी भी विधायक रहे थे. साल 1980 के विधानसभा चुनावों से लेकर मौजूदा विधानसभा चुनावों तक यह नौवीं बार है, जब इंदौर-3 से जोशी परिवार का कोई सदस्य फिर चुनावी मैदान में हैं.
बुनियादी सुविधाओं के मामले में सबसे पिछड़ा इलाका
कांग्रेस प्रत्याशी दीपक जोशी पिंटू ने शनिवार को 'पीटीआई-भाषा' से कहा, 'इंदौर-3 से सबसे ज्यादा कर सरकारी खजाने में जमा किया जाता है, लेकिन पीने के पानी, सीवर लाइन, सड़कों, यातायात और अन्य बुनियादी सुविधाओं के मामले में यह इलाका शहर में सबसे पिछड़ा है. इस इलाके के सुनियोजित विकास की जरूरत है.'
भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय के कार्यकाल के दौरान इंदौर-3 में 3,000 करोड़ के विकास कार्यों के दावे पर तंज कसते हुए जोशी ने कहा,'अगर आकाश विजयवर्गीय ने इस क्षेत्र में 3,000 करोड़ रुपये के विकास कार्य कराए, तो उनका टिकट क्यों कट गया? हम इन तथाकथित विकास कार्यों को दूरबीन से ढूंढ़ रहे हैं और कुछ लोगों ने तो इन कामों का पता लगाने वाले व्यक्ति को 11,000 रुपये के इनाम की घोषणा भी कर दी है.'
शुक्ला ने कहा-'हम भाजपा साल के पूरे 365 दिन मैदान में होते हैं'
भाजपा उम्मीदवार राकेश शुक्ला गोलू के लिए इंदौर-3 क्षेत्र राजनीतिक जमावट के लिहाज से अपेक्षाकृत नया है और उनके टिकट की घोषणा 17 नवंबर को होने वाले मतदान के महज 27 दिन पहले 21 अक्टूबर को की गई थी. चुनावी तैयारी के लिए कम वक्त मिलने के बारे में पूछे जाने पर शुक्ला ने कहा,'हम भाजपा के उन कार्यकर्ताओं के दम पर चुनाव लड़ रहे हैं जो साल के पूरे 365 दिन मैदान में होते हैं.' उन्होंने कहा कि जोशी परिवार के कांग्रेस प्रत्याशी उनके सामने कोई चुनौती नहीं हैं और भाजपा इस क्षेत्र में विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है.
इंदौर-3 में 1.88 लाख मताधिकार
भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को पार्टी ने इंदौर-1 से 25 सितंबर को उम्मीदवार घोषित किया था. इसके बाद से ही अटकलें थीं कि इंदौर-3 सीट की विधानसभा में नुमाइंदगी करने वाले उनके 39 वर्षीय बेटे आकाश का टिकट कट सकता है जो आखिरकार सही साबित हुई. इंदौर-3 में 1.88 लाख लोगों को मताधिकार हासिल है. इस क्षेत्र में सूबे की 230 सीट में सबसे कम 193 मतदान केंद्र हैं. इस सीट का चुनाव परिणाम तय करने में मुस्लिम, ब्राह्मण और वैश्य समुदायों के मतदाताओं की अहम भूमिका होती है.
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