Madhya Pradesh School Education: शिक्षा माफिया (Education Mafia) और बुक सेलर (Book Seller) के गठजोड़ को तोड़ने के लिए जबलपुर जिला प्रशासन (Jabalpur District Administration) ने जबलपुर में पांच दिवसीय बुक फेयर (Book Fair) का आयोजन किया जा रहा है. इस बुक फेयर में किताबें (School Books), स्टेशनरी (Stationery) और अन्य स्कूलों की सामग्री भारी डिस्काउंट (Heavy Discount) के साथ मिल रही है. अभी इस बुक फेयर में भीड़ कम है, क्योंकि लोगों ने किताबें पहले ही खरीद ली थी, लेकिन जिला कलेक्टर (Jabalpur Collector) दीपक सक्सेना का कहना है कि यह एक प्रयास है जो अगले वर्ष सफल होगा.
मध्य प्रदेश में इस तरह का पहला बुक फेयर
मध्य प्रदेश का यह पहला बुक फेयर एनडीटीवी (NDTV) की शिक्षा माफिया के खिलाफ मुहिम का एक परिणाम है कि जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने पुस्तक विक्रेताओं के एकाधिकार पर रोक लगाने के लिये तथा सभी पुस्तक विक्रेताओं को अवसर देने के उद्देश्य से पुस्तक मेले का गोल बाजार में शुभारंभ किया गया.
कब तक चलेगा ये मेला?
जबलपुर में स्कूली बच्चों और उनके अभिभावकों को उचित और प्रतिस्पर्धी दरों पर किताबें, कापियां यूनिफार्म तथा अन्य शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध कराने के लिए स्कूल संचालक की समिति के माध्यम से 14 अप्रैल तक बुक फेयर का आयोजन किया जाएगा. बुक फेयर गोल बाजार स्थित शहीद स्मारक प्रांगण में लगाया जायेगा. नो प्रॉफिट-नो लॉस पर आधारित इस बुक फेयर में नर्सरी से लेकर 12वीं कक्षा तक की कॉपी-किताबों के स्टॉल के साथ-साथ यूनिफार्म, स्कूल बैग, जूते, टाई और अन्य शैक्षणिक सामग्रियों के अलग-अलग स्टॉल भी लगाये हैं.
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बुक फेयर में बुक बैंक भी
बुक बैंक (Book Bank) के स्टॉल पर पिछली कक्षाओं की किताबें स्कूली बच्चों द्वारा दी जा रही है ताकि दूसरे बच्चे इनका उपयोग कर सकेंगे. जिला प्रशासन ने अभिववकों से अपील की है कि पुरानी किताबों (Old Book) को रद्दी में ना डाल कर बुक बैंक में दे दें, इसका अच्छा रिस्पॉन्स भी मिल रहा है. निजी स्कूलों (Private School) की मनमानी से अभिभावकों को राहत दिलाने और उन पर पड़ने वाले आर्थिक बोझ को कम करने की प्रशासन की इस पहल में कई बुक सेलर्स सहभागिता कर रहे हैं.
अगले वर्ष के लिए सबक होगा बुक फेयर
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने कहा कि हो सकता है इस बार बुक फेयर के आयोजन में आंशिक सफलता ही मिले, लेकिन एक अच्छे इरादों के साथ शुरू की गई इस पहल का लोगों में अच्छा संदेश जायेगा. अगले शैक्षणिक सत्र में बुक फेयर का आयोजन काफी पहले और वृहद स्वरूप में किया जायेगा तथा इस बार जो कमियां परिलक्षित होंगी उन्हें दूर किया जायेगा. कोशिश यह होगी कि एक ही स्थान पर सभी निजी स्कूलों की कॉपी-किताबें, यूनिफार्म एवं अन्य सभी सामग्री बच्चों को न्यूनतम और प्रतिस्पर्धी दर पर प्राप्त हो जायें. इसमें बुक सेलर्स से बुक फेयर के आयोजन को लेकर सुझाव भी लिये जा रहे हैं. बुक सेलर्स ने अगले शैक्षणिक सत्र से बुक फेयर के आयोजन को पहले आयोजित करने पर सहमति दी है.
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सत्र शुरू होने के तीन माह पहले स्कूलों द्वारा किताबों सूची जारी हो
बुक सेलर्स ने NDTV को बताया कि निजी स्कूलों और पब्लिशर्स के बीच की साठ-गांठ को तोड़ने निजी स्कूलों से किताबों की सूची जनवरी माह में ले ली जानी चाहिए. शैक्षणिक सत्र शुरू होने के तीन माह पहले ही निजी स्कूलों द्वारा किताबों की कक्षा सूची जारी कर देने से कुछ खास दुकानदारों के अलावा दूसरे किताब विक्रेता भी पब्लिशर्स से संपर्क कर उन किताबों को मंगा सकेंगे.
स्कूली बच्चों के अभिभावकों को आर्थिक बोझ से राहत दिलाने बुक फेयर के आयोजन की प्रशासन की पहल की सराहना अनेक अभिवावकों ने की है लेकिन कई लोगों ने NDTV को बताया कि बहुत से स्कूल की किताबें अभी भी नहीं मिल रही हैं.
शासन का रूख भी है बेहद सख्त
प्रशासन जबलपुर में लगातार ऐसे स्कूलों पर प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही कर रहा है, जिनके विरूद्ध किसी खास दुकान या पब्लिशर्स की किताबें खरीदने बच्चों को बाध्य करने की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं. इस बारे में शासन का रूख भी बेहद सख्त है. छापे में पता चला की कई दुकान वालों ने पब्लिशर की आज्ञा के बिना नकली आईएसबीएन नंबर डालकर किताबें प्रिंट कर ली हैं.
जबलपुर जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना में बताया कि यह कार्रवाई बहुत सुविचार तरीके से की जा रही है. कई दिनों से हम लोग जांच कर रहे थे, बुक स्टोर्स की भी जांच की हमें पर्याप्त एविडेंस मिले हैं. डुप्लीकेट बुक्स भी मिली हैं. फर्जी ISBN नंबर डालकर भी बुक दी जा रही हैं, इसलिए आज डिटेल जांच के लिए मौके पर जाकर जांच करवाई की जा रही हैं.
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