
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा शहर में संचालित गायत्री विद्यापीठ इंग्लिश मीडियम हाई स्कूल की कक्षा एक की छात्रा बुधवार को घायल हो गई. इस बच्ची को गुप्तांग में चोट आई है. चोट लगने की वजह से दर्द से कराहती छात्रा ने शिक्षिका को एक अन्य बच्चे द्वारा मारने की बात बताने लगी, लेकिन शिक्षिका ने पीड़िता बच्ची को डांट डपट कर कक्षा में चुपचाप बैठने को कहा.
दर्द से कराहती बच्ची को देख अन्य शिक्षकों का दिल भी नहीं पसीजा और तय समय पर ही उसे छुट्टी दी गई. छात्रा जब घर पहुंची तो मां ने उसके कपडे बदलने शुरू किए तो मां की आंखे फटी की फटी रह गई. दरअसल अत्याधिक रक्तस्त्राव की वजह से मासूम छात्रा के कमर के नीचे का कपड़ा खून से सन गया था.
इधर खून से सने कपड़े देख मासूम की मां ने बच्ची से पूछा तो उसने बताया कि उसी के क्लास के एक अन्य छात्र ने उसे किसी लोहे के सरिया से गुप्तांग में मारा है. बच्ची ने मां को बताया कि उसने इस बात की जानकारी शिक्षकों को दी लेकिन उन्होने उसे डांट डपटकर शांत करा दिया.
छुट्टी के बाद बच्ची के पिता आनन-फानन में उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे. जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक चिकित्सा के बाद उसे मेकाज रेफर कर दिया।
खेल-खेल में हादसा !
हादसे में घायल मासूम पीड़िता ने बताया कि उसी के क्लास के एक छात्र ने उसे मारा है. लोहे के रॉड से उसके गुप्तांग में वार करने की बात उसने माता-पिता से कही है. माना जा रहा है कि बच्चों के खेल -खेल में घटना घटी है. वहीं एक अन्य छात्रा का नाम भी इस मामले में सामने आया है. ये छात्रा भी कक्षा एक में ही पढ़ती है.
शिक्षकों की बड़ी लापरवाही
इधर घटना में चोटिल होने के बाद जब पीड़िता ने शिक्षकों को घटनाक्रम की जानकारी दी तो उक्त महिला शिक्षक ने बच्ची की एक न सुनी. बताया जाता है कि उस बच्ची ने दर्द से कराहते ये बात बतानी चाही थी. शिक्षकों के गैरजिम्मेदाराना रवैये के चलते बच्ची अब भी दर्द से कराह रही है. पीड़ित बच्ची के माता-पिता के अलावा इस घटना को लेकर शहरवासियों में भी आक्रोश देखा जा रहा है.
इधर बच्ची के गुप्तांग में चोट लगने के बाद परिजन उसे अस्पताल लेकर पहुंचे तो डॉक्टरों ने परीक्षण कर पुलिस को सूचना दी. इधर गुरूवार की शाम संस्था के प्राचार्य व शिक्षकों को सिटी कोतवाली तलब किया गया है. घटनाक्रम के विषय में शिक्षकों से पूछताछ लगातार की जा रही है.
सीसीटीवी बने शो-पीस
इस स्कूल में सीसीटीवी भी लगे हैं.लेकिन कक्षा में लगे सीसीटीवी केवल दीवारों की शोभा बढा रहे हैं. ये सीसीटीवी महीनों से बंद पड़े हैं. इन बंद पड़े सीसीटीवी को सुधारने की जहमत भी कभी नहीं उठाई.
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