
Flood in Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मऊगंज (Mauganj) में महज तीन साल पहले बनाया गया पुल 20 दिन की बारिश में ध्वस्त हो गया. गांव को जोड़ने वाले एक मात्र पुल के ध्वस्त होने से दर्जनों गांवों के लोग फंसे हुए हैं. बच्चे और मरीज बेबस और लाचार हैं. इ सबके बीच लोगों का दर्द न कोई देखने वाला है और न कोई सुनने वाला. बच्चे वीडियो बनाकर पुल को दुरुस्त करवाने के लिए प्रशासन से अपील कर रहे हैं.
मऊगंज जिले के देवतालाब तहसील में ग्राम पंचायत शुकुल गांव के ग्राम कटरा खुर्द में अब से तीन साल पहले एक पुल बना गया था, जो कई दर्जनों गांवों के आने-जाने वाले का एकमात्र सहारा था. वह, 20 दिन पहले बारिश में बह गया और तब से आज तक ये गांव मुख्य मार्ग से कटा पड़ा हैं. गांव के लोग पैदल पानी पार करते है. वहीं, बच्चे बैग के साथ पानी के किनारे खड़े दिखाई देते हैं. वहीं, बुजुर्ग छड़ी के सहारे खड़े होकर बाट जोहते हैं.
हालात ये है कि यहां के बच्चे पिछले एक महीने से स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. कई बीमार मरीज अस्पताल तक नहीं पहुंच पा रहे है. ऐसे में वाहनों का तो गांव में आने का सवाल ही नहीं उठता है. सबसे दर्दनाक कहानी डायलिसिस के अभाव में दम तोड़ती महिला की है. वहीं, हार्ट के मरीजों भी पानी की वजह से अस्पताल न पहुंच पा रहे हैं. इसके अलावा गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों की जरूरत की रोजमर्रा की चीजों की सप्लाई ठप है. हालात ये है कि अब बच्चों को वीडियो बनाकर प्रशासन से मदद करने की अपील करनी पड़ रही है.
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"महज तीन साल पहले प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनी ये पुल अब भ्रष्टाचार की निशानी बन चुका है. करोड़ों रुपये खर्च हुए, लेकिन नियमों को दरकिनार जो पुल बनाया गया, उसमें मजबूती नाम की कोई चीज़ नहीं है.
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