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सम्राट अशोक सागर परियोजना: थैंक यू मंत्री जी, ये काम होने से किसानों की वर्षों पुरानी मांग हुई पूरी

MP News: बांध में गेट न होने के कारण भोपाल जिले की बैरसिया तहसील के 17 ग्राम, करोंद के 4 ग्राम, विदिशा जिले के 4 ग्राम एवं रायसेन जिले के 3 ग्राम अत्यधिक वर्षा की स्थिति में जलमग्न हो जाते थे, जिससे इन 28 ग्रामों के किसानों की लगभग 2400 हेक्टेयर भूमि पानी में डूब जाती थी. इस समस्या के समाधान के लिये लगभग 31 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई, जिससे बांध के वेस्ट वीयर पर 5 गेट एवं अन्य निर्माण कार्य पूर्ण किया गया.

सम्राट अशोक सागर परियोजना: थैंक यू मंत्री जी, ये काम होने से किसानों की वर्षों पुरानी मांग हुई पूरी

Samrat Ashok Sagar Bandh / Halali Dam: सम्राट अशोक सागर परियोजना (Samrat Ashok Sagar Project) में बांध (Dam) के गेट लगाने से किसानों की 46 वर्षों से चली आ रही मांग पूरी हो गई. 17 अगस्त शनिवार को बैरसिया के इमला चौक में किसानों ने बड़ी संख्या में इकट्ठे होकर जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट (Water Resources Minister Tulsi Silawat) का आभार माना और उन्हें धन्यवाद दिया. गेट न होने से लगभग 28 गांव के किसानों की 24 हेक्टेयर भूमि बारिश के दिनों में धूप में आ जाती थी, जिससे किसानों को फसल का अत्यधिक नुकसान होता था. सरकार को भी प्रतिवर्ष सर्वे मुआवजा देना पड़ता था. मंत्री  सिलावट ने इसे संज्ञान में लेकर गेट लगाने का काम पूरा किया. अब किसान खुश हैं. लगभग 31 करोड़ की लागत से गेट का निर्माण किया गया. साथ ही एसपी स्टील में कंट्रोल रूम और डाउनस्ट्रीम ब्रिज का कार्य भी शामिल है.

क्या है अशोक सागर परियोजना?

 ► सम्राट अशोक सागर परियोजना का निर्माण वर्ष 1976-77 में किया गया.

► यह विदिशा जिले की वृहद परियोजना के साथ ही बाढ़ नियंत्रक योजना भी है.

► इसका मूल उद्देश्य बाढ़ से विदिशा शहर की हानि को रोकना है.

► इस परियोजना से विदिशा जिले के 174 और रायसेन जिले के 56 गांव आते हैं.

► दोनों जिले के लगभग 16 हजार किसानों की 39 हजार 292 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई की जा रही है.

► इस योजना से 27 हजार 270 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई हेतु नहरों का निर्माण किया गया.

यह समस्या थी

बांध में गेट न होने के कारण भोपाल जिले की बैरसिया तहसील के 17 ग्राम, करोंद के 4 ग्राम, विदिशा जिले के 4 ग्राम एवं रायसेन जिले के 3 ग्राम अत्यधिक वर्षा की स्थिति में जलमग्न हो जाते थे, जिससे इन 28 ग्रामों के किसानों की लगभग 2400 हेक्टेयर भूमि पानी में डूब जाती थी. इस समस्या के समाधान के लिये लगभग 31 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई, जिससे बांध के वेस्ट वीयर पर 5 गेट एवं अन्य निर्माण कार्य पूर्ण किया गया. इसमें स्पिलवे, कंट्रोल रूम एवं डाउन स्ट्रीम ब्रिज आदि निर्माण कार्य शामिल हैं. मंत्री  सिलावट ने केन-बेतवा एवं चंबल-कालीसिंध पार्वती परियोजना से लाभान्वित हो रहे क्षेत्र के बारे में जानकारी दी.

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