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Phoolon Ki Kheti: फूलों की खेती से महक उठा मध्य प्रदेश; देश में तीसरे स्थान पर MP, ऐसे बढ़ा फूलों का उत्पादन

Flower Farming: मध्यप्रदेश के उत्पादित फूलों की मांग देश के महानगरों के साथ विदेशों में भी बढ़ी है. गुना जिले के गुलाब की महक जयपुर, दिल्ली, मुम्बई के बाद अब पेरिस और लंदन में भी पहुंच रही है. शिक्षित युवाओं के साथ गांव में रहने वाले ग्रामीण किसान भी फूलों के उत्पादन की ओर आकर्षित हुए है.

Phoolon Ki Kheti: फूलों की खेती से महक उठा मध्य प्रदेश; देश में तीसरे स्थान पर MP, ऐसे बढ़ा फूलों का उत्पादन
Flower Farming: फूलाें के उत्पादन में मध्य प्रदेश देश में तीसरे स्थान पर

Flower Cultivation: फूलों के उत्पादन में मध्यप्रदेश ने देशभर में अपनी अलग पहचान बनाई है. देश में मध्यप्रदेश फूल उत्पादन में तीसरे स्थान पर है. एमपी में उद्यानिकी के कुल 27.71 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में फूल उत्पादन 42 हजार 978 हैक्टेयर में होता है. मध्य प्रदेश के किसानों द्वारा वर्ष 2024-25 में 5 लाख 12 हजार 914 टन फूलों का उत्पादन किया गया है, जो रिकार्ड है. ऐसे में वह दिन दूर नहीं जब फूलों के उत्पादन में मध्यप्रदेश देश का टॉप स्टेट बन जाएगा.

ऐसे बढ़ता गया उत्पादन

मध्य प्रदेश में किसानों का फूलों के उत्पादन के प्रति बढ़ता रूझान ही है कि गत चार वर्षों में फूलों का उत्पादन रकबा जो वर्ष 2021-22 में 37 हजार 647 हैक्टेयर था, वह वर्ष 2024-25 में बढ़कर 42 हजार 976 हैक्टेयर और उत्पादन में 86 हजार 294 टन की बढ़ोत्तरी हुई है. किसानों की आय को दोगुना करने और खेती को लाभ का धंधा बनाने में केन्द्र और राज्य सरकार किसान को कैश-क्रॉप की ओर प्रेरित कर रही है. छोटी कृषि जोत रखने वाले किसान, जिनके पास एक-दो एकड़ या तीन एकड़ की कृषि भूमि है, वे फूलों का उत्पादन कर अच्छा लाभ कमा सकते है.

देश के साथ-साथ विदेशों में भी है मांग

मध्यप्रदेश के उत्पादित फूलों की मांग देश के महानगरों के साथ विदेशों में भी बढ़ी है. गुना जिले के गुलाब की महक जयपुर, दिल्ली, मुम्बई के बाद अब पेरिस और लंदन में भी पहुंच रही है. शिक्षित युवाओं के साथ गांव में रहने वाले ग्रामीण किसान भी फूलों के उत्पादन की ओर आकर्षित हुए है. राजधानी भोपाल की ग्राम पंचायत बरखेड़ा बोदर की रहने वाली श्रीमती लक्ष्मीबाई कुशवाह धान, गेहू, सोयबीन की खेती छोड़कर गुलाब, जरबेरा और गेंदा के फूल का उत्पादन कर, हर महीने तीन से चार लाख रूपये कमा रही है. ऐसे अनेक उदाहरण है, जिनसे प्रदेश में फूलों का उत्पादन बढ़ा है.

इन किस्मों के फूलों की खेती होती है MP में

मध्यप्रदेश में प्रमुख रूप से उत्पादित किये जाने वाले फूलों में गेंदा, गुलाब, सेवन्ती, ग्लेडूलस, रंजनीगंधा तथा औषधीय पुष्पों में इसेवगोल, अश्वगंधा, सफेद मूसली और कोलिक्स है. प्रदेश में सर्वाधिक उत्पादन क्षेत्र गेंदा के फूल का है. किसानों द्वारा 24 हजार 214 हैक्टेयर में गेंदे की खेती की जा रही है. दूसरे स्थान पर गुलाब है जिसका रकबा 4 हजार 502 हैक्टेयर और तीसरे स्थान पर सेवन्ती एक हजार 709 हैक्टेयर, चौथे स्थान पर ग्लेडूल्स एक हजार 58 हैक्टेयर, पांचवें स्थान पर रंजनीगंधा 263 हैक्टेयर सहित अन्य पुष्प 11 हजार 227 हैक्टेयर में बोए जा रहे है. प्रदेश में फूलों की प्रति हैक्टेयर उत्पादकता 15.01 मैट्रिक टन है, जो फूलों की दृष्टि से सर्वश्रेष्ठ माना जाता है.

फूलों की बढ़िया उत्पादकता के लिये मध्य प्रदेश की जलवायु, यहाँ की मिट्टी के साथ सिंचाई सुविधाओं के विस्तार और किसानों को शासन का सहयोग है. फूलों के उत्पादन से लेकर फूलों की गुणवत्ता में सुधार और मार्केटिंग महत्वपूर्ण विषय है, जिस पर मध्यप्रदेश शासन उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग लगातार काम कर रहा है.

मध्यप्रदेश में वर्ष 2024-25 में उद्यानिकी फसलों के क्षेत्र में 14 हजार 438 हैक्टेयर का विस्तार हुआ है और इसमें फूलों का रकबा 5329 हैक्टेयर बढ़ा है. प्रदेश में 33 प्रतिशत से अधिक फूलों (पुष्प) के उत्पादन को प्रोत्साहित करने में उद्यानिकी विभाग की हाइटेक नर्सरी, प्रशिक्षण के माध्यम से कृषकों को तकनीकी की जानकारी प्रदान करना लगातार जारी है. इसी कड़ी में केन्द्र सरकार के सहयोग से ग्वालियर जिले में 13 करोड़ रूपये की लागत से हाइटेक फ्लोरी कल्चर नर्सरी विकसित की जा रही है. यह नर्सरी मध्यप्रदेश में पुष्प उत्पादन के लिये वरदान साबित होगी. वह दिन दूर नहीं जब मध्यप्रदेश फूलों के उत्पादन में देश का शीर्ष राज्य बनेगा.

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