
FIR against Dead Person: मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में एक गजब का ही मामला सामने आया है. विदिशा पुलिस ने हाल ही में दो ऐसे लोगों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कर डाला, जो वर्षों पहले इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं. यह घटना सिर्फ पुलिस की लापरवाही को और गैर-जिम्मेदारी से जांच के तरीके को उजागर कर रही है. स्थानीय लोगों को कहना है कि पुलिस ने लग रहा भूतों को देख लिया है, जिस वजह से भूतों पर एफआईआर दर्ज की गई है.
मामला क्या है?
विदिशा जिले के गंजबासौदा थाना क्षेत्र के बरेठ गांव में दो समुदायों के बीच कुछ दिन पहले एक विवाद हुआ. 17 जुलाई को यह विवाद पुलिस थाने तक पहुंचा और एफआईआर दर्ज कर ली गई. एफआईआर होने के बाद असली चौंकाने वाली बात तब सामने आई, जब FIR की सूची में जिन लोगों के नाम दर्ज थे, उनमें से दो लोग 8 से 10 साल पहले ही मर चुके थे.
हैरानी की बात यह है कि FIR दर्ज करने से पहले ना तो पुलिस ने जांच की और ना ही किसी तरह का सत्यापन किया गया. इसके अलावा थाने में कोई सुनवाई भी नहीं हुई.
जिला मुख्यालय जाकर की शिकायत
जब मृतकों के नाम एफआईआर में दर्ज होने की बात परिजनों ने पुलिस से की तो थाने में उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई. थक-हारकर फरियादी राजकुमार शर्मा ने जिला मुख्यालय का रुख किया और एडिशनल एसपी प्रशांत चौबे से पूरे मामले की शिकायत की.
क्या बोले परिजन
राजकुमार शर्मा ने बताया कि जिन दो लोगों के नाम FIR में डाले गए हैं, वे तो कई साल पहले गुजर चुके हैं. हमने थाने में शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. इसलिए अब जिला मुख्यालय आकर ASP से न्याय की गुहार लगाई है.
पुलिस ने क्या कहा
एडिशनल एसपी प्रशांत चौबे ने मामले में कहा कि विवाद में दर्ज कुछ नामों पर आपत्ति आई है. FIR में दो मृत व्यक्तियों के नाम दर्ज होना संज्ञान में आया है. संबंधित अधिकारियों को जांच के निर्देश दिए गए हैं. अगर मामला सत्य है तो कार्रवाई की जाएगी.
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