
Ujjain Mahakal Latest Update: मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती से पहले गर्भगृह में जबरन घुसने और कर्मचारियों से अभद्रता का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. हालात को देखते हुए घटना के 30 घंटे बाद मंदिर प्रशासन ने अब घटना की जांच के आदेश दिए हैं.
श्रावण माह के दूसरे सोमवार तड़के इंदौर क्षेत्र क्रमांक-3 के भाजपा विधायक गोलू शुक्ला अपने बेटे रुद्राक्ष के साथ जबरन भस्म आरती से पहले महाकाल मंदिर के गर्भगृह में घूस गए थे. आरोप है कि इस दौरान रोकने पर रुद्राक्ष ने मंदिर कर्मचारी आशीष दुबे का गला पकड़कर धमकाया भी था. खबर सामने आने के बाद मंदिर में हड़कम मच गया, लेकिन मंदिर प्रशासन ने घटना लेकर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं था. इधर, मीडिया में मामला उछलने के बाद मंगलवार दोपहर महाकाल मंदिर प्रशासक प्रथम कौशिक ने तीन सदस्यीय कमेटी बनाकर 7 दिन में जांच करने के आदेश दिए.
पहले दिया झूठा बयान
दरअसल, मंदिर के सहायक प्रशासक एसएन सोनी ने घटना को दबाने का प्रयास करते हुए कहा था कि किसी कर्मचारी से कोई घटना नहीं हुई है और विधायक शुक्ला अनुमति लेकर गए थे. उनके साथ कौन गया, इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन मामले के तूल पकड़ने पर मंगलवार को सोनी ने खुलासा किया कि विधायक शुक्ला के साथ उनके समर्थकों ने भी बिना अनुमति गर्भगृह में प्रवेश किया था. बताया कि विधायक शुक्ला की कावड़ यात्रा रविवार रात उज्जैन पहुंची थी. सोमवार तड़के करीब ढाई बजे मंदिर पट खुलने के बाद वह बेटे रुद्राक्ष और समर्थकों के साथ मंदिर पहुंचे थे. इसके बाद वह यहां भस्म आरती में हरिओम को जल अर्पित कराने के दौरान जबरन गर्भगृह में घुस गए.
लिंक बंद होने की भी होगी जांच
सहायक प्रशासक सोनी ने आगे कहा कि विधायक शुक्ला के पुत्र रुद्राक्ष ने कुछ कर्मचारियों के साथ अभद्रता भी की . जानकारी के बाद मंदिर प्रशासक ने जांच दल गठित कर दी है, जो सात दिन में रिपोर्ट पेश करेगी. इसकी रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी. सोनी से पूछा कि घटना के समय लाइव लिंक क्यों बंद की, तो उन्होंने इसकी भी जांच कराने की बात कही. उन्होंने बताया कि इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि कितने लोग गर्भ गृह में गए थे. उन्होंने कहा गर्भगृह में जाने की परमिशन कलेक्टर या प्रशासक देते हैं. घटना के समय वह राज्यपाल के प्रोटोकॉल में थे. जब घटना की जानकारी मिली, तब तक सब खत्म हो गया था.
इसलिए गर्भगृह में बंद है प्रवेश
दरअसल, महाकाल लोक बनने से पहले महाकाल मंदिर में रोजाना 20 से 30 हजार श्रद्धालु पहुंचते थे. अक्टूबर 2022 में महाकाल लोक बनने के बाद भक्तों की संख्या में चार गुना हो गई है. ऐसे में प्रतिदिन लाखों भक्तों को गर्भगृह से दर्शन करवाना संभव नहीं होने के कारण गर्भगृह को बंद कर दिया गया था.
यह भी पढ़ें- ट्रेन में भाजपा नेता की मां की अस्थियां चुराने का प्रयास, चोर को रंगे हाथ पकड़ जमकर धुना
विधायक बोले- 5 लोगों की परमिशन थी
वहीं, विवाद बढ़ने पर सोमवार को विधायक शुक्ला ने कहा था कि हम बिना परमिशन कोई काम नहीं करते. मंदिर प्रशासक और कलेक्टर ने हमें 5 लोगों का परमिट दिया था. दर्शन के दौरान कर्मचारी ने रोकने की कोशिश की, तो सिर्फ कहासुनी हुई. याद रहे कि 4 साल पहले भी शुक्ला का बेटा रुद्राक्ष ने गर्भगृह में दर्शन करते हुए फोटो खिंचवा कर फेसबुक पर अपलोड किया था.
यह भी पढ़ें- अब इंदौर से मुंबई तक का सफर सिर्फ 12 घंटे में होगा पूरा, रेलवे ने शुरू की नई Special Train