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Rewa News: राष्ट्र की रक्षा केवल शस्त्रों से नहीं... विंध्य के सपूत एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने युवाओं को दिए ये संदेश

Chief of the Naval Staff in Rewa: अपने अनुभव साझा करते हुए एडमिरल दिनेश कुमार ने कहा कि "आत्म संयम, समय का सम्मान, राष्ट्रभक्ति और नेतृत्व के गुण किसी भी क्षेत्र में सफलता के मूल मंत्र हैं. आइए जानते हैं कैसे नौसेना प्रमुख ने युवाओं को राष्ट्रप्रेम के प्रति संदेश दिया.

Rewa News: राष्ट्र की रक्षा केवल शस्त्रों से नहीं... विंध्य के सपूत एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने युवाओं को दिए ये संदेश
Chief of the Naval Staff in Rewa: नौसेना प्रमुख ने रीवा में युवाओं से किया संवाद

Chief of the Naval Staff in Rewa: रीवा के ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय में आयोजित युवा अभिप्रेरणा कार्यक्रम में भारतीय नौ सेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी शामिल हुए. यहां उन्होंने महाविधालय के छात्रों को प्रेरणा से भरा उद्बोधन दिया. एडमिरल दिनेश त्रिपाठी विंध्य के सपूत होने के साथ-साथ रीवा सैनिक स्कूल के छात्र रहे हैं. उन्होंने 30 अप्रैल 2024 को 26वें नौसेना प्रमुख के तौर पर पदभार संभाला था. उन्हीं के क्लासमेट जनरल उपेंद्र द्विवेदी वर्तमान में थल सेना अध्यक्ष हैं.

एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने क्या संदेश दिया?

रीवा के ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय के छात्रों को सेना और देश प्रेम के लिए प्रेरणा देते हुए नौसेना प्रमुख दिनेश कुमार त्रिपाठी ने अपने उद्बोधन में कहा कि "राष्ट्र की रक्षा केवल शस्त्रों या सीमाओं की निगरानी से नहीं होती. बल्कि इसके लिए विचारों में स्पष्टता, उद्देश्य में दृढ़ता और अनुशासन में निरंतरता होना आवश्यक है. आज का युवा ही कल का राष्ट्र निर्माता है, उसकी सोच और संकल्प ही देश की दिशा और दशा तय करते हैं."

अपने अनुभव साझा करते हुए एडमिरल दिनेश कुमार ने कहा कि "आत्म संयम, समय का सम्मान, राष्ट्रभक्ति और नेतृत्व के गुण किसी भी क्षेत्र में सफलता के मूल मंत्र हैं. उन्होंने छात्रों को समाज के विकास में योगदान देने के लिए प्रेरित किया और कहा कि यह शताब्दी भारत की है. ऐसे में युवा विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं."

उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि "वह ऐसा कार्य करें, जिससे वे समाज के लिए उदाहरण बन सके." उन्होंने उन्हें कठोर परिश्रम करने और अपने प्रयासों का सर्वोत्तम समाज को देने की बात कही. आत्ममूल्यांकन के महत्व पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि असफलताओं से हताश होने के बजाय, उनसे सीख लेकर नए उत्साह और सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ना चाहिए. नौसेना जैसी शक्तिशाली सैन्य संगठन का उदाहरण देते हुए उन्होंने, संयुक्त शक्ति की अवधारणा को रेखांकित किया. जहां थल, वायु, और जल सेना मिलकर राष्ट्र की रक्षा करती है. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना, साहस, शक्ति ,और राष्ट्र के प्रति अटूट समर्पण का प्रतीक है. भारतीय सेना देश की संप्रभुता की रक्षा और सीमाओं के भीतर और बाहर शांति बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.

नौसेना और थल सेना प्रमुख रीवा सैनिक स्कूल के पूर्व छात्र

वर्तमान में जल सेना अध्यक्ष और थल सेना अध्यक्ष रीवा के सैनिक स्कूल के ही छात्र रहे हैं. सबसे बड़ी बात दोनों एक ही क्लास में एक ही साथ पढ़ा करते थे. सैनिक स्कूल की पढ़ाई के बाद सेना में भर्ती हुए और आज सेना के सर्वोच्च पद पर, राष्ट्र सहित विंध्य और रीवा का नाम पूरी दुनिया में रोशन कर रहे हैं. रीवा के लोगों के लिए बड़े गौरव की बात है, उन्हीं के शहर में रहकर पढ़ने वाले दो छात्र, सेना के सर्वोच्च पद पर मौजूद हैं.

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