MP Flower Farming : बदलते वक्त के साथ किसानों ने खेती का ट्रेंड बदल दिया है. किसानों का रुझान परंपरागत खेती के बाद अब अधिक मुनाफा देने वाली खेती की ओर बढ़ रहा है. शायद इसीलिए छत्तीसगढ़ के बाद अब एमपी के छतरपुर में किसान फूलों की खेती की ओर रुझान बढ़ा चुके हैं. हर दिन करीब दो से पांच हजार रुपये तक की कमाई कर रहे हैं. बता दें, छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के कोलियापुरी के किसान गिरीश देवांगन ने भी इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए फूल की खेती शुरू की थी. उन्होंने महज एक एकड़ की जमीन में जरबेरा फूल की खेती शुरू की. इससे उन्हें सलाना 20 से 25 लाख रुपये तक का मुनाफा हो रहा है. हालांकि, उनकी इस खेती में उद्यानिकी विभाग का भी सहयोग रहा. गुलाब के फूलों की खेती छतरपुर जिले के चंद्रपुर गांव के किसानों के लिए मुनाफे की खेती साबित हो रही है.
किसानों ने बदला ट्रेंड
वहीं, अब छतरपुर जिले के किसान भी फूलों की खेती में अपनी किस्मत अजमा रहे हैं. फूलों की खेती की वजह से अब बुंदेलखंड जैसे सूखा ग्रस्त क्षेत्र के किसानों की आय में सुधार हो रहा है. तकनीकी के नए प्रयोग से किसान फूलों की खेती करके प्रतिदिन करीब दो से पांच हजार रुपये तक की कमाई कर रहे हैं. मिली जानकारी के अनुसार, माह में एक लाख 50 हजार और साल में करीब 18 लाख रुपये की कमाई किसान कर रहे हैं. इससे किसान आर्थिक रूप से सशक्त बन रहे हैं. जिले के चंद्रपुर गांव में कई घरों में गांव के लोग अब गुलाब के फूलों की खेती कर रहे हैं.
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मुंबई, बनारस और दिल्ली तक जाते हैं फूल
बता दें, बुंदेलखंड की मिट्टी में उगे फूल की खुशबू दिल्ली, मुंबई और बनारस तक गमक रही है. खजुराहो एयरपोर्ट से इन फूलों को सीधे हवाई सेवाओं के माध्यम से महानगरों तक पहुंचाया जा रहा है. कृषि विभाग के जानकारों की मानें तो बुंदेलखंड में फूलों की खेती किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है.
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