Leopard in Gwalior: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के श्योपुर (Sheopur) जिले के कूनो अभ्यारण (Kuno National Park) के जंगल से बाहर निकल कर मादा चीता वीरा (Veera Leopard) लगातार अपनी टेरिटरी बदल रही है. भीषण गर्मी में उसे मैदानी इलाकों का घास से भरा जंगल बहुत रास आ रहा है. यही वजह है कि मादा चीता वीरा अब ग्वालियर (Gwalior) जिले के मोहना फॉरेस्ट रेंज (Mohana Forest Range) के आसपास लगातार स्वच्छन्द भृमण कर रही हैं. इससे पहले उसे घाटीगांव के जंगलों में देखा गया था. मादा चीता वीरा अपने शिकार की तलाश में लगातार भटक रही है.
वन विभाग (Forest Department) के अधिकारियों के मुताबिक वीरा अब तक 3 बकरियों का शिकार कर चुकी है. उसे यहां आसानी से अपना शिकार मिल रहा है. जबकि, कूनो अभ्यारण में शिकार करने के लिए उसे खासी मेहनत करनी पड़ रही थी. इसलिए वह कूनो अभ्यारण की तरफ वापस नहीं लौट रही है. ऐसे में उसकी सुरक्षा को देखते हुए वन विभाग का अमला लगातार उस पर निगरानी बनाए हुए हैं.
चीता को घास आ रहा रास
जिन क्षेत्रों में मादा चीता वीरा का मूवमेंट ज्यादा दिखाई दे रहा है, वहां वन विभाग द्वारा ग्रामीणों को अगाह किया गया है. वन अफसरों के अनुसार, चीता को अधिकतर घास के मैदान पसंद होते हैं. ग्वालियर के आसपास जंगलों में घास अधिक है. इसी वजह से वीरा को यहां विचरण करने में कोई परेशानी नहीं हो रही है और उसे ये एरिया पसंद आ रहा है.
इन इलाकों में है मूवमेंट
चीता वीरा को बीते दिनों मोहना के नजदीक रेंहट के पास देखा गया हैं. उसके पल-पल के मूवमेंट पर वन विभाग की टीम निगरानी बनाए हुए हैं. यह पहली बार है जब कूनो अभ्यारण से निकलकर कोई चीता ग्वालियर के जंगलों में मूव कर रही है. ग्वालियर का फॉरेस्ट अमला अलर्ट मोड पर है. 24 घंटे वन विभाग की टीम चीता की निगरानी में जुटी हुई है. चीता वीरा को वापस कूनो अभ्यारण में भेजने के तमाम प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन फिलहाल तो उसका नया ठिकाना ग्वालियर का जंगल बना हुए है.
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शिकार की गई बकरियों के मालिकों को मुआवजा
ग्वालियर के सीसीएफ टी. एस. सुलिया का कहना है कि जिन ग्रामीणों की बकरियों का शिकार वीरा ने किया है, उन किसानों को तत्काल मुआवजा भी दिया गया है. उनका कहना है कि मूवमेंट वाले इलाकों के गांव वालों को दूरी बनाकर रहने को कहा गया है. उधर, मुरैना कलेक्टर अंकित अस्थाना और डीएफओ अंकित पांडे गुरुवार को अपनी सीमा पार कर रेहट के जंगल के आसपास पहुंचे.
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