Right to Education: शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE Act) आने के बाद भी तमाम ऐसे बच्चे हैं, जो रिकॉर्डों की कमी के चलते अपने हक से वंचित हैं. यूं तो ऐसे बच्चों की संख्या गांव-गांव में है, लेकिन मैहर जिले के लखवार और अमिलिया गांव के बच्चों की शिक्षा के लिए पहल करते हुए केजेएस प्लांट (KJS Plant) ने अहम कदम उठाया. जिससे लगभग 50 बच्चों को न केवल उनके रिकार्ड मिलेंगे, बल्कि वे अब स्कूल (School) और आंगनवाड़ी में प्रवेश पाकर शिक्षा और स्वास्थ्य का लाभ पा सकेंगे. दोनों ही गांव के बच्चों की परेशानी केजेएस प्लांट प्रबंधन ने समझा. अपने सामाजिक उत्तरदायित्व का निर्वहन करते हुए न केवल गांव के दोनों प्राथमिक स्कूलों का ढांचागत विकास किया बल्कि जिला प्रशासन मैहर से मुलाकात कर उनके आवश्यक दस्तावेज तैयार कराने की पहल की. जिसे पूरी गंभीरता के साथ जिला प्रशासन ने लिया और अब उस दिशा में कदम बढ़ा दिए.
कहां का है मामला?
बताया जाता है कि अमिलिया और लखवार नगर पालिका मैहर के वार्ड क्रमांक 23 का हिस्सा है. यहां पर केजेएस प्लांट भी स्थापित है. विद्यालय और आंगनवाड़ी की तरफ से विद्यालय भवन के विकास और बच्चों की परेशानी का मामला प्रबंधन के संज्ञान में लाया गया. गांव में स्कूल जाने योग्य बच्चों की संख्या होने के बाद भी छात्रों की संख्या में गिरावट से दोनों विद्यालय बंद होने की कगार पर पहुुंच चुके थे. लिहाजा गांव का स्कूल के प्राधानाध्यापक मीना पाठक ने सर्वे कराया. इस दौरान लखवार में 21 और अमिलिया में 29 बच्चे मिले जिन्हें स्कूल अथवा आंगनवाड़ी में प्रवेश दिया जा सकता है. लिहाजा विद्यालय प्रबंधन ने यह सूची केजेएस को सौंपी.
शुरू हुआ गांवों में सर्वे
माइंस एजीएम वीरेन्द्र चौधरी अपनी टीम के साथ एडीएम (SDM) शैलेन्द्र सिंह से मिले, जिन्होंने तत्काल टीम को गांव में सर्वे करने के निर्देश दिए. एसडीएम खुद मौके पर पहुंचे और परेशानी के बारे में जानकारी ली. उन्होंने कहा कि बच्चों का रिकाॅर्ड तैयार करने के लिए साथ ही अन्य ग्रामीणों के भी रिकाॅर्ड बनाएंगे ताकि उन्हें भी आगे चलकर परेशानी का सामना नहीं करना पड़े.
30 मई को लगेगा कैंप
मैहर एडीएम शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि केजेएस की तरफ से गांव के बच्चों की सूची दी गई है. जिनके समग्र आईडी, आधार कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र नहीं होने का हवाला दिया गया. सूची के अलावा भी लोग हो सकते हैं ऐसे में घर-घर सर्वे कराया जा रहा है. 30 मई को गांव में कैंप लगाया जाएगा. जहां पर सभी के रिकार्ड तैयार किए जाएंगे. भविष्य में बच्चों को स्कूल में प्रवेश मिलेगा और उन्हें आसानी रहेगी.
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