Bhopal Lok Sabha Elections 2024: वोटर्स वोट दो...इनाम में डायमंड रिंग लो....यही वो मुनादी है जो लोकसभा चुनाव के थर्ड फेज (Lok Sabha elections 3rd phase voting)में वोटिंग परसेंटेज बढ़ाने के लिए भोपाल प्रशासन (Bhopal Administration)करवा रहा था.ज्यादा से ज्यादा संख्या में वोटर्स आएं और वोट करें इसके लिए प्रशासन ने ये ओपन ऑफर दिया था. वोटिंग के दिन प्रशासन ने बकायदा लकी ड्रॉ भी किया. जिसमें भोपाल संसदीय सीट के 4 मतदाता भाग्यशाली निकलें और उन्हें प्रशासन की ओर से डायमंड रिंग का गिफ्ट मिला. हालांकि कहा जाता है न एपमी अजब है...एमपी गजब है. हुआ भी कुछ ऐसा ही ये अंगूठियां नकली निकलीं. चारों भाग्यशाली विजेताओं जिसमें दो पुरुष और दो महिलाएं शामिल थीं ने इसकी जांच कराई तो ये अंगूठियां अमेरिकन डायमंड निकलीं. इसके बाद बवाल मचा और जिला प्रशासन की खूब फजीहत हुई. अब गुरुवार को जिला प्रशासन ने अपनी गलती कैसे सुधारी ये हम आपको आगे बताएंगे पहले नकली हीरे की पूरी कहानी को जान लेते हैं.
मतदान प्रतिशत बढ़ाने की कवायद में धोखा !
दरअसल भोपाल में 7 मई को तीसरे चरण की वोटिंग हुई. इसी दौरान स्थानीय प्रशासन ने वोटिंग परसेंटेज बढ़ाने के लिए कई तरह के प्रयास किए. इसी में से एक था लकी ड्रा का ऑफर. जिसमें हीरे की अंगुठी देने की बात कही गई थी. बताया जा रहा है कि जिला प्रशासन ने व्यापारी संघ के साथ मिलकर तय किया था कि लोगों को मतदान के प्रति जागरूक करने के लिए डायमंड रिंग का उपहार देंगे. प्रशासन ने वोटिंग के दिन शाम से पहले ही बकायदा लकी ड्रा किया और चार लोगों को पूरे तामझाम के साथ इनाम में अंगूठी भी सौंपी. विजेताओं को जो अंगूठियां मिली थीं, वह लकी जूलर्स बैरागढ़ के डिब्बे में आई थीं. इसके बाद जब विजेताओं ने अंगूठी की जांच कराई तो पता चला कि ये तो नकली है.
अयान खान
अब जरा लकी जूलर्स के मालिक महेश ददलानी की बात भी सुन लीजिए. वे कहते हैं कि उन्होंने ने तो कभी हीरे का बिजनेस किया ही नहीं है.
महेश ददलानी
NDTV की पड़ताल में नकली हीरे की असली कहानी सामने आई. भोपाल कपड़ा व्यापरी संघ के पूर्व अध्यक्ष वासुदेव वाधवानी ने बताया कि कलेक्टर ने भोपाल चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज की बैठक बुलाई थी और हमें उपहार में वस्तुएं प्रदान करने के लिए कहा था, जिन्हें लॉटरी के माध्यम से मतदाताओं को दिया जा सके ताकि मतदान प्रतिशत बढ़ाया जा सके. हमने सबको बता दिया था कि ये कभी भी हीरे की अंगूठी नहीं थी. हमने बताया था कि ये अमेरिकन डायमंड होगा जिसका मूल्य बेहद कम है.
गलती से नकली रिंग दिया गया: कलेक्टर
इसके बाद हमने भोपाल के जिला कलेक्टर से मामले पर बात की तो उन्होंने कहा कि वोटिंग पर्सेंटेज बढ़ाना हमारा मूल उद्देश्य था. हमने जिनसे रिंग ली वो गलती से अमेरिकन डायमंड रिंग ले आए. हमें दो-तीन जगहों से शिकायत मिली तब हमने टीम को तत्काल निर्देश दिया और रिंग को बदला गया है. कलेक्टर साहब ने बताया कि जिन्हें भी गलती से अमेरिकन डायमंड की रिंग पहुँच गई थी उन्हें अब सर्टिफ़िकेट के साथ असली रंग सौंप दी गई है, सभी को असली ही रिंग सौंपी गई है. चलिए अच्छा है कलेक्टर साहब ने अपनी भूल सुधार कर ली. अब सवाल ये है कि नकली हीरे का ये खेल संयोग था या प्रयोग? बहरहाल अगले चरण के वोटरों से ये अपील जरूर है कि आपका लोकतंत्र हीरे की अंगूठी से भी कीमती है.हीरे की अंगूठी के लिए नहीं, बल्कि लोकतंत्र के लिए वोट जरूर करें.
ये भी पढ़ें: जब चॉक थामकर टीचर बन गए कलेक्टर, IAS अफसर ने बच्चों को ये सिखाया, गुरुजी से पूछा कैसे पढ़ा रहें हैं?