
MP News In Hindi News : मध्य प्रदेश में शनिवार और रविवार को 24 घंटे के अंतराल में चार बच्चों की मौत हो गई, तालाब में डूबने की वजह से, पहली घटना विंध्य क्षेत्र के मऊगंज जिले में हुई थी, जहां दो नाबालिग बच्चों की डूबने से मौत हो गई थी. वहीं, रविवार को शिवपुरी जिले में तालाब में डूबने से दो बच्चों की मौत हो गई. इस घटना ने परिजनों और ग्रामीणों को झकझोर कर रख दिया है.
तालाब में नहाने गए थे मृतक
शिवपुरी जिले के खनियाधाना थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले चमरऊआ गांव में रविवार दोपहर एक दर्दनाक हादसा हो गया
गांव के तालाब में नहाने गए एक युवक और एक किशोर की डूबने से मौत हो गई. यह हादसा दोपहर करीब 2:30 बजे के आसपास का बताया जा रहा है पुलिस इस पूरे मामले की जांच पड़ताल कर रही है फिलहाल गांव में मातम का माहौल है.
मदद मिलने तक हो चुकी थी देर
बताया गया है की पानी में डूबने के कारण चमरऊआ गांव निवासी करण केवट (18) और अभिषेक केवट (13) गांव के कुछ अन्य युवाओं के साथ नहाने के लिए तालाब गए थे नहाते समय दोनों गहरे पानी में चले गए, जिससे वे डूबने लगे.
मौके पर मौजूद अन्य ग्रामीणों ने उन्हें तालाब से बाहर निकाला, लेकिन तब तक दोनों की मौत हो चुकी थी.
दोनों को तैरना नहीं आता था
दोनों को तत्काल खनियाधाना के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. बताया गया है कि दोनों को तैरना नहीं आता था. घटना की सूचना मिलते ही खनियाधाना थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मर्ग कायम कर शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है पुलिस मामले की जांच कर रही है.
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केस 1 : मऊगंज में लापरवाही आई सामने
मऊगंज जिले के लौर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत कनकेसरा में एक दिल दहला देने वाली घटना घटी थी. पानी से भरे एक गहरे गड्ढे में डूबने से दो नाबालिग बच्चों की जान चली गई थी. यह हादसा उस स्थान पर हुआ, जहां वर्षों पूर्व पंचायत द्वारा माटी निकालने के लिए खुदाई की गई थी. ग्रामीणों के अनुसार, यह गड्ढा लगभग 25 से 30 फीट गहरा है, जिसमें हर मौसम में पानी भरा रहता है. लेकिन बड़ा सवाल गड्ढा खनने के बाद उसकी फिलिंग क्यों नहीं की गई.
इससे पहले सतना और सीधी में भी ऐसी ही घटना घट चुकी है. सतना सीधी की घटनाओं की बात करें तो यहां तालाब में डूबने के दो अलग-अलग घटनाओं में कुल पांच नाबालिग भाई-बहनों की मौत हो चुकी है. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि ऐसी घटनाओं को कमी लाने के लिए सरकार क्या कर रही है? मौत के इन तालाबों में कब तक प्रदेश के बच्चों की जान जाती रहेगी...
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