रायपुर : देश की राजनीति में आधी आबादी महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित होने जा रही है. संसद में महिला आरक्षण बिल पास होने के बाद 33 प्रतिशत महिलाएं छत्तीसगढ़ विधानसभा में पहुंच जाएंगी. अगले विधानसभा यानी 2028 में 30 महिला विधायक बनना तय है. साल 2018 के चुनाव में छत्तीसगढ़ विधानसभा में महज़ 12
महिला विधायक चुन कर आई थीं. उपचुनाव में कांग्रेस की टिकट पर 3 महिला विधायक बनीं. लिहाजा वर्तमान में 15 महिला विधायक हैं.
2018 चुनाव में बीजेपी ने सिर्फ 15 प्रतिशत, तो कांग्रेस ने साढ़े 14 प्रतिशत महिलाओं को ही टिकट दिया था, जबकि छत्तीसगढ़ में महिला वोटर पुरुष वोटर से ज़्यादा है. छत्तीसगढ़ में 9.85 मिलियन महिला वोटर्स की संख्या तकरीबन 50 प्रतिशत से थोड़ी ज़्यादा है. वहीं पुरुष मतदाताओं की संख्या 9.82 मिलियन है. संसदीय व्यवस्था के जानकारों का मानना है कि महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का बिल पास होने से विधानसभा की तस्वीर बदल जाएगी.
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फिलहाल सिर्फ 15 महिला विधायक
आगामी 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में भाजपा ख़ुद को महिला हितेषी बता सकती है. भाजपा इससे पहले मुस्लिम महिलाओं के लिए 3 तलाक को ग़ैर क़ानूनी बना चुकी है. अभी प्रदेश में सभी राजनीतिक दलों की तरफ से सिर्फ 15 महिला विधायक हैं, जिसमें बीजेपी की 1 महिला विधायक जीत कर आई थी. बीजेपी ने 2018 में 14 महिला उम्मीदवार उतारे थे. जबकि कांग्रेस ने 13 महिलाओं को मैदान में उतारा था जिसमें से 12 ने जीत दर्ज की थी. 2013 में महज़ 9 महिला विधायक सदन में पहुंची थीं.
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प्रदेश में 98.6 लाख महिला वोटर्स
अब छत्तीसगढ़ में आधी आबादी के वोट को हासिल करने के लिए इस चुनाव में महिला प्रत्याशियों की संख्या बढ़ सकती है.
बात की जाए वोटर्स की तो मध्य प्रदेश में अभी 1.96 करोड़ कुल वोटर हैं, जिनमें 98.6 लाख महिलाएं हैं.