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छ्त्तीसगढ़ सीएम साय ने माओवादियों के हिंसा छोड़कर लोकतंत्र अपनाने के कदम का स्वागत किया

Naxalites Surrender: नक्सलवाद से मुक्ति की तारीख मार्च, 2026 मुकर्रर की गई है. नक्सलियों के उन्मूलन के लिए चलाए जा रहे मुहिम का असर है कि नक्सली लगातार सरेंडर कर रहे हैं या मारे जा रहे हैं. एंटी नक्सल ऑपरेशन का असर है कि माओवादी बंदूक छोड़कर सक्रिय राजनीति में आने की बात कर रहे हैं.

छ्त्तीसगढ़ सीएम साय ने माओवादियों के हिंसा छोड़कर लोकतंत्र अपनाने के कदम का स्वागत किया
CHHATTISGARH CM VISHNU DEO SAI WELCOMED MAOISTS STEP TO EMBRACE DEMOCRACY

Naxalites Political Ambition: भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए दशकों से खतरा बने रहे माओवादी संगठनों को सरकार के एंटी नक्सल ऑपरेशन ने घुटने पर ला दिया है. नक्सली अब बंदूक छोड़ राजनीति में आने के संकेत देने लगे हैं. इसे माओवाद के इतिहास में एक नए अध्याय की तरह देखा जा रहा है. इससे छत्तीसगढ़ सीएम भी मुतमईन दिखते हैं. 

नक्सलवाद से मुक्ति की तारीख मार्च, 2026 मुकर्रर की गई है. नक्सलियों के उन्मूलन के लिए चलाए जा रहे मुहिम का असर है कि नक्सली लगातार सरेंडर कर रहे हैं या मारे जा रहे हैं. एंटी नक्सल ऑपरेशन का असर है कि माओवादी बंदूक छोड़कर सक्रिय राजनीति में आने की बात कर रहे हैं.

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नक्सलियों के रूख में आए बदलाव का केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी किया स्वागत

गौरतलब है आंतरिक सुरक्षा को लेकर सबसे बड़ी चुनौती बने नक्सलियों के रूख में आए बदलाव का स्वागत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी किया है. नक्सल विरोधी अभियान से बंदूक छोड़कर शांति का राग अलापने वाले नक्सलियों को लेकर शंका भी संदेह भी जायज है. यही वजह है कि उप-मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने उनकी चिट्ठी पर सवाल उठाया है. 

छत्तीसगढ़ के उप-मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने नक्सली संगठनों की चिट्ठी पर उठाया सवाल

रिपोर्ट के मुताबिक प्रतिबंधित माओवादी संगठन की ओर जारी की एक चिट्ठी में बंदूक छोड़कर सक्रिय राजनीति में आने के संकेत दिए गए हैं. नक्सली संगठन के नेताओं ने हथियार छोड़कर शांति वार्ता की इच्छा जताई है. माओवादी संगठन की ओर से जारी चिट्ठी का केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा स्वागत किया है.

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सोशल मीडिया पोस्ट में छत्तीसगढ़ सीएम साय विष्णुदेव साय ने लिखा कि, छत्तीसगढ़ सरकार की नवीन आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025 और नियद नेल्ला नार योजना ने नक्सलियों मे लोकतंत्र में विश्वास जगाया है, जिससे वो हिंसा का रास्ता छोड़कर अब मुख्यधारा में लौट रहे हैं.

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'माओवाद छोड़ लोकतंत्र की ओर बढ़ते कदम' शीर्षक से सीएम साय लिखा एक्स पोस्ट

माओवादियों के खिलाफ अभियान में तेजी और नक्सलवाद के खात्मे के लिए किए जा रहे प्रयासों पर सीएम विष्णुदेव ने बुधवार को एक्स पर एक पोस्ट किया है. उन्होंने नक्सलियों की चिट्ठी को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए लिखे पोस्ट का शीर्षक दिया है, 'माओवाद छोड़ लोकतंत्र की ओर बढ़ते कदम' दर्शाता है कि सीएम साय भी चिट्ठी का स्वागत कर रहे हैं.  

नारायणपुर में 12 नक्सलियों को आत्म-समर्पण पर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम साय ने लिखा पोस्ट

बुधवार को नारायणपुर में 12 नक्सलियों को आत्म-समर्पण पर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम साय ने कहा, नारायणपुर जिले में चलाए जा रहे “माड़ बचाओ अभियान” के तहत सुरक्षाबलों के निरंतर प्रयासों से 2 एरिया कमेटी सदस्य सहित कुल 18 लाख के इनामी 12 नक्सलियों ने सरेंडर किया है, जिन पर 50 हजार से लेकर 5 लाख तक के इनाम घोषित थे.

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 छत्तीसगढ़ सीएम साय ने कहा कि, नारायणपुर में सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पित नक्सलियों को बेहतर जीवन के लिए 50-50 हजार की प्रोत्साहन राशि के चेक प्रदान किए गए हैं और उन्हें नक्सल उन्मूलन नीति के तहत मिलने वाली सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.

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'हमारी सरकार के कार्यकाल में 1704 माओवादी आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा से जुड़ चुके हैं'

बकौल सीएम, अब तक हमारी सरकार के कार्यकाल में 1704 माओवादी आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा से जुड़ चुके हैं. यह नवीन आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025 और जनकल्याणकारी योजनाओं की सकारात्मकता का प्रमाण है. सरकार 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद के अंत और आत्मसमर्पित को सम्मानजनक जीवन उपलब्ध कराने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है.

'माओवादियों की कथनी और करनी में बहुत फर्क होता है, इसलिए पहले चिट्ठी की जांच होगी'

हालांकि डिप्टी सीएम विजय शर्मा माओवादियों की चिट्ठी पर संदेह जताया है. उन्होंने कहा कि माओवादियों की कथनी और करनी में बहुत फर्क होता है, इसलिए पहले चिट्ठी की जांच होगी. उन्होंने यह भी कहा कि अगर वे सच में हथियार छोड़ना चाहते हैं, तो छत्तीसगढ़ की सरेंडर पॉलिसी का फायदा उठा सकते हैं और राजनीति में आ सकते हैं. 

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भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए माओवादियों का यह कदम एक महत्वपूर्ण मोड़ है. दशकों से चली आ रही हिंसा को समाप्त करने की दिशा में यह सकारात्मक पहल है. हालांकि अब आने वाले वक्त में ही पता चलेगा कि नक्सल संगठन वाकई अपने कहे को लेकर गंभीर हैं या नहीं?

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'माओवादी संगठनों ने पहली बार भेजे किसी पत्र में अपने किसी नेता की फोटो लगाई गई है'

माओवादियों के बदले रवैये के संकेत उनकी अप्रोच में देखा जा रहा है. यह पहली बार है माओवादियों ने पहली बार किसी पत्र में किसी नेता की फोटो लगाई गई है. फोटो 5 करोड़ रुपए के इनामी माओवादी नेता वेणुगोपाल उर्फ भूपति उर्फ सोनू दादा की है, जो संगठन के बड़े नेताओं में से एक हैं.

माओवादी संगठन छुपकर काम करते हैं, पहली बार सीधे-सीधे Email-ID जारी की गई है

आमतौर पर माओवादी संगठन छुपकर काम करते है, लेकिन इस बार उन्होंने सीधे-सीधे अपनी ईमेल आईडी जारी की गई है. यह नक्सलियों की सकारात्मक एप्रोच का दिखाता है कि वो हथियार डालने और सरकार के साथ बातचीत को लेकर गंभीर हैं. माओवादी हथियार छोड़ने को तैयार हैं, जो उनकी विचारधारा के बिल्कुल उलट है.

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