
Zero Fatality District Programme: केन्द्र सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने देश के 100 ऐसे जिले जहां अधिक संख्या में घातक सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं, उन्हें "सेफ लाइफ फाउण्डेशन" के सर्वे के माध्यम से चिन्हित किया है. देश के चिन्हित इन 100 जिलों में मध्यप्रदेश के 6 जिले चिन्हित किये गये हैं. ये जिले धार, सागर, सतना, रीवा, जबलपुर एवं खरगोन हैं. धार जिले में वर्ष 2023 के आकलन अनुसार सबसे अधिक घातक सड़क दुर्घटनाएं हुई है. इन सड़क दुर्घटनाओं की गंभीरता को देखते हुए केन्द्र सरकार द्वारा "जीरो फेटेलिटी डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम" के तहत सभी जिला प्रशासन से अनुरोध किया है कि इन सड़क दुर्घटनाओं के कारणों को चिन्हित करते हुए योजना तैयार की जाये. इसके बाद आवश्यक कार्य किए जाएं जिससे इन सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लग सके.
IIT मद्रास की रणनीति
आईआईटी मद्रास के "Center of Exellence for Road Safety" द्वारा ऐसी रणनीति पर कार्य किया गया है, जिसके तहत प्रत्येक स्थल एवं सड़क कॉरिडोर जहाँ दुर्घटनाएं अधिक संख्या में हो रही हैं, वहां कम लागत वाले अति स्थानीय कार्यों को चिन्हित किया गया है. उन कार्यों के लिये जिला प्रशासन को सहयोग दिया जाएगा. इस संबंध में राज्य शासन के परिवहन विभाग की ओर से सभी कमिश्नर एवं जिला कलेक्टर्स को विस्तृत निर्देश जारी किये गये हैं. मुख्य सचिव द्वारा भी इस कार्य की लगातार समीक्षा की जा रही है. कार्य योजना के तहत सभी जिला कलेक्टर्स को निर्देशित किया गया है कि वे जिले में एडीएम अथवा एसडीएम स्तर के अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त करें तथा यह नोडल अधिकारी जिले की सड़क एजेन्सियों के अधिकारियों के साथ बैठक करके संभावित दुर्घटना स्थलों और सड़क कॉरिडोर की जानकारी संकलित करें.
जिले के ऐसे चिन्हित सड़क दुर्घटनाओं के स्थल एवं सड़क कॉरिडोर का निरीक्षण सभी संबंधित सड़क एजेंसी के जिला अधिकारियों द्वारा व्यक्तिगत रूप से किया जायेगा तथा दुर्घटना के तकनीकी और इंजीनियरिंग कारणों को आंकलित कर लेखबध्द किया जाएगा. मौका निरीक्षण के बाद तकनीकी कारण जिनकी वजह से दुर्घटनाएं हो रही हैं उनकी जानकारी लेने के बाद निराकरण के लिये अतिस्थानीय एवं कम लागत के उपाय भी संबंधित सड़क एजेन्सी के इंजीनियर करेंगे. जिला कलेक्टर, नोडल अधिकारी एवं सड़क एजेन्सी के इंजीनियर के माध्यम से जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में इनकी प्रस्तुतीकरण की जायेगी. इन कम लागत से होने वाले व्यय के लिये लोक निर्माण विभाग को निर्देशित किया गया है कि प्रत्येक जिले में समुचित बजट प्रावधान सुनिश्चित किया जाये. इस पर होने वाले व्यय के लिये राशि जिला खनिज प्रतिष्ठान निधि, सांसद एवं विधायक निधि से प्राप्त करने के प्रयास किये जायेंगे.
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