विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Jul 24, 2023

NDTV से Exclusive बातचीत में नरोत्तम बोले- मैं 'CM इन वेटिंग' नहीं, शिवराज ही कप्तान

नरोत्तम मतलब- मनुष्यों में सर्वोत्तम. मध्यप्रदेश के गृहमंत्री का नाम भी नरोत्तम मिश्रा ही है जो हमेशा सुर्खियों में रहते हैं. मुद्दा कोई भी हो नरोत्तम के बयान चर्चा में आ ही जाते हैं. वे राज्य के गृहमंत्री होने के साथ-साथ कानून मंत्रालय औऱ संसदीय कार्य मंत्रालय का भी जिम्मा संभालते हैं.

Read Time: 12 min

मध्यप्रदेश के गृहमंत्री का नाम  है नरोत्तम मिश्रा. नरोत्तम मतलब- मनुष्यों में सर्वोत्तम. लेकिन गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा हमेशा सुर्खियों में रहते हैं. मुद्दा कोई भी हो नरोत्तम के बयान चर्चा में आ ही जाते हैं. वे राज्य के गृहमंत्री होने के साथ-साथ कानून मंत्रालय औऱ संसदीय कार्य मंत्रालय का भी जिम्मा संभालते हैं. मतलब मध्यप्रदेश जैसे अहम राज्य में जो कुछ भी होता है उसमें कहीं न कहीं उनकी भागीदारी जरूर रहती है. 15 अप्रैल 1960 को जन्मे नरोत्तम मिश्रा ने पीएचडी की है. जिसमें उनका विषय था- लोकतंत्र का केन्द्र बिंदु विधायक. राजनीति में डॉक्टरेट की उपाधि रखने वाले नरोत्तम मिश्रा से हमारे स्थानीय संपादक अनुराग द्वारी ने हर उस विषय पर बात की जिन पर जनता उनसे जवाब चाहती है. 

सवाल- पिछले चुनाव में दोनों दलों को बहुमत नहीं था पर कांग्रेस ने सरकार बनाई. हालांकि डेढ़ साल में पार्टी टूट गई. क्या वाकई खरीद-फरोख्त हुई? क्या आप उसके केन्द्र बिंदु थे? 

जवाब- खरीद-फरोख्त हुई होती तो कोई तो कहता ना...जो लोग अपनी पार्टी को संभाल नहीं पाए उनके सिर पर तोहमत ना आ जाए इसलिये वो ऐसी बात करते हैं. और मान लो ऐसा हुआ भी तो फिर उन लोगों ने इस्तीफा दिया और जनता के बीच गये. वहां से चुनकर आए, जनादेश लेकर आए...दोगुने-चौगुने वोट लेकर आए. इसके बावजूद उनको ऐसा कहना जनादेश का अपमान है. लोकतंत्र की चुनावी कसौटी पर कसकर वे लोग आए हैं. इससे बड़ी बात क्या होती है? 

जवाब- उन्होंने शुरुआत की थी, मैंने ऐसा कहा था और ख़त्म हुआ भी...ऐसा तो नहीं है कि ख़त्म नहीं हुआ किसने किया ये अलग बात है.

सवाल- आजकल विधानसभा में आपको विपक्ष कई बार ‘सीएम इन वेटिंग'कहता है इसे कटाक्ष मानते हैं या मज़ाक ? ये मन को व्यथित करता है?

जवाब- ना मन को व्यथित करता है ना मज़ाक मानते हैं. ये राजनीति में चलने वाले शगुफे हैं, होली-दीपावली की ख़बरें है, इनसे हम कतई विचलित नहीं होते और ये वेटिंग कहां से आया? क्या कोई ख़ाली पद है? सीएम का पद भरा हुआ है. शिवराज जी हैं आगे भी रहेंगे.

सवाल- इस बार दिल्ली काफी सक्रिय है, केन्द्रीय मंत्री पहले भी आते थे लेकिन इस बार ऐसा लग रहा है दिल्ली मध्यप्रदेश की पिच पर खेलेगा. आपलोगों की भूमिका क्या रहेगी?

जवाब- हमारी भूमिका जो पहले थी वो अब है, हम एक कार्यकर्ता की भूमिका में खेलेंगे ... स्लिप पर, मिड ऑफ, मिड विकेट, विकेटकीपर जहां खड़ा कर दें ( रिपोर्टर-अगर कहें पवेलियन में बैठना है) बिल्कुल आराम से बैठेंगे. पार्टी का हर आदेश मानेंगे अवेहलना नहीं.

सवाल- कप्तान कौन होगा?

वही जो पिछली बार थे, माननीय मोदीजी, शिवराज जी ( रिपोर्टर-किसी की कप्तानी में हर्ज नहीं है) ये विचार ही नहीं है.

नरोत्तम मिश्रा

गृहमंत्री, मध्यप्रदेश

सवाल- आप कानून मंत्री हैं, एनसीआरबी के आंकड़े कहते हैं कि आदिवासी-महिला अपराध में राज्य नंबर वन हैं, आप कई दलीलें देते हैं...लेकिन कभी मन में दुख होता है कोई सीधी जैसी घटना हो जाए तो?

जवाब- सीधी जैसी घटना पर दुख होता है लेकिन आंकड़ों पर विश्वास नहीं होता है ( रिपोर्टर- लेकिन आंकड़े तो आपके ही हैं ) होंगे ना पर इसके बावजूद छिटपुट घटनाओं से आंकड़े बन जाते हैं. देखिए हमको विरासत में कैसी सियासत मिली थी? तब बुंदेलखंड, चंबल से विंध्य तक कहीं ठोकिया का राज था, कहीं ददुआ का राज था, कहीं जगजीवन का राज था, कहीं निर्भय का राज था-आज एक नहीं है, पिछले 18 साल में एक भी पैदा नहीं होने दिया.

सवाल- लेकिन आतंक के सारे मॉड्यूल यहीं मिलते हैं सिमी का, एचयूटी का? 

जवाब- ये मॉड्यूल यही नहीं पूरे देश में हैं सबसे पहले यहां पकड़े जाते हैं सिमी, पीएफआई, एचयूटी. हम सबसे पहले यहीं उनकी कमर तोड़ देते हैं 

सवाल- बैरसिया में जैन परिवार का लड़का पकड़ा जाता है, उस वक्त पुलिस क्या करती है?

जवाब-ये चेन तो हमने तोड़ी, आपने देखा ना जेल से भागे तो घंटों में ठोक दिया. हम उन्हें पनपने देंगे ही नहीं. आपने देखा ना माफिया का राज ख़त्म है, डाकुओं के गैंग ख़त्म हैं, एक नहीं है चिन्हित. अगर कोई आता भी है तो वो पकड़ा जाता है. हमारे यहां कोई बच नहीं सकता ये तय बात है.

सवाल-  विकास दुबे भी यहीं पकड़ा जाता है, कांग्रेस आपसे सवाल पूछती है.

जवाब- 

कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं है. वो मुंह चलाकर बैठ जाते हैं. सरकार चलाने और मुंह चलाने में फर्क होता है.

नरोत्तम मिश्रा

गृहमंत्री, मध्यप्रदेश

सवाल-आरोप ये लगते हैं कि आपके पास कोई काम नहीं है, शस्त्र लाइसेंस के नाम पर आपके विभाग में सिर्फ वसूली हो रही है?

जवाब- दिग्विजय सिंह स्वाभाविक रूप से ये कहेंगे- साधु, चोर लंपट और ज्ञानी, अपनी सी गत सबन की जानी...उन्होंने 10 साल ऐसे ही सरकार चलाई है, लिहाजा उनको सब ऐसा ही दिखेगा

सवाल- आप सबसे ज्यादा दिग्विजय सिंह और राहुल गांधी पर हमला क्यों करते हैं?

जवाब- मैं विषय वस्तु पर हमला करता हूं. अब कहीं पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे और दिग्विजय सिंह को काजी जिंदाबाद सुनाई दे तो मैं क्या करूं ? मध्यप्रदेश में दंगा फैलाने के लिए किसी मस्जिद की फोटो दिखाकर ये कहा जाए कि ये खरगोन की मस्जिद पर भगवा झंडा फहरा दिया है. और तो और वे तो पाकिस्तान का टूटा पुल दिखाकर कहते हैं कि मध्यप्रदेश में पुल टूटा है. ऐसे दिग्विजय सिंह की चर्चा आप करते हैं मुझे अचंभा होता है

सवाल आप उनपर इतने तल्ख क्यों है, वो प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं ?

जवाब- मैं बिल्कुल तल्ख नहीं हूं, मैंने कहा मैं विषय वस्तु को लेकर बात रखता हूं. जो शख्स प्रदेश की बात न करे. जिस शख्स का मिशन लादेन को जी कहने का हो...बटला हाउस में दंगा हो तो सोनिया जी के आंसू की बात करे और आतंकवादियों को जी लगाएं...यही नहीं जाकिर नाइक को शांतिदूत बोले तो फिर वैसे शख्स पर बोलना ही होगा. मैं तो इस पक्ष का हूं कि उनका जाकिर नाइक से क्या रिश्ता है? ये जनता के सामने आना चाहिये.  

सवाल- ये आप बहुत गंभीर बात कह रहे हैं ?

जवाब-मैं छिप कर नहीं बोल रहा हूं, चैनल पर बोल रहा हूं.

सवाल- तो आप जांच कराएंगे

जवाब- ये अलग बात है.

सवाल- बतौर गृहमंत्री आप बोल रहे हैं तो इसकी गंभीरता बढ़ जाती है वो दो बार के मुख्यमंत्री हैं.

जवाब- तो बढ़े ना, मैंने कब कहा नहीं हैं...पर मैं उनके कसीदे क्यों पढ़ूं?

सवाल- चलिये दूसरे सवाल पर आते हैं प्रदेश में साइबर क्राइम लगातार बढ़ रहे हैं आपके विधायक ने ही सदन में सवाल पूछा था राज्य में साइबर एक्सपर्ट नहीं हैं कब होगी नियुक्ति?

सबसे अच्छा साइबर क्राइम यहीं पकड़ा जा रहा है, देश के गृहमंत्री अमित शाहजी लगातार बैठक लेते हैं, लगातार भर्ती जारी है हमारी पुलिस काम कर रही है

नरोत्तम मिश्रा

गृहमंत्री, मध्यप्रदेश

सवाल- कई बार ऐसे मामले आते हैं कि हिन्दू आरोपी हैं तो आपके शब्द नरम हैं जैसे सीधी में- हम जांच करा लेंगे लेकिन आरोपी दूसरे धर्म का हो तो...खरगोन दंगों में बुलडोजर चल गया, रायसेन में भी...आपलोग क्यों न्यायपालिका के अधिकारों पर अतिक्रमण कर रहे हैं?

जवाब- हमने कभी अतिक्रमण नहीं किया, कानून सम्मत काम होता है. जो अवैध होता है वो टूटता है. बहुत सरल सी बात है हम न्यायपालिका के अधिकार में हस्तक्षेप नहीं करते. न्यायपालिका में एक दौर था जब गवाह, सबूतों की ज़रूरत पड़ती थी...अब फुटेज, सीसीटीवी, मोबाइल और हर हाथ में कैमरा आ गया है. निर्णय लेने में ठीक रहता है. इसके अलावा घर में ऐसा ज़हरीला व्यक्ति रहता है और उन्हें मालूम नहीं था तो गलती उनकी भी है?

सवाल- लेकिन ऐसा क्यों है पिछले 2 साल में लगभग 300-350 घरों पर बुलडोजर चले हैं उसमें 200 से ज्यादा मुस्लमान हैं, ऐसा क्यों ? 

जवाब- 

जो अपराध करेगा, ग़लत करेगा उसपर कार्रवाई हो रही है. आप टीवी वाले हैं आप हिन्दू-मुस्लिम की नजर से देखते हैं हम मानते हैं कि अपराधी की कोई जाति नहीं होती 

नरोत्तम मिश्रा

गृहमंत्री, मध्यप्रदेश

सवाल- हम की आपकी परिभाषा क्या है, 2018 से पहले आप इफ्तार पार्टी भी करते थे लेकिन इसके बाद आपकी भूमिका, हाव-भाव, शब्द सब बदल गये? 

जवाब- मैं अपने विभाग के हिसाब से चल रहा हूं, तब विभाग दूसरा था अब दूसरा है ...मैं अपराधी के खिलाफ सख्त हूं, कानून का भय उसे होना चाहिये.

सवाल- आप पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगते रहे हैं. 

जवाब- जब मैं किसी पर आरोप लगाऊंगा तो लोग नहीं लगाएंगे क्या? अभी आप कह रहे थे कि मैं बहुत मुखर रहता हूं दिग्विजय सिंह पर तो वो नहीं बोलेंगे क्या?
सवाल- आप कहते हैं कि कांग्रेस सरकार में, आप पर खूब हमले हुए क्या आप टारगेट पर थे?

जवाब- मेरे टारगेट पर कांग्रेस रहेगी तो उसके भी टारगेट पर मैं रहूंगा…स्वभाविक सी बात है ये.

सवाल- पिछले बार आपकी जीत का मार्जिन मात्र 3000 वोट था इस बार क्या उम्मीद है?

जवाब- पिछली बार ग्वालियर चंबल में 3 बड़े कारण थे. पहला- दो अप्रैल को दंगा हुआ, एससी वर्ग भाजपा के ख़िलाफ चला गया, दूसरा कारण था - दो लाख की कर्जमाफी का वो वादा जिससे किसान धोखे में आ गया.  और तीसरा कारण सिंधिया जी- जो ग्वालियर चंबल संभाग से आते हैं उनको मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट किया गया था. तब वे चुनाव अभियान के प्रभारी थे.उन्होंने बड़ी मेहनत की थी इस बार ये तीनों कारण नहीं हैं, इसलिये कांग्रेस का सूपड़ा साफ होगा.

सवाल- क्या आप खुद के लिये कोई राष्ट्रीय राजनीति में भूमिका देख रहे हैं.

जवाब- ना पार्टी देख रही है, ना मैं देख रहा हूं.

सवाल- राज्य में कई सरकारी योजनाएं हैं जिनपर बहुत पैसा खर्च हो रहा है. क्या आपको लगता है ऐसा वित्तीय प्रबंधन ठीक रहेगा?

जवाब- बिल्कुल ठीक रहेगा. राज्य में एक दिन भी तनख्वाह नहीं रूकी है, ओवरड्यू नहीं हुआ है. सबकुछ देते जा रहे हैं. हम तो कहते है कि ये वो सोचें जो रोज़ कहते थे खज़ाना खाली है. यही तो हमारा प्रबंधन है. इसी के बदौलत शिवराज जी 18 साल से मुख्यमंत्री हैं

सवाल- बुजुर्ग कहते हैं उधार लेकर घी नहीं पीना चाहिये ?

जवाब- कहां पी रहे हैं, कभी लिमिट क्रास नहीं की. आप काग़ज लेकर बैठे हैं... हम एफआरबीएम के करीब हैं. निकले नहीं है. इसके बावजूद जनहितैषी काम कर रहे हैं, आज कैबिनेट में 1427 करोड़ रु, की सड़क मंजूर की, आज लाडली बहना के लिये उम्र कम की उसे चालू किया...हजारों करोड़ की योजनाएं जनता के लिये कर रहे हैं, दे रहे हैं. लाडली बहना गेमचेंजर है...इसके महत्व को वही नहीं समझता जो गांव नहीं गया, जो चला गया वो कह देगा. अबकी बार 200 पार.

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
NDTV Madhya Pradesh Chhattisgarh
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Close