
Scam Exposed In Mandla : मध्य प्रदेश के मंडला से एक बड़े गबन का मामला सामने आया है. विकास खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय नैनपुर में लगभग 33 लाख रुपये का घोटाला उजागर हुआ है. यहां पदस्थ निवर्तमान लेखापाल द्वारा डीडीओ कोड के द्वारा कुछ बैंक खातों में कोषालय ई-भुगतान प्रणाली से अनियमित भुगतान एवं गबन को अंजाम दिया गया, जिसकी जांच आयुक्त कोष एवं लेखा विभाग भोपाल के आदेशानुसार संयुक्त कोष एवं लेखा जबलपुर के अधिकारियों द्वारा की गई और गबन का मामला सामने आया है.

शुक्रवार को संयुक्त संचालक वित्त शाखा जबलपुर रोहित कौशल ने नैनपुर पहुंचकर संपूर्ण जांच के बाद उजागर हुए घोटाले का ब्यौरा दिया. बताया गया कि सातवें वेतन मान कि एरियर्स की राशि, शिक्षकों के स्थानांतरण के बाद भी वेतन आहरण , एक व्यक्ति के दो-दो बैंक खाते बनाकर अपने ही परिवार के सदस्यों के खाते में राशि का हस्तांतरण का मामला चर्चा में है.
जालसाजी का सच आया सामने
सेवा निवृत हुए कर्मियों की भुगतान राशि के अलावा मृतक कर्मचारी के भुगतान की राशि का हेरफेर करने जैसी जालसाजी करते हुए तत्तकालीन लेखापाल सुरेश तिवारी द्वारा कुल 33 लाख रुपये का गबन किया गया, जिसमें बीईओ कार्यालय से सम्बद्ध लगभग 65 कर्मियों की राशि का हेरफेर सामने आया है.
तत्कालीन बीईओ सीएल पटेल की भूमिका संदिग्ध
जांच अधिकारियों ने तत्कालीन बीईओ सीएल पटेल की भूमिका को भी संदिग्ध माना है. 2018 से 2022 के बीच हुए इस गोलमाल में लेखपाल के द्वारा अपने ही परिवार के सदस्यों में पत्नी, बेटी और खुद के अकाऊंट में गबन की राशि डालकर खुद उपकृत होता रहा. इस संपूर्ण मामले की जांच पिछले तीन माह से संयुक्त कोष एंव लेखा जबलपुर के अधिकारियों की टीम द्वारा नैनपुर बीईओ कार्यालय पहुंचकर की जा रही थी.
अब आगे क्या?
इस गड़बड़ी को कोष एवं लेखा विभाग के कोषालयीन सर्वर IFMIC ने सर्वप्रथम पकड़ा था. आयुक्त कोष एवं लेखा विभाग भोपाल ने जिला कोषालय अधिकारी को कुछ खाते बंद करने के आदेश भी दिए. घोटाला उजागर होने के बाद लेखापाल सुरेश तिवारी को नैनपुर से हटाकर मंडला कार्यालय में संलग्न कर दिया गया.
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