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1st in India: एमपी के इस सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में अब मानसिक विकारों का होगा इलाज, इस स्पेशल तकनीक का होगा उपयोग

Mind Treatment in Jabalpur: देश में पहली बार जबलपुर के सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में मानसिक विकारों का इलाज मिलेगा. यहां खास तकनीक की मदद से लोगों का उपचार  किया जाएगा.

1st in India: एमपी के इस सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में अब मानसिक विकारों का होगा इलाज, इस स्पेशल तकनीक का होगा उपयोग
मेडिकल कॉलेज अस्पताल जबलपुर में मानसिक बीमारी का इलाज संभव

MP News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) एक बार फिर पूरे भारत में अपनी विशेषता के लिए मशहूर होने वाला है.  जबलपुर (Jabalpur) के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज सुपरस्पेशलिटी अस्पताल (Netaji Subhash Chandra Bose Medical College Superspeciality Hospital) में मानसिक विकारों के इलाज के लिए नई पहल की गई है. यह तकनीक देश में पहली बार मेडिकल कॉलेज जबलपुर में उपयोग में लाई गई है. इससे गरीब और बीमार मरीजों का नि:शुल्क उपचार किया जा रहा है. अब डीप ब्रेन स्टिमुलेशन (DBS Technique) तकनीक से मरीजों का उपचार किया गया. अभी तक पार्किंसन के दो, डिस्टोनिया के एक और मिर्गी के दो मरीजों का सफलतापूर्वक इलाज किया जा चुका है. यह मरीज 7 वर्ष से 80 वर्ष तक की आयु के थे, जो उपचार से लाभ प्राप्त कर रहे हैं. 

क्या होता है डीबीएस तकनीक

डीप ब्रेन स्टिमुलेशन या डीबीएस तकनीक के माध्यम से मरीजों के मस्तिष्क में एक इलेक्ट्रोड लगाया जाता है, जो इलेक्ट्रिकल सिग्नल्स को दिमाग के खास हिस्सों में भेजता है. यह सिग्नल्स बीमारी के लक्षणों को कम करने और सुधारने में मदद करते हैं. इस उपचार की प्रक्रिया के तहत एक बहुत छोटा सा छेद करने की सर्जरी करके दिमाग में इलेक्ट्रोड लगाया जाता है और यह इलेक्ट्रोड इलेक्ट्रिकल सिग्नल्स भेजता है. यह मस्तिष्क के हानिकारक हिस्से में थर्मल ऊर्जा देता है यह प्रक्रिया न्यूरोलॉजी वी न्यूरो सर्जरी विभाग के बीच आपसी समन्वय के साथ की जाती है.

इन बीमारियों का होगा इलाज

अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉक्टर जतिन बजाज ने बताया कि डीबीएस तकनीक से पार्किंसन रोग के लक्षणों में सुधार और कमी आ सकती है. इसके अलावा, डिस्टोनिया और कंपन के लक्षणों में भी सुधार देखा गया है. मिर्गी के मामलों में भी इस तकनीक से दौरे की आवृत्ति में कमी देखी गई है. यह तकनीक मरीजों को सामान्य जीवन जीने में मदद करती है और उनके जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाती है. जबलपुर के सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में इस तकनीक के उपयोग से मरीजों को अत्याधुनिक और प्रभावी उपचार मिल रहा है. मेडिकल कॉलेज के डीन नवनीत सक्सेना एवं डॉ  शैलेन्द्र रात्रे ने बताया कि डीबीएस तकनीक के लाभ और इसकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इसे अपनाया गया है.

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अन्य अस्पतालों में भी शुरू होगी सेवा

मध्य प्रदेश सरकार ने इस पहल का स्वागत किया है और इसे राज्य के अन्य अस्पतालों में भी लागू करने की योजना बना रही है. इस कदम से राज्य के मरीजों को उच्च गुणवत्ता वाला उपचार मिलेगा और उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आएंगे. मेडिकल कॉलेज के डीन डॉक्टर नवनीत सक्सेना ने कहा कि इससे आयुष्मान भारत निरामय योजना के तहत मरीज को निशुल्क उपचार मिलेगा. जबलपुर नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज ना सिर्फ जबलपुर बल्कि आसपास के 10 जिलों के मरीजों को सुविधा देता है इसलिए अब इस तकनीक से बहुत से मरीजों को राहत मिल सकेगी.

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