Madhya Pradesh Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के जबलपुर (Jabalpur) पहुंचे गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने शहीद शंकर शाह रघुनाथ शाह को पुष्पांजलि अर्पित की. इससे पिछले महीने आदिवासी सम्मेलन में शामिल होने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आए थे. उन्होंने रानी दुर्गावती के स्मारक के लिए 500 करोड़ की सौगात भी दी थी.
2018 में आदिवासी वोट बीजेपी से रहे दूर
2018 के विधानसभा चुनाव से रूठे आदिवासी वोटरों को मानने के लिए इस बार बीजेपी कोई कसर नहीं छोड़ रही है. बीजेपी के सभी बड़े नेता इस चुनाव में आदिवासी समुदाय को अपने पाले में वापस लाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं. कुछ लोगों का अनुमान था कि आदिवासी वोटरों के बीजेपी से नाराजगी के बाद ही वह 2018 का विधानसभा चुनाव हार गई थी.
2018 के पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को एमपी की कुल 47 आदिवासी आरक्षित सीट में से 31 पर विजय मिली थी. वहीं भारतीय जनता पार्टी को सिर्फ 16 सीटें ही मिली थीं, जिससे मध्य प्रदेश में 15 साल बाद बीजेपी के हाथ से सत्ता चली गई थी. दोनों पार्टियां आदिवासी वोट की कीमत समझती हैं और इसीलिए दोनों इस समुदाय को अपने पाले में करना चाहती हैं.
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आदिवासी वोटर हो सकते हैं निर्णायक
2023 के चुनावों में कांग्रेस किसी भी कीमत पर अपना आदिवासी जनाधार छोड़ना नहीं चाहती और बीजेपी भी पिछड़े, ओबीसी, आदिवासी, अनुसूचित जनजातियों के वोटों से सत्ता पाने के लिए जोर लगा रही है. इसके लिए प्रधानमंत्री हों या गृह मंत्री सभी आदिवासी समुदाय को मनाने की कोशिश में लगे हुए हैं.
जबलपुर में नरेंद्र मोदी ने आदिवासी गौंड रानी दुर्गावती का 500 करोड़ रुपए का स्मारक बनाने की आधारशिला रखी है. प्रधानमंत्री भी अमर शहीद शंकर शाह रघुनाथ शाह को पुष्पांजलि अर्पित करने गए थे. उनके बंदी गृह को भी संग्रहालय के रूप में विकसित किया जा रहा है. मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को विधानसभा की वोटिंग होनी है और 3 दिसंबर को इसके परिणाम आ जाएंगे.