Vidisa Lateri Hostel: मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में वर्ष 2015 में दो करोड़ रुपेय की लागत से बना छात्रावास (हॉस्टल) जर्जर हो गया है. खंडहर में तब्दील हुए इस हॉस्टल का उद्घाटन आज तक नहीं हुआ है और लाखों रुपये हर वर्ष किराये के नाम पर खर्च हो रहे हैं. लटेरी तहसील में स्थित सरकारी छात्रावास करीब दस साल पहले बनाया गया था, जिसमें 74 छात्रों के रहने की क्षमता है.
उम्मीद जताई गई थी कि दूर-दराज के ग्रामीण छात्र हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर सकेंगे, लेकिन इस हॉस्टल में छात्रों की बजाय जानवरों का बसेरा है. खंडहर हुए हॉस्टल से सामान तक चोरी हो गए हैं.
विद्यार्थी परिषद प्रतिनिध शिवकुमार ने बताया कि यह छात्रावास ग्रामीण छात्रों के लिए बना था, लेकिन उद्घाटन से पहले ही खंडहर बन गया. छात्र अब भी किराए के भवनों में रह रहे हैं.
कॉलेज प्रशासन अब भी जारी करता है किराया
कॉलेज प्रशासन अभी छात्रों के नाम पर किराया जारी करता है और 2020 से अब तक हजारों छात्रों के लिए लाखों रुपये जारी कर चुका है, जबकि हॉस्टल अभी तक खुला नहीं है. अब सबसे बड़ा सवाल उठ रहा है कि जब यह हॉस्टल में कोई रहता नहीं है तो किराया किसे दिया गया है.
यह भवन पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के कार्यकाल में बना था. वर्तमान विधायक उमाकांत शर्मा दो बार विधानसभा में यह मुद्दा उठा चुके हैं, लेकिन विभागीय कार्रवाई अब तक नहीं हुई है.
प्रभारी मंत्री लखन पटेल ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है, जिसे दिखवाया जाएगा. जो भी लापरवाह अधिकारी हैं, उन पर कार्रवाई होगी.
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