Madhya Pradesh News: सरकार द्वारा निशुल्क पाठ्यपुस्तक वितरण योजना के तहत विद्यार्थियों के भविष्य संवारने के लिए सरकारी किताबें हर शासकीय विधालय में भेजी जाती हैं. हर साल स्कूलों में समय से पुस्तके न बंटने का शोर भी मचता है, क्योंकि शिक्षा विभाग के जिम्मेदार सरकारी योजनाओं में पलीता लगा देते हैं. अब एक मामला सामने आया है जो शिक्षा अधिकारी के कार्यालय का है, जहां शिक्षा विभाग की घोर लापरवाही का मामला सामने आया है.
एनसीईआरटी की किताबें जारी होने की बात कही
यहां कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को बांटी जाने वाली 2016 से 2022 सत्र की किताबें कूड़े के ढेर की तरह पड़ी हुई मिली हैं. रद्दी की तरह पड़ी इन किताबों की फिक्र जिम्मेदारों को बिल्कुल भी नहीं है. जब ये मामला चर्चा में आया तो जिला शिक्षा अधिकारी एनसीईआरटी की किताबें जारी होने की बात कहकर पल्ला झाड़ते हुए नजर आए.
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नहीं दे पाए संतोषजनक जवाब...
एनडीटीवी के संवाददाता ने जब उनसे बात की तो उन्होंने कहा, एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू होने के कारण 2016-17 की किताबें बेकार हो गई हैं. लेकिन इसके बाद जब एनडीटीवी के संवाददाता ने पूछा कि 2017 के बाद की कहानी तो बताइए, इस सवाल का वो कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके.
छिंदवाड़ा के जिला शिक्षा अधिकारी गोपाल बघेल बस यही कहते रहे कि एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम जारी होने के कारण प्रदेश के पाठ्यक्रम की किताबें बेकार हो गई है आगे का उनके पास कोई जवाब नहीं दिख रहा था. पूरे मामले में शिक्षा विभाग की लापरवाही साफ दिख रही है.
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