MP News in Hindi : हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका के जरिये लम्हेटाघाट में नर्मदा नदी के ऊपर पुल बनाए जाने को चुनौती दी गई है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा की अध्यक्षता वाली युगलपीठ ने इस मामले में राज्य शासन सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है. जवाब देने के लिए 4 हफ्तों का समय दिया गया है. ये जनहित याचिका जबलपुर के रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता सुबोध रिछारिया ने दाखिल की है. उनके वकील प्रणय पाठक ने कोर्ट में दलील दी कि लम्हेटाघाट, जो लम्हेटा-फार्मेशन के नाम से जाना जाता है, पूरे विश्व में हजारों साल पुराने डायनासोर के जीवाश्म मिलने के लिए प्रसिद्ध है.
जानिए क्या है मामला ?
इसी महत्वपूर्ण साइट पर, जहां जियो पार्क का निर्माण प्रस्तावित था, राज्य शासन की तरफ से 177 करोड़ रुपये की लागत से नर्मदा नदी के ऊपर पुल का निर्माण किया जा रहा है. याचिकाकर्ता की मांग है कि इस पुल को लम्हेटा-फार्मेशन साइट से अलग किसी अन्य जगह पर बनाया जाए.
इससे क्या होगा नुकसान ?
लम्हेटा-फार्मेशन साइट को डायनासोर जीवाश्मों के कारण यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित किया है. अगर इस साइट पर किसी भी तरह का निर्माण होता है, तो दुनिया भर के वैज्ञानिकों की तरफ से किए जा रहे रिसर्च पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.
लम्हेटाघाट की विशेषता
ये जबलपुर के तिलवाराघाट से आगे दो किलोमीटर पर स्थित है. यहां नर्मदा नदी का सौंदर्य अद्भुत और दर्शनीय है, जो पर्यटकों और शोधकर्ताओं को आकर्षित करता है. इस क्षेत्र में शिव और कृष्ण के ऐतिहासिक मंदिर और आश्रम भी हैं, जहां नर्मदा परिक्रमा करने वाले श्रद्धालु ठहरते हैं.
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हाई कोर्ट ने माँगा जवाब
लम्हेटाघाट में पाए जाने वाले पत्थरों में रचनात्मक गुण मौजूद हैं, जो भूगर्भ शास्त्र के छात्रों के लिए महत्वपूर्ण हैं. यूनेस्को द्वारा इसे जीओ हेरिटेज साइट के रूप में मान्यता मिलने के बाद से पर्यटकों का आकर्षण और भी बढ़ गया है. इस मामले में हाई कोर्ट ने राज्य शासन से जवाब मांगा है कि डायनासोर जीवाश्म साइट पर नर्मदा नदी के ऊपर पुल का निर्माण क्यों किया जा रहा है.
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