MPCG Crime : ग्वालियर में बीती 28 - 29 मार्च की दरमियानी रात घर मे बक्से में बंद मिलीं रिटायर होमगार्ड की लाश ने सनसनी फैला दी थी... लेकिन इस हत्या का खुलासा उससे भी ज्यादा चौंकाने वाला हुआ. ग्वालियर पुलिस ने इस अंधे कत्ल का खुलासा करते हुए बताया कि हत्या किसी और ने नहीं बल्कि मृतक की ही पोती ने की थी. पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया कि नाबालिग पोती ने प्रेमी से बात करने पर टोकाटाकी से नाराज होकर अपने दादा को रास्ते से हटाने की साजिश रच डाली. ऐसे में उसने दादाजी को पहले नींद की गोली खिलाकर बेहोश किया और फिर हत्या कर शव को बॉक्स में ही बंद करके रख दिया. पुलिस ने मामले में नाबालिग बच्ची को कस्टडी में लेकर विदिशा बाल सुधार गृह भेज दिया है.
पोती ने किया अपने दादा का क़त्ल
घटना ग्वालियर के कृष्णा कालोनी की है. यहां रामस्वरूप राठौर की हत्या कर दी गई थी. उनकी लाश घर के अंदर संदूक में बंद मिली थी जिसमे भयंकर बदबू आ रही थी. मामले में सबसे चौकाने वाली बात ये थी रामस्वरूप गांव से अपनीं नाबालिग पोती के साथ होली पर यहां आए थे.. और उस पोती ने ही 29 मार्च की रात को अपने पिता को फोन करके बताया कि कुछ लोग उनके घर मे घुस आए है जो बाबा के साथ मारपीट कर पैसे मांग रहे हैं. बच्ची की खबर पर लड़की के पिता ने पडोसी को कॉल किया तो वे उसके यहां गए और लौटकर बताया कि उसके घर मे कोई नहीं है और दरवाजा खुला हुआ है. इसके बाद पडोसी ने ताला डाल दिया. तभी लड़की का पिता देर रात ग्वलियर पहुंचें. उन्होंने घर का दरवाजा खोला तो उनकी बेटी गायब थी जबकि घर मे असहनीय बदबू आ रही थी. उसने तत्काल माधोगंज पुलिस को सूचना दी. खबर मिलने के बाद पुलिस, FSL टीम मौके पर पहुंची और बदबू के जरिये कमरे में पहुंची और संदूक खोला तो उसमें रामस्वरूप के लाश मिल गई. पुलिस समझ गई कि लाश में से जिस तरह से बदबू आ रही है उसे हिसाब से ये तो साफ़ है कि हत्या कई दिन पहले की गई है.
लाश के साथ रही, खाना बनाकर भी खाया
पुलिस ने कड़ी से कड़ी मिलाने के बाद लापता नाबालिग लड़की को भी एक सुनसान छत से रिकवर कर लिया. हालांकि पकड़े जाने के बाद भी अपचारी लड़की बार वेबर बयान बदलकर पुलिस को भटकाती रही. पहले उसने अपने प्रेमी को भी दोस्त बताया. लेकिन FSL जांच और लगातार पूछताछ में अखिरकार अपचारी बालिका ने हत्या की पूरी कहानी बता दी. उसने बताया कि उसके दादा जी प्रेमी से मोबाइल से बात करने से नाराज थे. एक बार उन्होंने उसका मोबाइल फोन भी तोड़कर फेंक दिया था. उसे पीटते भी थे और गांव लेकर चले गए थे. किशोरी प्रेमी से शादी करना चाहती थी. होली के बाद रामस्वरूप के साथ छात्रवृति निकालने के बहाने ग्वलियर आई. उसने भागने की प्लानिग बनाई और दादा जी को रास्ते से हटाने की भी साज़िश रच डाली.
पुलिस ने बेनकाब की मर्डर मिस्ट्री
उसे शांति से सुलाने के लिए वह उसे रोज नींद की गोली खिलाती थी. यहीं से लड़की ने आइडिया लिया और अपने दादा जी को रात के खाने के बाद काफी संख्या में यानी एक साथ नींद की 15 गोलियां खिला दी. जब वह कुर्सी पर ही बेहोश हो गए तो उन्हें बगल में रखे खाली पलंग कम बॉक्स में पटका फिर उनकी छाती पर बैठकर गला दबाया. मरने के बाद उसे बॉक्स में बंद कर उस पर ताला जड़ दिया. अपचारी ने बताया कि इसके बाद वह तीन दिन घर पर ही रही. एक रात वहीं, प्रेमी को बुलाकर शारीरिक संबंध भी बनाये. रोज खाना बनाकर भी खाया लेकिन जब बदबू आने लगी तो उसने लूट के बाद हत्या की झूठी कहानी रच दी... लेकिन वह खुद के बनाए जाल में फंसने से नहीं बच सकी. पुलिस ने हत्या की बात की पुष्टि करते हुए मामले में कार्यवाही की बात कही है.
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