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EVM पर दिग्विजय सिंह ने फिर उठाए सवाल, चंडीगढ़ मेयर चुनाव में धांधली पर कही ये बड़ी बात

EVM Ban News Today: कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के गृह क्षेत्र ग्वालियर में कहा, चूंकि चंडीगढ़ मेयर का चुनाव मतदान मतपत्रों से हुआ था, इसलिए चोरी पकड़ी गई. यदि यही मतदान ईवीएम से होता, तो यह चोरी पकड़ी नहीं जाती.

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EVM पर दिग्विजय सिंह ने फिर उठाए सवाल, चंडीगढ़ मेयर चुनाव में धांधली पर कही ये बड़ी बात

Digvijay Singh News: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) की विश्वसनीयता पर एक बार फिर से सवाल उठाए हैं. उन्होंने बुधवार को कहा कि अगर चंडीगढ़ के महापौर चुनाव (Chandigarh Mayor Election) ईवीएम से चुनाव होते, तो गलत काम सामने नहीं आते.

कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के गृह क्षेत्र ग्वालियर में कहा, चूंकि चंडीगढ़ मेयर का चुनाव मतदान मतपत्रों से हुआ था, इसलिए चोरी पकड़ी गई. यदि यही मतदान ईवीएम से होता, तो यह चोरी पकड़ी नहीं जाती. इसलिए, चुनाव केवल मतपत्रों से होने चाहिए. सिंह ने कहा कि मुझे ईवीएम पर भरोसा नहीं है. दुनिया के सभी लोकतांत्रिक देशों में चुनाव मतपत्र से ही होते हैं. उन्होंने दावा किया कि मध्य प्रदेश में (230 सीट में से) कांग्रेस ने डाक मतपत्रों के आधार पर 199 सीट जीतीं, लेकिन ईवीएम में उसे हार मिली.

दरअसल, उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को चंडीगढ़ महापौर चुनाव के नतीजे को पलट दिया था, जिसमें भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार एक अप्रत्याशित विजेता बनकर उभरे थे. न्यायालय ने चुनाव अधिकारी द्वारा अमान्य घोषित आठ मतपत्रों पर विचार करने के बाद आम आदमी पार्टी (AAP)-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार को शहर का नया महापौर घोषित किया था. चंडीगढ़ महापौर चुनाव संबंधी विवाद पर सुनवाई करते हुए प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यह स्पष्ट है कि निर्वाचन अधिकारी ने आठ मतपत्रों को विकृत करने का जानबूझकर प्रयास किया.

मतपत्र से चुनाव या फिर पर्ची मतदाता के हाथ में मिले

दिग्विजय सिंह ने चंडीगढ़ कांड का हवाला देते हुए कहा कि पारदर्शिता के हित में या तो मतदान, मतपत्रों के माध्यम से कराया जाना चाहिए या मतदाता को अपने हाथ से वीवीपैट पर्ची एक बॉक्स में डालने की अनुमति दी जानी चाहिए. वोटर वेरिफ़िएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) ईवीएम से जुड़ी एक स्वतंत्र प्रणाली है, जो मतदाताओं को यह सत्यापित करने की अनुमति देती है कि उनका वोट उनके इच्छित उद्देश्य के अनुसार डाला गया है.

लोकसभा चुनाव लड़ने से किया इंकार

आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर सिंह ने कहा कि वह राज्यसभा के सदस्य हैं और संसद के उच्च सदन में उनके पास दो साल और हैं. उन्होंने कहा कि केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री सिंधिया के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवारों की कोई कमी नहीं है. उन्होंने कहा कि मेरा लोकसभा चुनाव लड़ने का कोई इरादा नहीं है. हालांकि, इससे पहले मंगलवार को जब सिंह से पूछा गया था कि क्या वह गुना से सिंधिया के खिलाफ आम चुनाव लड़ेंगे, तो उन्होंने कहा था कि अगर पार्टी चाहेगी, तो वह ऐसा करेंगे.  2019 के लोकसभा चुनाव में सिंधिया ने कांग्रेस के टिकट पर गुना से चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे. वह 2020 में भाजपा में शामिल हो गए थे.

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पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के भाजपा में शामिल होने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि उनकी ओर से इस संबंध में कोई बयान नहीं आया है. भाजपा ने 2019 में मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीट में से 28 पर जीत हासिल की थी. कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ राज्य में छिंदवाड़ा से जीतने वाले एकमात्र कांग्रेस उम्मीदवार थे.

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