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सतना में एक छत के नीचे दो चिकित्सा पद्धति का फार्मूला फेल, बिना आदेश के बंद कर दिया गया जिला अस्पताल का आयुष विंग

MP News: सतना में बिना किसी आदेश के जिला अस्पताल का आयुष विंग बंद कर दिया गया. इसका संचालन जिला चिकित्सालय में पिछले 10 वर्षो से हो रहा था.

सतना में एक छत के नीचे दो चिकित्सा पद्धति का फार्मूला फेल, बिना आदेश के बंद कर दिया गया जिला अस्पताल का आयुष विंग

MP News in Hindi: एक छत के नीचे दो चिकित्सा पद्धति से इलाज की सरकारी मंशा सतना में फेल हो गई. बिना किसी सक्षम अधिकारी का आदेश मिले ही जिला आयुष अधिकारी ने ओपीडी में ताला जड़ दिया. ऐसे में अब मरीजों को इधर उधर भटकना पड़ रहा है.बता दें कि सरकार दस साल पहले जिला अस्पताल परिसर में आयुष विंग की ओपीडी की शुरुआत की थी. अब बगैर किसी लिखित आदेश के ताला जड़ दिया गया है.

अगस्त माह की पहली तारीख से जड़ा ताला कब खुलेगा कोई बता पाने की स्थिति में नहीं है. इसका सबसे ज्यादा असर उन मरीज पर पड़ रहा है जो आयुष पद्धति से इलाज पर भरोसा करते हैं. रोजाना तमाम लोग भटकने के बाद बैरंग होने को मजबूर हो रहे हैं. सब कुछ जानने के बावजूद जिम्मेदार खामोशी की चादर ओढ़े हुए हैं. 

आयुष विंग की ओपीडी में लिखित आदेश के बिना ही जड़ दिया 

एक छत के नीचे मरीजों को आयुर्वेद पद्धति से इलाज उपलब्ध कराने के लिए आयुष विंग का कांसेप्ट लाई थी. इसके लिए बकायदा जिला चिकित्सालय में ही जगह दी गई. जहां पिछले 10 वर्षो से आयुष विंग चल रही थी, लेकिन बिना लिखित आदेश के ही एक झटके में जिम्मेदार अफसर ने आयुष विंग को बंद करने का काम किया.

2014 में हुई थी आयुष विंग की शुरुआत

जिला अस्पताल में आयुष विंग खुला तो लोगों आयुर्वेद पद्धति से इलाज कराने में रुचि भी दिखाई थी, लेकिन अचानक से इसे बंद करने का निर्णय सभी के समझ से परे है. अब लोग सवाल उठा रहे, जब चिकित्सा के क्षेत्र में सतना में धीरे-धीरे सरकार व्यवस्था सुधार रही है तो आयुष विंग को क्यो बंद कर दिया गया. जबकि आयुष विग से भी ओपीडी में पहुंचे मरीजों को सर्दी, जुकाम, बुखार, खांसी, सांस फूलना, घबराहट होना इत्यादि परेशानियों की दवाएं भी दी जाती थी.

खोवा मंडी में बनेगा आयुष विंग

जिम्मेदारों की मनमानी का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि ओपीडी सरकार की मंशा से नहीं अफसर की लापरवाही से बंद हुई है. यदि आयुष ओपीडी बंद की जाती तो नई जगह और भवन निर्माण की अनुमति क्यों दी जाती? आयुष विंग के लिए पुराना नगर निगम के समीप खोवा मंडी की भूमि का आवंटन हो चुका है. यहां लगभग 35 लाख रूपए की लागत से आयुष विंग अस्पताल बनेगा. मगर अफसरों ने जिला अस्पताल में आयुष विंग में ताला डाल दिया है. 

क्या बोले जिम्मेदार

जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एलके तिवारी ने कहा कि आयुष विंग को जिला आयुष अधिकारी ने क्यों बंद किया इस बारे में जानकारी नहीं है. जहां उनको कमरे का आवंटन था, स्वंय से आना बंद कर दिया. हमने जगह खाली करने के लिए नहीं कहा है. वहीं जिला आयुष अधिकारी डॉ नरेंद्र पटेल ने कहा कि पीएस के मौखिक निर्देश पर आयुष विंग बंद कर दिया गया है. लिखित में कोई आदेश नहीं दिया गया है. यदि जिला चिकित्सालय प्रशासन जगह दे तो फिर से ओपीडी शुरू करने का प्रयास किया जाएगा.

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