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हाय रे MP: एक्ट में प्रावधान नहीं फिर भी MIC ने शवदाह गृह में अंतिम संस्कार पर 18 फीसदी GST वसूलने की दी मंजूरी

Case of recovery of 18 percent GST on crematorium in mortuary: शहर के नारायण तालाब और नजीराबाद स्थित मुक्तिधाम में स्थापित इलेक्ट्रिक व गैस आधारित शव दाह गृह में अंतिम संस्कार पर 18 फ़ीसदी जीएसटी वसूली का मामला सामने आया है. यहां MIC ने अंतिम संस्कार पर 18 फ़ीसदी जीएसटी वसूली की मंजूरी दी है.

हाय रे MP: एक्ट में प्रावधान नहीं फिर भी MIC ने शवदाह गृह में अंतिम संस्कार पर 18 फीसदी GST वसूलने की दी मंजूरी

18 percent GST is being collected in crematorium: शहर के नारायण तालाब और नजीराबाद स्थित मुक्तिधाम में स्थापित इलेक्ट्रिक व गैस आधारित शव दाह गृह में अंतिम संस्कार पर 18 फ़ीसदी जीएसटी वसूली का मामला सामने आया है. यहां नगर निगम सतना की मेयर इन काउंसिल (MIC) ने अंतिम संस्कार पर 18 फ़ीसदी जीएसटी वसूली की मंजूरी दे दी है.

फिलहाल दोनों शव दाह गृह संचालित नहीं है इसके बावजूद इसके मेयर इन काउंसिल के सदस्यों पर काफी सवाल उठ रहे हैं.

एमआईसी ने नियम विरुद्ध जीएसटी वसूली को मंजूरी किन तथ्यों के आधार पर दी यह जांच का विषय बन चुका है. फिलहाल मामले का खुलासा होने के बाद नगर निगम प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. वहीं अब जिम्मेदार लोगों का कहना है कि इसे वसूला नहीं जाएगा. 

शव दाह गृह को संचालित करने की कवायद शुरू होने के बाद GST का जिन्न आया बाहर

बता दें कि 14 मार्च को सतना नगर निगम में एमआईसी की बैठक हुई थी, जिसमें दोनों विद्युत शव दाह गृह में शुल्क वसूली पर प्रस्ताव लाया गया था. प्रस्ताव में शव को जलाने का शुल्क करीब 2100 रुपये निर्धारित किया गया था और इस पर 18 फीसदी जीएसटी वसूली की भी बात कही गई थी. हालांकि विपक्षी पार्षदों के विरोध के बाद एमआईसी ने शुल्क घटाकर 590 रुपये निर्धारित कर दिया था, जबकि जीएसटी को यथावत रखा था. करीब 5 महीने तक एमआईसी का यह मामला दबा रहा, लेकिन जैसे ही शव दाह गृह को संचालित करने की कवायद शुरू हुई वैसे ही जीएसटी का जिन्न बाहर आ गया.

एक्ट में नहीं है वसूली का प्रावधान 

जीएसटी विशेषज्ञ लोगों का कहना है कि शव दाह गृह में अंतिम संस्कार करने के दौरान जीएसटी वसूलने का कहीं कोई प्रावधान नहीं है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022 में ही इस संबंध में स्पष्टीकरण लोकसभा के अंदर दिया था, जिसमें यह कहा गया था कि अंतिम संस्कार केंद्रीय वस्तु व सेवा अधिनियम के दायरे में नहीं आते. ऐसे में शव दफन करने, जलाने या अंतिम संस्कार करने में किसी प्रकार की जीएसटी नहीं ली जा सकती.18 फीसदी जीएसटी सिर्फ शव दाह गृह के निर्माण कार्य अनुबंधों में ही ली जा सकती है. 

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