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Banned Cough Syrup: प्रतिबंधित 'कफ सीरप' को लेकर आया बड़ा फैसला, हाईकोर्ट ने दवा कंपनियों पर कार्रवाई के दिए निर्देश

Banned Cough Syrup Supply: जबलपुर हाईकोर्ट ने प्रतिबंधित सीरप बनाने और बिक्री को लेकर दायर एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दवा कंपनियों के खिलाफ नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और पुलिस को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. मामले की अगली सुनवाई 13 फरवरी को नियत की गई है.

Banned Cough Syrup: प्रतिबंधित 'कफ सीरप' को लेकर आया बड़ा फैसला, हाईकोर्ट ने दवा कंपनियों पर कार्रवाई के दिए निर्देश
Cough syrups with combined dosage of chlorpheniramine and codeine banned

Jabalpur High Court: जबलपुर हाईकोर्ट ने प्रतिबंधित कप सीरफ बनाने वाली दवा निर्माता कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.  मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत व न्यायमूर्ति विवेक जैन की युगलपीठ ने बुधवार को एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिए. ये जिम्मेदारी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और पुलिस को सौंपी गई है.

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जबलपुर हाईकोर्ट ने प्रतिबंधित सीरप बनाने और बिक्री को लेकर दायर एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दवा कंपनियों के खिलाफ नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और पुलिस को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. मामले की अगली सुनवाई 13 फरवरी को नियत की गई है.

धड़ल्ले सो हो रही है प्रतिबंधित क्लोफेनिरामाइन व कोडीन के संयुक्त डोज वाली कफ सीरप

रिपोर्ट के मुताबिक अधिवक्ता अमिताभ गुप्ता ने हाईकोर्ट में मा्मले में एक जनहित याचिकाकर्ता दायर किया था. बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान उन्होंने दलील दी कि इस मामले केन्द्र सरकार ने दो जून, 2023 को अधिसूचना जारी कर क्लोफेनिरामाइन व कोडीन के संयुक्त डोज वाले कफ सीरप के उत्पादन, वितरण और बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया है.

अधिसूचना के बाद से अब तक करीब 40 से अधिक एफआइआर दर्ज की जा चुकी हैं

गौरतलब है केंद्र सरकार की अधिसूचना के बाद से अब तक करीब 40 से अधिक एफआइआर दर्ज की गई हैं. इससे ही यह स्पष्ट है कि अभी भी इनका उत्पादन हो रहा है. अधिसूचना के मुताबिक कप सीरप क्रमशः क्लोफेनिरामाइन और कोडीन के संयुक्त डोज वाले कफ सीरप के उत्पादन, वितरण और बिक्री पूरी तरह से प्रतिबंधित है

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कोर्ट को याचिकाकर्ता ने बताया कि केंद्र सरकार प्रतिबंधित होने के बावजूद विभिन्न कंपनियां बेखौफ होकर प्रतिबंधित सीरप का उत्पादन कर रही हैं, जिसका इस्तेमाल नशे के कारोबार के लिए किया जा रहा है, जो कि इंसानों एवं पशुओं दोनों के लिए खतरनाक हैं,

हाईकोर्ट की नोटिस के बावजूद मामले में स्थिति ढ़ाक के तीन पात वाली बनी हुई है

प्रारंभिक सुनवाई के दौरान सेंट्रल ड्रग स्टेेडर्ड कंट्रोल आर्गनाइजेशन, नार्कोटिक कंट्रोल ब्यूरो, नई दिल्ली के डायरेक्टर जनरल, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, भोपाल के ड्रग कंट्रोलर एवं डायरेक्टर जनरल आफ पुलिस, भोपाल को नोटिस जारी किए गए थे. इसके बावजूद स्थिति कमोवेश ढ़ाक के तीन पात वाली स्थिति बनी हुई है, जो बेहद चिंताजनक है.

ड्रग कंट्रोलर व ड्रग इंस्पेक्टर प्रतिबंधित मॉनीटरिंग सही से नहीं निभा रहे जिम्मेदारी

याचिकाकर्ता अमिताभ गुप्ता के मुताबिक जिन अधिकारियों (ड्रग कंट्रोलर व ड्रग इंस्पेक्टर) पर इस तरह की गतिविधियों पर मानिटरिंग की जिम्मेदारी है, वे अपनी भूमिका नहीं निभा रहे हैं. इसीलिए जनहित याचिका में मांग की गई कि उक्त प्रतिबंध का शत-प्रतिशत पालन सुनिश्चित किया जाए.

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