Jairam Reddy alias Chalapathi: सुरक्षाबलों के हाथों केन्द्रीय समिति के सदस्य और एक करोड़ इनामी नक्सल चलपति 19 फरवरी मारा गया. छत्तीसगढ़-ओडिशा राज्य के सीमावर्ती इलाके कुल्हाड़ी घाट व आस-पास के पहाड़ियों पर हुए मुठभेड़ को बड़ी सफलता का दावा किया जा रहा है. मुठभेड़ में जिन नक्सलियों का शव बरामद किया गया, उनमें 60 वर्षीय जयराम रेड्डी ऊर्फ चलपति का नाम शामिल है.
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ब्रेन वॉश करने और नक्सल से लोगों को जोड़ने में माहिर था चलपति
ब्रेन वॉश करने और नक्सल संगठन की विचारधारा से लोगों को जोड़ने में माहिर चलपति संगठन से जुड़े नए लोगों को लड़ाकू व छापामार बनाने के लिए विशेष प्रशिक्षण देने का काम करता था. कहा जाता है कि नक्सलियों के सबसे खास लड़ाकू और खतरानक नेता बन चुका चलपति ने बीजापुर के पूववर्ती गांव के रहने वाले हिड़मा को भी प्रशिक्षण दिया था
करीब 25 साल की उम्र में नक्सल संगठन से जुड़ गया था चलपति
तेलंगाना के चिंत्तूर जिले के माटेमपल्ली गांव के रहने वाले जयराम रेड्डी ऊर्फ चलपति ने कक्षा 10वीं तक पढ़ाई की. करीब 25 साल की उम्र में नक्सल संगठन से जुड़ गया. नक्सल (माओवाद) की विचारधारा को प्रचारित-प्रसारित करने की खूबी, कुशल रणनीति, संसाधन जुटाने की क्षमता के कारण चलपति जल्द ही संगठन के शीर्ष नेताओं का चहेता बना गया.
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37 साल छोटी उम्र की लड़की को दिल हार बैठा था चलपति
कम समय में ही संगठन में शीर्ष पदों पर पहुंचा चलपति साल 2014-15 में अचानक संगठन में हाशिए पर आ गया, क्योंकि वो संगठन में छोटे कैडर की अरुणा नाम की लड़की के प्यार में पड़ गया. उम्र में करीब 37 साल छोटी अरुणा से साल 2014 में चलपति ने शादी कर ली. शीर्ष कैडर के नक्सल नेताओं ने इस शादी का विरोध किया, लेकिन चलपति नहीं माना.
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नक्सल संगठन के विस्तार के लिए ओडिशा ट्रांसफर किया गया
चलपति ने नक्सल संगठन में लंबा समय बस्तर के अबूझमाड़ में नक्सलियों के ट्रेनर के रूप में बिताया, लेकिन सूत्र बताते हैं कि पिछले कुछ महीनों में बस्तर में सुरक्षा बलों के लगातार बढ़ते दबाव के चलते अबूझमाड़ में संगठन का विस्तर करने में हो रही परेशानी को देखते हुए चलपति का ट्रांसफर ओडिशा कर दिया गया.
ऐसे हुआ नक्सल मास्टर ट्रेनर जयराम रेड्डी उर्फ चलपति का अंत
ओडिशा का संगठन प्रमुख मॉडम बालकृष्णा ऊर्फ मनोज 16 सदस्यीय अपनी टीम के साथ खुद चलपति को लेने निकला. इसी दौरान नक्सलियों के सेफ व रेस्ट जोन कहे जाने वाले कुल्हाड़ी घाट व आस-पास के इलाके में चलपति व उसकी टीम की मौजूदगी की सूचना सुरक्षा बल के जवानों को मिली और सीआरपीएफ, ओडिशा पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप और छत्तीसगढ़ पुलिस की संयुक्त टीम ने ऑपरेशन लॉंच किया, जिसमें चलपति को मारने में सफलता मिली.
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बस्तर के अबूझमाड़ के घने और दुर्गम जंगलों में सक्रिय था चलपति
. नक्सलियों के बड़े हमलों की साजिश रचने में भी चलपति मास्टर माइंड था. चलपति हर वक्त AK-47 और SLR जैसी आधुनिक हथियार से लैस रहता था, उसकी सुरक्षा में 8 से 10 गार्ड हमेशा तैनात रहते थे. कुल्हाड़ी घाट मुठभेड़ में जिन 15 नक्सलियों का शव बरामद किया गया है, उनमें से शंकर, सुखराम समेत 4 को चलपति का सुरक्षा गार्ड बताया गया है.