
GST Rates Reform: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त के भाषण के दौरान बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि दिवाली तक वस्तु एवं सेवा कर (GST) की दरों में कटौती कर दी जाएगी जिससे रोजमर्रा के इस्तेमाल वाली वस्तुओं की कीमतें कम हो जाएंगी. उन्होंने कहा कि इससे आम आदमी को 'काफी' कर राहत मिलेगी और छोटे एवं मध्यम उद्यमों को भी लाभ होगा. वहीं वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को एक सरल और दो-स्लैब वाले वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सिस्टम का प्रस्ताव रखा, जिसमें एक "स्टैडर्ड" और "मेरिट" स्लैब के साथ-साथ चुनिंदा वस्तुओं के लिए विशेष दरें भी शामिल होंगी. यह प्रस्ताव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से दिए गए उनके संबोधन के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि जीएसटी में अगली पीढ़ी के सुधारों का अनावरण दिवाली तक किया जाएगा, जिससे आम आदमी को "पर्याप्त" कर राहत मिलेगी और छोटे व्यवसायों को लाभ होगा.
PM माेदी ने कहा दिवाली गिफ्ट
प्रधानमंत्री मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था जीएसटी के आठ वर्ष पूरे होने के साथ ही इसमें सुधार करने का समय आ गया है. जीएसटी एक जुलाई, 2017 को लागू किया गया था.
उन्होंने कहा, "आम आदमी के जरूरत वाली वस्तुओं पर कर में काफी कमी की जाएगी. हमारे एमएसएमई को इसका बहुत फायदा होगा. दैनिक उपयोग की वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी, जिससे हमारी अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी." उन्होंने इसका अधिक विवरण न देते हए कहा कि जीएसटी के लिए अगली पीढ़ी के सुधारों की योजना 'नागरिकों के लिए दिवाली का तोहफा' होगी.
2017 में अपनी शुरुआत के बाद से, जीएसटी ने देश के अप्रत्यक्ष कर ढांचे को एकीकृत किया है और विशेष रूप से छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए व्यापार करने में आसानी में काफी सुधार किया है.
मंत्रियों की टीम कर रही है मंथन, जानिए क्या होगा फायदा?
राज्यों के वित्त मंत्रियों वाला एक मंत्री-समूह (जीओएम) पहले ही जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने और कर स्लैब में कटौती पर चर्चा कर रहा है.
आठ साल पुरानी इस कर प्रणाली में उत्पाद शुल्क जैसे केंद्रीय कर और मूल्यवर्धित कर (वैट) जैसे राज्य शुल्कों को एकसाथ मिला दिया गया था. इससे अप्रत्यक्ष कर आधार दोगुना होकर 1.52 करोड़ हो गया है, लेकिन कर दरों में कटौती और कोविड महामारी के कारण आर्थिक गतिविधियों में कमी के चलते एकत्रित शुद्ध राजस्व हाल ही में जीएसटी-पूर्व स्तर पर पहुंच गया है. दूसरी ओर जीएसटी के कारण कथित कर चोरी के मामलों और मुकदमेबाजी में भी वृद्धि देखी गई है.
इस प्रस्ताव में आम आदमी के जरूरत की वस्तुओं और आकांक्षावान वस्तुओं पर करों में कमी शामिल है. जीएसटी प्रणाली के तहत दो स्लैब- मानक और योग्यता का प्रस्ताव रखा गया है. विशेष दरें केवल कुछ चुनिंदा वस्तुओं पर ही लागू होंगी. इस समय जीएसटी दर की पांच, 12, 18 और 28 प्रतिशत की चार स्तरीय संरचना है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद की बैठक सितंबर में होने की उम्मीद है, जिसमें दरों को युक्तिसंगत बनाने के लिए मंत्री-समूह के प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी.
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