
Madhya Pradesh News: जबलपुर हाई कोर्ट के प्रशासनिक न्यायाधीश अतुल श्रीधरन व न्यायमूर्ति अनुराधा शुक्ला की युगलपीठ ने मध्य प्रदेश राज्य प्रदूषण बोर्ड को यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे से निकली राख के विनष्टीकरण की जानकारी प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं. गुरूवार को सुनवाई के दौरान बोर्ड की ओर से मोहलत मांगी गई. कोर्ट आग्रह को स्वीकार करते हुए मामले पर अगली सुनवाई 17 सितम्बर को निर्धारित कर दी.
ये है मामला
वर्ष 2004 में आलोक प्रताप सिंह ने यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के विनष्टीकरण की मांग करते हुए हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी. याचिकाकर्ता की मृत्यु के बाद हाई कोर्ट मामले की सुनवाई संज्ञान याचिका के रूप में कर रहा था. पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान राज्य शासन की तरफ से पेश रिपोर्ट में बताया गया था कि यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे का विनष्टीकरण सफलतापूर्वक पीथमपुर स्थित सुविधा केंद्र में कर दिया गया है.
जहरीले कचरे से 850 मीट्रिक टन राख व अवशेष एकत्रित हुआ है. एमपीपीसीबी से सीटीओ मिलने के बाद अलग लैंडफिल सेल में उसे नष्ट किया जाएगा. इस दौरान हाई कोर्ट में एक अन्य जनहित याचिका दायर की गई थी.
जिसमें कहा गया था कि यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे की राख में रेडियो एक्टिव पदार्थ सक्रिय हैं, जो चिंता का विषय है. इसके अलावा रखा में मरकरी है,जिसे नष्ट करने की तकनीक सिर्फ जापान व जर्मनी के पास है. हाई कोर्ट ने इस मामले की प्रारंभिक सुनवाई के बाद मूल मामले के साथ सुनवाई के आदेश दिए थे.
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