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Health Warning: समोसा-जलेबी के साथ स्वास्थ्य चेतावनी; एक्सपर्ट ने बताया सावधानी क्यों है जरूरी, जानिए खतरा

Health Warnings: एक्सपर्ट्स ने कहा कि "एक स्वस्थ व्यक्ति को यह पता होना चाहिए कि उसे बाहर का तला हुआ भोजन नहीं करना चाहिए. समोसा, जलेबी से जितनी दूरी बनाएंगे, वह आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा होगा. हालांकि, एक स्वस्थ व्यक्ति अपनी फिटनेस के हिसाब से एक जलेबी और समोसा खा सकता है. लेकिन, ज्यादा जलेबी खाने से शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ सकती है, जिससे कई तरह की समस्याएं पैदा हो सकती हैं. इसलिए, समोसा जलेबी को छोड़कर फ्रूट्स और सब्जियों पर फोकस करना चाहिए."

Health Warning: समोसा-जलेबी के साथ स्वास्थ्य चेतावनी; एक्सपर्ट ने बताया सावधानी क्यों है जरूरी, जानिए खतरा
Samosa Jalebi Health Warnings: समोसा जलेबी

Health Warnings: तंबाकू स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है और इससे कैंसर जैसी घातक बीमारी हो सकती है. इस तरह का विज्ञापन आपने कई जगह देखा होगा. अब इसी तर्ज पर कैंटीनों और रेस्टोरेंट में समोसे और जलेबी जैसी चीजों के लिए चेतावनी बोर्ड लगाएं जा रहे हैं. इन चेतावनी बोर्ड में तेल और चीनी की मात्रा का विवरण देना जरूरी है. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिया गया है. इस आदेश के तहत, जहां भी समोसा, जलेबी या अन्य तले-भुने खाद्य पदार्थ बिकते हैं, वहां रंग-बिरंगे पोस्टर लगाना अनिवार्य होगा. ये पोस्टर लोगों को बताएंगे कि इन नाश्तों में कितनी मात्रा में चीनी, तेल और फैट है. इस पहल को मोटापे और गैर-संक्रामक बीमारियों जैसे डायबिटीज और हृदय रोगों पर लगाम लगाने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है. आइए जानते हैं एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं?

लोगों को सोचने पर मजबूर करेगी यह पहल : कार्डियोलॉजिस्ट डॉ अमर आमले

नागपुर के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ अमर आमले ने इस कदम की सराहना करते हुए कहा, "यह फैसला लोगों को उनके खानपान के प्रति जागरूक करने के लिए है. जैसे सिगरेट और तंबाकू पर चेतावनी लेबल लगाए जाते हैं, वैसे ही अब समोसा, जलेबी और वडापाव जैसे खाद्य पदार्थों के लिए भी चेतावनी बोर्ड लगेंगे. उदाहरण के लिए, एक गुलाब जामुन में पांच चम्मच चीनी हो सकती है, और यह जानकारी लोगों को सोचने पर मजबूर करेगी."

डॉ. आमले ने कहा, "यह कोई प्रतिबंध नहीं है, बल्कि जागरूकता का प्रयास है. लोग अपने पसंदीदा खाद्य पदार्थ खा सकते हैं, लेकिन उन्हें यह जानना जरूरी है कि वे क्या खा रहे हैं." उन्होंने बताया कि यह कदम केंद्र सरकार की 'फिट इंडिया' पहल का हिस्सा है, जो तेल की खपत में 10 प्रतिशत कटौती और स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखता है. 

विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में 7.7 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं और 2050 तक मोटापे से प्रभावित लोगों की संख्या 44.9 करोड़ तक पहुंच सकती है. 

ऐसे में यह कदम लोगों को स्वस्थ खानपान के लिए प्रेरित करने में मददगार साबित होगा. नागपुर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने इस आदेश को लागू करना शुरू कर दिया है. कैंटीन और सार्वजनिक क्षेत्रों में जल्द ही 'ऑयल एंड शुगर बोर्ड' लगाए जाएंगे.

एक्सपर्ट्स ने कहा कि समोसा और जलेबी तो प्रतीकात्मक उदाहरण हैं, कोई भी तला हुआ या चीनी से भरपूर खाना ज्यादा खाना नुकसानदेह हो सकता है. ये मोटापे को बढ़ावा देते हैं, जिससे उच्च रक्तचाप, मधुमेह, दिल का दौरा, ब्रेन स्ट्रोक, किडनी फेलियर और यहां तक कि कैंसर भी हो सकता है. यह पहल गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) की रोकथाम की दिशा में एक सकारात्मक कदम है.

उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के इस नोटिफिकेशन का समर्थन करते हुए कहा कि इससे उम्मीद है कि लोग जागरूक होंगे और स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा सजग बनेंगे. इस नोटिफिकेशन के अनुसार, कैंटीन में लोगों को यह जानकारी मिल पाएगी कि समोसा किस तेल में तला गया गया है. इसके अलावा एक जलेबी में कितनी शुगर है. उन्होंने बताया कि शुगर हमारे शरीर को काफी नुकसान पहुंचाता है. हम देखते हैं कि युवा अकसर गर्मियों में आराम से 250 एमएल कोल्ड ड्रिंक पी लेते हैं. इसमें 10 से 30 ग्राम शुगर रहता है जो शरीर में सीधे तौर पर जाता है. यह हमारे शरीर को काफी नुकसान पहुंचाता है.

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एक स्वस्थ व्यक्ति को यह पता होना चाहिए कि उसे बाहर का तला हुआ भोजन नहीं करना चाहिए. समोसा, जलेबी से जितनी दूरी बनाएंगे, वह आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा होगा. हालांकि, एक स्वस्थ व्यक्ति अपनी फिटनेस के हिसाब से एक जलेबी और समोसा खा सकता है. लेकिन, ज्यादा जलेबी खाने से शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ सकती है, जिससे कई तरह की समस्याएं पैदा हो सकती हैं. इसलिए, समोसा जलेबी को छोड़कर फ्रूट्स और सब्जियों पर फोकस करना चाहिए.

लोगों में फैल रही बीमारियों के लिए उन्होंने लोगों के लाइफस्टाइल को मुख्य कारण माना है. उन्होंने कहा कि आज से 50 साल पहले लोगों में इतनी बीमारियां नहीं होती थी. लेकिन, आज युवा से लेकर बुजुर्ग सभी कई बीमारियों से ग्रसित हैं. इसके पीछे हमारी डाइट भी बहुत महत्वपूर्ण है. बीमारियों से बचने के लिए हमें लाइफस्टाइल पर भी ध्यान देना होगा. ज्यादा से ज्यादा फलों और सब्जियों का सेवन करना उचित होगा.

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