
Shivraj Singh Chouhan: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बायोस्टिमुलेंट की बिक्री को लेकर मंगलवार को आला अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक ली. इस दौरान शिवराज सिंह ने कहा कि "अब बायोस्टिमुलेंट उत्पादों की अनुमति सिर्फ तभी दी जाएगी, जब वे वैज्ञानिक परीक्षण में खरे उतरें और किसान के हित में हों. हर कदम पर हमें किसानों का भरोसा कायम रखना है, यही हमारी पहली जिम्मेदारी है. कृषि विभाग और ICAR किसानों के कल्याण के लिए है. जो उत्पाद सच में किसान को लाभ दें, वही बाजार में टिकेंगे. नकली, घटिया और अप्रमाणित चीजों के लिए कोई जगह नहीं है. किसान हमारे लिए सर्वोपरि हैं और रहेंगे. इसमें तीखे तेवर दिखाते हुए शिवराज सिंह ने कहा कि बायोस्टिमुलेंट के मामले में हम किसानों के साथ किसी भी हालत में धोखा नहीं होने देंगे. उन्होंने अधिकारियों को हिदायत दी कि वे कोई भी अनुमति देते समय किसानों के बारे में जरूर सोचें, हम देश के छोटे किसानों के साथ कदापि अन्याय नहीं होने देंगे. शिवराज सिंह ने साफ तौर पर कहा कि कुछ बेईमान गड़बड़ियां कर रहे हैं, जिनसे किसानों को बचाना मेरी जवाबदारी है.
आज नई दिल्ली स्थित कृषि भवन में बायोस्टिमुलेंट की बिक्री के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) July 15, 2025
अब बायोस्टिमुलेंट उत्पादों की अनुमति सिर्फ तभी दी जाएगी, जब वे वैज्ञानिक परीक्षण में खरे उतरें और किसान के हित में हों। हर कदम पर हमें… pic.twitter.com/ya5naG074P
नकली खाद, नकली बीज, घटिया पेस्टीसाइड, बायोस्टिमुलेंट और नैनो यूरिया पर सख्ती
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा हाल ही में देशभर में चलाए गए पंद्रह दिन के विकसित कृषि संकल्प अभियान के दौरान जब वह राज्यों में प्रवास कर गांव-गांव, खेतों में गए थे और किसानों से सीधा संवाद किया था. इस दौरान कई किसानों ने नकली खाद, नकली बीज, घटिया पेस्टीसाइड, बायोस्टिमुलेंट और नैनो यूरिया की बिक्री को लेकर शिकायतें की थी.
शिवराज सिंह ने अनेक गंभीर सवाल खड़े करते हुए बैठक में अधिकारियों से कहा कि देश में बायोस्टिमुलेंट कई सालों से बिक रहा है और एक-एक साल करके इसकी बिक्री की अनुमति की अवधि बढ़ाई जाती रही है, लेकिन फील्ड से कई बार शिकायतें आती है कि इससे कोई फायदा नहीं है, फिर भी ये बिक रहा है.
शिवराज सिंह ने निर्देश देते हुए कहा कि किसानों के भरोसे के लिए बायोस्टिमुलेंट का आईसीएआर से परीक्षण भी आवश्यक है. उन्होंने अधिकारियों के प्रति इस बात के लिए काफी नाराजगी व्यक्त की कि कुछ सालों तक 30 हजार बायोस्टिमुलेंट उत्पाद बिकते रहे और अधिकारी आंख बंद करके देखते रहे. गत 4 साल से करीब 8 हजार बायोस्टिमुलेंट बिकते रहे, जब मैंने इस बारे में सख्ती की तो अब तकरीबन 650 बायोस्टिमुलेंट ही बचे हैं.
शिवराज सिंह ने साफ शब्दों में कहा कि अब उन्हीं बायोस्टिमुलेंट को अनुमति दी जाएगी जो सारे मापदंडों पर किसानों के हित में पूरी तरह से खरे उतरे. वैज्ञानिक तरीके से साबित होने पर ही अब अनुमति दी जाएगी और इसकी पूरी जवाबदारी संबंधित अधिकारियों की रहेगी.
उन्होंने सख्त निर्देशों के साथ यह चेतावनी भी दी कि आगे से कहीं कोई गड़बड़ी नहीं होने पाए. देश के किसान हम पर पूरा भरोसा करते है, आईसीएआर पर किसान भरोसा करते हैं तो हमारी और वैज्ञानिकों की भी जवाबदारी है कि वे किसानों की भलाई की बात ही सोचें. किसानों की जरूरत क्या है, उसके अनुसार ही वैज्ञानिकों एवं अधिकारियों को कार्य करना चाहिए. चौहान ने ब्रेन स्टार्मिंग करने के बाद नियम-कायदे तय करते हुए एसओपी बनाने के निर्देश भी बैठक में दिए.
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