International Yoga Day: आज 21 जून को इंटरनेशनल योगा डे पूरी दुनिया में मनाया जा रहा है. इस दिन को मनाने की शुरुआत के पीछे का उद्देश्य योगा के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना और योग से होने वाले फायदों के बारे में लोगों को अवगत कराने से हैं. योग दिवस के मौके पर दुनिया भर में अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने की शुरुआत 5000 साल पहले हो गई थी, आइए हम आपको इसके इतिहास (History International Yoga Day) के बारे में बताते हैं और कैसे इस दिन की शुरुआत हुई.
1700-1900 ईसवी के बीच मानी जाती है उत्पत्ति
सालों पुराने योग का आधुनिक काल 1700-1900 ईसवी के बीच की अवधि में माना जाता है. इस दौरान रामकृष्ण परमहंस, परमहंस योगानंद, विवेकानंद, रमण महर्षि जैसे महान योगाचार्य ने राज योग के विकास में योगदान दिया. यह उस समय की बात है, जब वेदान्त, भक्तियोग, नाथयोग या हठयोग भी आगे बढ़ रहा था.
युज शब्द से आया है योग
योग सूक्ष्म विज्ञान पर आधारित एक आध्यात्मिक अनुसासन है. जो मन और शरीर के बीच सामंजस्य लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. ये एक स्वस्थ और तनाव पूर्ण जीवन जीने की कला और विज्ञान है. विदेश मंत्रालय के अनुसार, योग शब्द की उत्पत्ति संस्कृत शब्द "युज" से हुई, जिसका मतलब है, जोड़ना या एकजुट होना. यौगिक ग्रंथों के अनुसार योग करने से आत्मा का परमात्मा से मिलन होता है. ये मन शरीर और प्रकृति के बीच सामंजस्य लाता है. हम यह कह सकते हैं कि योग का मुख्य उद्देश्य जीवन की सभी कठिनाइयों को पार कर आत्मज्ञान कराना है.
आज क्या है योग की सूरत
आज कल योग का चलन फिर से गति पकड़ रहा है. प्राचीन काल से लोगों में लाभ पहुंचाने वाला योग मौजूदा समय में प्रतिष्ठित योग संस्थानों, महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों, निजी ट्रस्टों, सोसायटी आदि में सिखाया जा रहा है. लोगों के इसके प्रति आकर्षित और इसका लाभ समाज कल्याण के लिए लोगों तक पहुंचाने के मक़सद से कई योग क्लीनिक, योग थैरेपी और योग प्रशिक्षण केंद्र भी स्थापित किए जा रहे हैं.
शिव को पहला योगी या आदियोगी
आज योग काफ़ी चलन में है लेकिन इसका इतिहास कई सालों पुराना है. कहा जाता है कि सभ्यता की शुरुआत के साथ ही योग का अभ्यास शुरू हो गया था, आयोग की उत्पत्ति हज़ारों साल पहले मानी गई है. किसी धर्म या आस्था से भी पुराना योग होता है. योग विद्या में भगवान शिव को पहला योगी या आदियोगी कहा जाता है. कई हज़ार साल पहले आदियोगी ने हिमालय में गांधी सरोवर झील के तट पर अपना गहन ज्ञान सब ऋषियों को दिया और फिर इन ऋषियों में इस योग विज्ञान को एशिया मध्य पूर्वी, उत्तरी अफ़्रीका और दक्षिण अमरीका सहित दुनिया के कई हिस्सों में पहुंचाया गया, भले ही दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में योग का इतिहास अलग-अलग पाया जाता है लेकिन असल में योग की शुरुआत भारत से ही हुई. आपको बता दें, प्राचीन सभ्यताओं के अलावा योग की उपस्थिति लोक परंपराओं, सिंधु घाटी सभ्यता, वैदिक और उपनिषद, बौद्ध और जैन परंपराओं में भी देखने मिलता है.
(Disclaimer: यहां पर बताई गई बातें आम जानकारियों पर आधारित है. यह किसी भी तरह से योग्य राय का विकल्प नहीं है. ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा किसी संबंधित विशेषज्ञ से परामर्श करें. NDTV इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)