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This Article is From Jul 17, 2023

खंडवा : MP का वह जिला, जहां महादेव ओंकार स्वरूप में निवास करते हैं

खंडवा मध्य प्रदेश के निमाड़ अंचल में बसा एक छोटा-सा शहर है. साल 1956 में हुए राज्यों के पुनर्गठन के बाद पूर्वी और पश्चिमी निमाड़ अलग हुए और पूर्वी निमाड़ को खंडवा नाम मिला.

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खंडवा : MP का वह जिला, जहां महादेव ओंकार स्वरूप में निवास करते हैं
खंडवा को प्रसिद्ध पार्श्वगायक किशोर कुमार की जन्मस्थली के रूप में भी जाना जाता है...

हिन्दुस्तान के सबसे लोकप्रिय फिल्मी पार्श्वगायकों में से एक किशोर कुमार के नाम से भला कौन वाकिफ नहीं, लेकिन खुद किशोर दा चाहते थे कि उन्हें 'किशोर कुमार खंडवे वाले' के नाम से पहचाना जाए. खंडवा में पैदा हुए किशोर कुमार अक्सर कहा करते थे, "दूध-जलेबी खाएंगे, खंडवा में बस जाएंगे..." खंडवा मध्य प्रदेश के निमाड़ अंचल में बसा एक छोटा-सा शहर है. साल 1956 में हुए राज्यों के पुनर्गठन के बाद पूर्वी और पश्चिमी निमाड़ अलग हुए और पूर्वी निमाड़ को खंडवा नाम मिला.

राजा मान्धाता की तपस्या से महादेव हुए थे विराजमान
प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ओंकारेश्वर इसी जिले में स्थित है. यह मंदिर जिला मुख्यालय खंडवा से करीब 75 किलोमीटर दूर है. ओंकारेश्वर के संबंध में मान्यता है कि प्राचीन काल में मान्धाता नाम के एक राजा ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए नर्मदा नदी के किनारे बैठकर घनघोर तपस्या की और जब भगवान शिव प्रकट हुए, तो मान्धाता से उनसे यहीं बस जाने का वरदान मांग लिया. कहते हैं, तभी से शिव अपने ओंकार स्वरूप में यहां विराजमान हैं. यह भी मान्यता है कि यहां भगवान शिव देवी पार्वती के साथ चौसर खेलते हैं, इसीलिए यहां सैकड़ों सालों से महाशिवरात्रि पर मंदिर के पट बंद होने से पहले गर्भगृह में चौसर रखे जाने की परंपरा है.

इंदिरा सागर परियोजना के ज़रिये 1000 मेगावॉट तक बिजली का उत्पादन
मध्य प्रदेश का प्रसिद्ध इंदिरा सागर बांध भी खंडवा जिले के पुनासा में स्थित है. इस जल विद्युत परियोजना के माध्यम से 1000 मेगावॉट तक बिजली पैदा की जा सकती है. इसी जिले में हरसूद नाम का शहर भी हुआ करता था, जिसे इंदिरा सागर बांध के डूब क्षेत्र में आने के कारण 2004 में शिफ्ट कर छनेरा नाम के स्थान पर बसाया गया था. इस विस्थापन का दर्द आज भी यहां के लोगों के दिल में है. छनेरा को नया हरसूद के नाम से भी जाना जाता है. इस बांध के माध्यम से खंडवा को पॉवर हब के रूप में स्थापित करने की कोशिशें जारी हैं.

हनुवंतिया के ज़रिये पर्यटकों को लुभाने की कोशिश
मध्य प्रदेश के पर्यटन मानचित्र पर भी खंडवा का एक अहम स्थान है. ओंकारेश्वर में तो हमेशा ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. इसके अलावा यहां इंदिरा सागर बांध के बैकवॉटर में हनुवंतिया टापू का निर्माण किया गया है. यहां वॉटर स्पोर्ट्स, बर्ड वॉचिंग, क्रूज़ एवं नौका विहार जैसे कई आकर्षण मौजूद हैं. यहां हर साल बड़ी संख्या में सैलानी आते हैं. यहां संत श्री धूनी वाले दादाजी की समाधि पर भी बड़ी तादाद में भक्त दर्शन के लिए आते हैं. स्वर्गीय किशोर कुमार का शहर होने के कारण यहां उनकी समाधि का भी निर्माण किया गया है, जहां काफी तादाद में किशोर दा के फैन पहुंचते हैं.

आइए, एक नज़र खंडवा से जुड़ी अहम जानकारियों पर...

  • खंडवा में प्याज़, सोयाबीन, गेहूं और चने जैसी फसलें बहुतायत में होती हैं.
  • खंडवा में एक नगर निगम और 4 नगर पंचायत - पंधाना, मूंदी, ओंकारेश्वर, नया हरसूद (छनेरा) हैं.
  • खंडवा जिले में कुल 781 गांव हैं.
  • खंडवा में 4 विधानसभा क्षेत्र हैं - खंडवा, मान्धाता, हरसूद, पंधाना.
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